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ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 का चौथा संस्करण नई दिल्ली में संपन्न हुआ

Utkarsh Classes Last Updated 16-09-2024
4th edition of the Global Bio-India 2024  concludes in New Delhi Summit and Conference 4 min read

चौथा ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 ,14 सितंबर 2024 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। तीन दिवसीय चौथा ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 12 से 14 सितंबर 2024 तक नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 ने दुनिया के सामने अनुसंधान, विकास और विनिर्माण के लिए बायोटेक क्षेत्र में भारत की विशाल क्षमता को प्रदर्शित किया।

 पहला ग्लोबल बायो-इंडिया 2021 में आयोजित किया गया था, और तब से, यह सालाना आयोजित किया जाता है।

चौथे ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 के आयोजक

चौथे ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 का आयोजन भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत जैव प्रौद्योगिकी विभाग और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) द्वारा किया गया था। 

चौथे ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 में दक्षिण कोरिया भागीदार देश था।

चौथे ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 का उद्घाटन किसने किया?

चौथे ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 संस्करण का उद्घाटन केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), राज्य मंत्री प्रधान मंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग, डॉ. जितेंद्र सिंह ने 12 सितंबर 2024 को किया।

चौथे ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 का विषय

चौथे ग्लोबल बायो-इंडिया 2024 का विषय 'बायोटेक इनोवेशन' और 'बायो-मैन्युफैक्चरिंग' था।

इस साल विषय का उद्देश्य भारत को जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अनुसंधान और विकास और विनिर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में बढ़ावा देना है।

जैव प्रौद्योगिकी और जैव अर्थव्यवस्था?

जैव अर्थव्यवस्था का तात्पर्य औद्योगिक वस्तुओं, भोजन या ऊर्जा का उत्पादन करने के लिए नवीकरणीय जैविक संसाधनों का उपयोग करना है। जैव-प्रौद्योगिकी जैव-अर्थव्यवस्था के विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाती है।

जैव प्रौद्योगिकी में  प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल जैविक प्रणालियों, जीवित जीवों या जीवित जीवों के हिस्सों का उपयोग कर  विभिन्न औद्योगिक वस्तुओं (रसायनों, एंजाइमों, कागज, वस्त्र और भोजन का उत्पादन), दवाओं, कृषि (आनुवंशिक रूप से संशोधित  पौधे, जैव ईंधन वस्तुओं का विकास) का विकास और उत्पादन के लिए जाता है।

भारत में जैव अर्थव्यवस्था की स्थिति 

भारत सरकार ने हाल ही में बायो ई3 (अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) नीति को मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य इस क्षेत्र में जैव विनिर्माण और रोजगार को बढ़ावा देकर भारत को एक वैश्विक बायोटेक पावरहाउस बनाना है।

  • जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) के अनुसार, भारतीय जैव अर्थव्यवस्था जो 2014 में 10 बिलियन डॉलरथी 2024 में बढ़कर 130 बिलियन डॉलर हो गई है।
  • भारत सरकार ने 2025 तक 150 बिलियन डॉलर की जैव अर्थव्यवस्था हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
  • वर्तमान में टीकों का 60 प्रतिशत वैश्विक उत्पादन भारत में होता है।
  • अमरीका के बाहर यूएसएफडीए द्वारा अनुमोदित विनिर्माण संयंत्रों की संख्या के मामले में भारत दूसरे स्थान पर है। 
  • ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटजिक पैसिफिक इंस्टीट्यूट एएसपी की हाल ही में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 'भारत 64 प्रौद्योगिकियों में से 45 में शीर्ष देशों में से एक है और बायोटेक विनिर्माण में दूसरा स्थान रखता है।

FAQ

उत्तर: 12-14 सितंबर 2024 तक नई दिल्ली में

उत्तर: केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत 'जैव प्रौद्योगिकी विभाग' और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद द्वारा संयुक्त रूप से।

उत्तर: 'बायोटेक इनोवेशन' और 'बायो-मैन्युफैक्चरिंग'

उत्तर : जीतेन्द्र सिंह, केन्द्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री प्रधान मंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग।

उत्तर: 2030

उत्तर: बायो ई3-जैव प्रौद्योगिकी अर्थव्यवस्था, रोजगार और पर्यावरण के लिए
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