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लोकतंत्र का अंतर्राष्ट्रीय दिवस

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
International Day of Democracy Important Day 4 min read

हर साल 15 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। लोकतंत्र शब्द यूनानी  शब्द "डेमोस" जिसका अर्थ 'लोग' है और "क्रेटोस" जिसका अर्थ 'शक्ति' है से आया है। इस प्रकार लोकतंत्र का अर्थ है जनता का शासन। हमारे संविधान की प्रस्तावना में "हम भारत के लोग" शब्द जनता के शासन ,अर्थात लोकतन्त्र का प्रतीक है।

संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने लोकतंत्र को "लोगों का, लोगों के लिए और लोगों द्वारा शासन" के रूप में परिभाषित किया था ।

अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस की पृष्ठभूमि

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2007 में 15 सितंबर को अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया। पहला अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस 15 सितंबर 2008 को मनाया गया था।

अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस 2023 की थीम(विषय)

अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस 2023 का विषय है: अगली पीढ़ी को सशक्त बनाना (:Empowering the next generation.”)

संयुक्त राष्ट्र के अनुसार इस साल का विषय "आज और भविष्य में लोकतंत्र सुनिश्चित करने में बच्चों और युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर केंद्रित है। युवा लोग लोकतंत्र को आगे बढ़ाने में एक आवश्यक भूमिका निभाते हैं और यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि उनकी आवाज़ को इसमें शामिल किया जाए। "  

भारत लोकतंत्र की जननी 

भारत में लोकतंत्र एक सदियों पुरानी अवधारणा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार भारत विश्व में लोकतंत्र की जननी है।  भारतीय लोकाचार के अनुसार, लोकतंत्र में समाज में स्वतंत्रता, स्वीकार्यता, समानता और समावेशिता के मूल्य शामिल होते हैं और यह अपने आम नागरिकों को गुणवत्तापूर्ण और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देता है। भारत के महान महाकाव्य रामायण और महाभारत भी निर्णय प्रक्रिया में लोगों को समावेशित करने की बात करते हैं। 

भारत के प्राचीन , पवित्र ग्रंथ - ऋग्वेद और अथर्ववेद की पंक्तियों में सभा, समिति और संसद जैसी सहभागी संस्थाओं का उल्लेख मिलता  है। वर्तमान में भी हमारे देश की लोकतन्त्र की सर्वोच्च संस्था का नाम भी ‘संसद’ है। 

भारत: लोकतंत्र की जननी पर पोर्टल

केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने 8 सितंबर 2023 को नई दिल्ली में 18वें जी 20 शिखर सम्मेलन की पूर्व संध्या पर 'भारत: द मदर ऑफ डेमोक्रेसी'  नमक एक पोर्टल का शुभआरंभ किया था । यह पोर्टल;

  • सिंधु-सरस्वती सभ्यता से लेकर 2019 तक भारत में लोकतंत्र के 7000 साल पुराने इतिहास को प्रदर्शित करता है।
  • पोर्टल पर सामग्री अंग्रेजी और हिंदी के अलावा जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश, अरबी, पुर्तगाली, इतालवी, तुर्की और रूसी सहित 16 भाषाओं में उपलब्ध है।
  • पोर्टल को सिंधु-सरस्वती सभ्यता (6000-2000 ईसा पूर्व), महाजनपद और गणतंत्र (7-8 ईसा पूर्व), विजयनगर साम्राज्य (14-16 शताब्दी), मुगल सम्राट अकबर शासनकाल (1556) से शुरू करके पांच खंडों और 22 उप-खंडों में विभाजित किया गया है। -1605) से लेकर भारत के संविधान (1947) और आधुनिक भारत में चुनाव (1952 से आगे)।

 

FAQ

उत्तर : 15 सितम्बर

उत्तर : 15 सितम्बर 2008।

उत्तर: अगली पीढ़ी को सशक्त बनाना।

उत्तर : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन

उत्तर : 8 सितंबर 2023 केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय द्वारा

उत्तर: अंग्रेजी और हिंदी के अलावा जर्मन, फ्रेंच, स्पेनिश, अरबी, पुर्तगाली, इतालवी, तुर्की और रूसी सहित 16 भाषाएँ।
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