वर्ष 2013 से हर साल 21 मार्च को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य वर्तमान और भावी पीढ़ियों के लाभ के लिए वनों और वनों के बाहर सभी प्रकार के वृक्षों के संरक्षण, सतत प्रबंधन और विकास को मजबूत करने के लिए दुनिया भर में जागरूकता बढ़ाना है।
संयुक्त राष्ट्र के एक अनुमान के अनुसार दुनिया भर में हर साल लगभग 1 करोड़ या 10 मिलियन हेक्टेयर वन भूमि नष्ट हो रही है।
विश्व के कमजोर समुदायों के लिए वनों और उनके संसाधनों के महत्व को रेखांकित करते हुए संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट कहती है कि संकट की स्थिति में, ग्रामीण क्षेत्रों में वन, पारिवारिक आय का 20% तक प्रदान करते हैं।
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) ने नवंबर 1971 में आयोजित अपने 16वें वार्षिक सम्मेलन में 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने दिसंबर 2012 में 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वानिकी दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया।
2013 से 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है।
2025 अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का विषय ‘वन और भोजन’ है।
यह विषय मनुष्यों को भोजन, पोषण और आजीविका प्रदान करने में वनों द्वारा निभाई गई भूमिका को रेखांकित करती है।
यह विषय वनों के क्षरण और मानव अतिक्रमण के कारण वनों के समक्ष आने वाले खतरे के बारे में जागरूकता बढ़ाने का भी प्रयास करती है।
यह वनों की कटाई, आवास क्षरण और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए हमारे वनों के लिए तकनीकी नवाचारों का उपयोग करने के लिए कार्रवाई का आह्वान करता है।
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