रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंस, स्टॉकहोम ने रसायन विज्ञान में 2024 के नोबेल पुरस्कार के लिए डेविड बेकर, डेमिस हसाबिस और जॉन एम. जम्पर को चुना है। अमेरिकी डेविड बेकर को 'कम्प्यूटेशनल प्रोटीन डिज़ाइन' पर उनके काम के लिए सम्मानित किया गया। ब्रिटिश डेमिस हस्साबी और अमेरिकी जॉन एम. जम्पर को उनके अमीनो एसिड अनुक्रमों से प्रोटीन संरचनाओं की भविष्यवाणी करने में उनके काम के लिए सम्मानित किया गया।
11 मिलियन क्रोनर का नकद पुरस्कार तीन विजेताओं के बीच साझा किया जाएगा। पुरस्कार का आधा हिस्सा डेविड बेकर को दिया जाएगा, और दूसरा आधा हिस्सा डेमिस हसाबिस और जॉन एम. जम्पर के बीच समान रूप से साझा किया जाएगा। यह पुरस्कार उन्हें 10 दिसंबर 2024 को स्टॉकहोम, स्वीडन में एक समारोह में प्रदान किया जाएगा।
नोबेल पुरस्कार, नोबेल फाउंडेशन द्वारा -भौतिकी, रसायन विज्ञान, शरीर विज्ञान या चिकित्सा, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र में प्रदान जाता है। नोबेल फाउंडेशन की स्थापना परोपकारी और डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की इच्छा के अनुसार की गई थी।
अमीनो एसिड से बने प्रोटीन, मनुष्य में सभी रासायनिक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित और संचालित करते हैं। वे हार्मोन, संकेत पदार्थ, एंटीबॉडी और विभिन्न ऊतकों के निर्माण खंड के रूप में भी कार्य करते हैं।
प्रोटीन में आम तौर पर 20 विभिन्न प्रकार के अमीनो एसिड होते हैं जिन्हें जीवन-निर्माण ब्लॉक कहा जाता है।
2013 में, डेविड बेकर ने एक नए प्रकार का प्रोटीन डिजाइन करने में सफल रहे जो किसी भी अन्य प्रोटीन से बिलकुल अलग था।
2020 में, डेमिस हसाबिस और जॉन जम्पर ने अल्फाफोल्ड2 नामक एक एआई (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) मॉडल विकसित किया, जो मनुष्यों को ज्ञात लगभग सभी 200 मिलियन प्रोटीन की संरचना के बारे में जानकारी देते है।
इन तीनों वैज्ञानिकों के काम में कई वैज्ञानिक अनुप्रयोग हैं, जैसे एंटीबायोटिक प्रतिरोध की बेहतर समझने मे मद्दद, उन एंजाइमों की छवियों का निर्माण जो प्लास्टिक को विघटित कर सकते हैं।
रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार, नोबेल फाउंडेशन द्वारा 1900 में स्थापित किया गया था और पहली बार 1901 में प्रदान किया गया था।
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