महाराष्ट्र और तमिलनाडु जैसे राज्यों को पीछे छोड़ते उत्तर प्रदेश उन राज्यों की सूची में सबसे ऊपर है जिन्होंने 2022-23 में बैंकों और वित्तीय संस्थानों से सर्वाधिक निवेश निधि आकर्षित की है।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अगस्त बुलेटिन 2023 में प्रकाशित एक रिपोर्ट "निजी कॉर्पोरेट निवेश: प्रदर्शन और निकट अवधि आउटलुक" के अनुसार, उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी जो 2013-14 में 1.1%थी ,बढ़कर 2022-23 में 16.2% हो गई है।
यह रिपोर्ट विभिन्न राज्यों में पूंजी निवेश के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा निजी क्षेत्र को स्वीकृत परियोजनाओं की कुल लागत पर आधारित है।
बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा ऋण स्वीकृतियों में वृद्धि
इस रिपोर्ट के अनुसार 2021-22 की तुलना में 2022-23 में बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं की संख्या और राशि में वृद्धि हुई है।
2021-22 के दौरान 1,41,976 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत वाली 401 परियोजनाओं की तुलना में 2022-23 के दौरान 2,66,547 करोड़ रुपये की रिकॉर्ड उच्च कुल परियोजना लागत के साथ लगभग 547 परियोजनाओं को बैंकों और वित्तीय संस्थानों से सहायता मिली।
बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा समर्थित परियोजनाओं से निवेश निधि आकर्षित करने में शीर्ष राज्य
शीर्ष पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, महाराष्ट्र और कर्नाटक की 2022-23 के दौरान कुल परियोजना लागत में 57.2 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा स्वीकृत परियोजनाओं की कुल लागत में
उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी सबसे अधिक (16.2 प्रतिशत) रही, इसके बाद:
गुजरात, 14%
ओडिशा, 11.8%
महाराष्ट्र 7.9% और
कर्नाटक 7.3%
उद्योग जिसने सर्वाधिक निवेश आकर्षित किया
2022-23 के दौरान बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा समर्थित परियोजनाओं में से सबसे अधिक 60 प्रतिशत हिस्सेदारी बुनियादी ढांचा क्षेत्र, जिसमें बिजली, दूरसंचार, बंदरगाह और हवाई अड्डे, भंडारण और जल प्रबंधन, विशेष आर्थिक क्षेत्र (एसईजेड), औद्योगिक, बायोटेक और आईटी पार्क, और सड़कें और पुल शामिल हैं,की रही ।
बुनियादी ढाँचे के क्षेत्र में सबसे ज़्यादा निवेश सड़कों और पुलों की परियोजना में है ।