भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोगबे 14 से 18 मार्च, 2024 के बीच भारत के पांच दिवसीय दौरे पर आये। पूर्व में भारत के विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा 29 से 31 जनवरी 2024 तक थिम्पू, भूटान की आधिकारिक यात्रा की थी।
- एक तरफ जहां भूटान और चीन के बीच जारी सीमा विवाद पर संवाद बढ़ रहा है वहीं भारत और भूटान के बीच लगातार विमर्श चल रहा है।
पीएम नरेन्द्र मोदी की भूटान की संभावित यात्रा:
- पीएम नरेन्द्र मोदी की भूटान यात्रा को लेकर भी दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है। भारत में शीघ्र ही आम चुनाव की घोषणा होने वाली है। ऐसे में पीएम मोदी की भूटान यात्रा का समय भी चुनाव घोषणा पर निर्भर करेगा।
सरकार ने भूटान को सहयोग संबंधी तीन प्रस्तावों को मंजूरी दी:
भूटान के पीएम की भारत यात्रा के ठीक पहले 13 मार्च, 2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भूटान को सहयोग देने से संबंधित तीन प्रस्तावों को मंजूरी दी-
- इसमें एक समझौता दोनो देशों के बीच ऊर्जा संरक्षण और ऊर्जा क्षमता बढ़ाने को लेकर है।
- दूसरा समझौता भूटान को पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति देने से संबंधित है।
- तीसरा समझौता भूटान के साथ ख़ाद्य सुरक्षा से से संबंधित है।
पीएम तोगबे की पीएम मोदी के साथ होगी उच्चस्तरीय वार्ता:
- पीएम तोगबे की यह यात्रा दोनों देशों को अपने ऐतिहासिक संबंधों की समीक्षा करने और आने वाले वर्षों में संबंधों की दिशा तय करने की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इस दौरान तोगबे पीएम मोदी के साथ शीर्षस्तरीय वार्ता करेंगे।
- तोगबे की, विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ एक अतिरिक्त बैठक भी होगी।
- तोगबे के साथ एक उच्चस्तरीय दल भी भारत आया है जिसमें भूटान के विदेश मंत्री, वाणिज्य मंत्री और ऊर्जा मंत्री शामिल शामिल हैं।
- पीएम तोगबे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु से भी मुलाकात करेंगे।
- भूटान में जनवरी, 2024 में चुनाव हुआ था जिसमें तोगबे की पार्टी फिर से सत्ता में वापस लौटी थी। उसके बाद भारतीय विदेश सचिव क्वात्रा ने भूटान की यात्रा की थी।
भूटान-चीन के साथ सीमा विवाद समझौता:
- तोगबे सरकार ने पिछले कार्यकाल में चीन के साथ सीमा विवाद को सुलझाने के लिए समझौता किया था। पांच महीने पहले भूटान के विदेश मंत्री टांडी दोर्जी की मुलाकात चीन के विदेश मंत्री वांग यी से हुई थी। दोनों मंत्रियों की मुलाकात के बाद जारी बयान में भूटान ने कहा था कि वह चीन के साथ अपने सीमा विवाद को शीघ्रता से सुलझाना चाहता है।
भूटान-चीन समझौता भारतीय हितों को करेगा प्रभावित:
- भूटान और चीन के बीच सीमा विवाद को सुलझाने को लेकर चल रहे मतभेद के बिंदु भारत के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं।
- इन दोनों देशों के बीच किये जाने वाले समझौते का भारत की रणनीतिक हितों पर सीधा प्रभाव पड़ने की संभावना है।
- भारत-भूटान-चीन की सीमा पर स्थित डोकलाम की स्थिति को लेकर भूटान और चीन के बीच होने वाला समझौता भारत के हितों को प्रभावित कर सकता है।
भूटान से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य:
- भूटान, भारत एवं चीन के मध्य स्थित एक पहाड़ी देश है। भूटान चारों ओर पहाड़ और घाटियाँ एवं भूमि से घिरा हुआ है।
- देश में पहले लोकतांत्रिक चुनाव होने के बाद वर्ष 2008 में भूटान एक लोकतांत्रिक देश बन गया। भूटान के राजा, राज्य के प्रमुख होते हैं।
- इसे 'किंगडम ऑफ भूटान' नाम दिया गया है। भूटानी भाषा में इसका पारंपरिक नाम ड्रुक ग्याल खाप है, जिसका अर्थ 'थंडर ड्रैगन की भूमि' है।
- भूटान की सबसे लंबी नदी मानस है इसकी लंबाई 376 किलोमीटर से अधिक है।
- भूटान में संसदीय राजतंत्र मौजूद है।
- राजधानी : थिम्पू (थिम्पू देश के पूर्वी भाग में स्थित है)।