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विश्व तंबाकू निषेध दिवस 2024: विषय और इसकी पृष्ठभूमि

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
World No Tobacco Day 2024: Theme and Background Important Day 5 min read

हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस  मान्य जाता है । यह हर साल जनता और नीति निर्माताओं का ध्यान वैश्विक तंबाकू महामारी और इससे होने वाली रोकथाम योग्य मृत्यु और बीमारी की ओर आकर्षित करने के लिए मनाया जाता है।

विश्व तंबाकू निषेध दिवस की पृष्ठभूमि 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की विश्व स्वास्थ्य सभा ने 1988 में 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव पारित किया था । 

31 मई 1988 को पहला विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया गया।

विश्व स्वास्थ्य सभा ,डबल्यूएचओ की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है जो स्विट्जरलैंड के जेनेवा में स्तिथ डबल्यूएचओ के  मुख्यालय में सालाना आयोजित होती  है। बैठक में डबल्यूएचओ के सभी सदस्य देश शामिल होते हैं ।वर्तमान में डबल्यूएचओ के 194 सदस्य देश और दो सहयोगी सदस्य हैं।

तम्बाकू का सेवन और स्वास्थ्य पर इसका प्रभाव 

तम्बाकू का सेवन या तो धूम्रपान के रूप में या धूम्रपान रहित रूप में इस्तेमालल किया जाता है । तम्बाकू का धूम्रपान बीड़ी, सिगरेट, सिगार, हुक्का आदि के रूप में किया जाता है। धूम्रपान रहित तम्बाकू के सेवन का मुख्य स्रोत तम्बाकू को चबा कर या सूंघ कर किया जाता है। भारत में धूम्रपान रहित तंबाकू का सेवन मुंह के कैंसर का प्रमुख कारण है।

तम्बाकू का धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर, हृदय रोग, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस कैंसर और वातस्फीति रोगों का एक प्रमुख कारण है। तम्बाकू के धूम्रपान से श्वसन संकट, गैस्ट्रिक अल्सर और गर्भावस्था संबंधी जटिलताएँ भी होती हैं। गर्भावस्था पर धूम्रपान के प्रतिकूल प्रभाव जन्म के समय कम वजन से लेकर सहज गर्भपात, समय से पहले जन्म, मृत जन्म और नवजात मृत्यु की घटनाओं में वृद्धि होती हैं।

तम्बाकू का धूम्रपान न केवल उपयोगकर्ताओं के लिए स्वास्थ्य संबंधी जटिलताएँ पैदा करता है, बल्कि आस-पास के व्यक्ति को भी प्रभावित करता है। आसपास के लोग जिन्हें आम तौर पर गैर-धूम्रपान करने वाला भी कहा जाता है, उन्हें हृदय रोग और फेफड़ों के कैंसर का होने का बड़ा खतरा है।

2024 विश्व तंबाकू निषेध दिवस की विषय 

हर साल विश्व स्वास्थ्य संगठन किसी विशेष मुद्दे को उजागर करने के लिए विश्व तंबाकू निषेध दिवस के लिए एक विषय का चयन करता है। इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाने के लिए  को 2024 का विषय चुना है।

इस साल का  विषय इस तथ्य पर प्रकाश डालता है कि तंबाकू उद्योग किस तरह से युवाओं को लक्षित करते हैं  ताकि एक आजीवन उपयोगकर्ता तैयार किया जा सके। डबल्यूएचओ के अनुसार  विश्व में 13-15 वर्ष आयु वर्ग के अनुमानित 37 मिलियन युवा तम्बाकू का उपयोग करते हैं।

तम्बाकू और भारत 

तम्बाकू को अमेरिका का मूल पौधा माना जाता है। 

भारत में तम्बाकू लाने का श्रेय पुर्तगालियों को जाता है जिन्होंने 1605 में भारत में इसकी खेती शुरू की थी ।

शुरुआत में तम्बाकू गुजरात के कैरा और मेहसाणा जिलों में उगाया गया और बाद इसकी खेती देश के अन्य क्षेत्रों में शुरू हो गई।

चीन के बाद भारत दुनिया में तम्बाकू का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है ।

भारत, ब्राज़ील के बाद दुनिया में तम्बाकू का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक देश है। 

भारत में शीर्ष तम्बाकू उत्पादक राज्य हैं: 

  • गुजरात, (भारत में कुल उत्पादन का 45% हिस्सा)
  • आंध्र प्रदेश (20%)
  • उत्तर प्रदेश (15%), 
  • कर्नाटक (8%)

FAQ

उत्तर: 31 मई 2024

उत्तर: बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना।

उत्तर: 1605 में पुर्तगालियों ने

उत्तर: चीन के बाद दूसरा।

उत्तर: गुजरात
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