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विश्व बाल दिवस 2023, थीम और इसका महत्व

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
World Children’s Day 2023, Theme And Its Significance Important Day 5 min read

हर साल 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व बाल दिवस दुनिया भर में बच्चों के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और दुनिया भर में बच्चों के कल्याण में सुधार के लिए मनाया जाता है। विश्व बाल दिवस ,यूनिसेफ का बच्चों द्वारा बच्चों के लिए कार्रवाई का वार्षिक दिवस है।

भारत में 14 नवंबर को 'राष्ट्रीय बाल दिवस' के रूप में मनाया जाता है। 14 नवंबर को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती है।

इस दिन की पृष्ठभूमि

विश्व बाल दिवस को पहले सार्वभौमिक बाल दिवस के रूप में मनाया जाता था। इसे पहली बार 1954 में मनाया  गया था। 

20 नवंबर का दिन दुनिया भर में बच्चों के अधिकारों के लिए विशेष महत्व रखता है।

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 नवंबर, 1959 को "बाल अधिकारों की घोषणा"(Declaration of the Rights of the Child) को अपनाया था।

इसके अलावा, 20 नवंबर 1989 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 'बाल अधिकारों पर सम्मेलन'(Convention on the Rights of the Child) को अपनाया था ।

20 नवंबर 1990, संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा बच्चों के अधिकारों की घोषणा और बच्चों के अधिकारों पर सम्मेलन' को अपनाने की वर्षगांठ भी है।

विश्व बाल दिवस 2023 की थीम

विश्व बाल दिवस 2023 की थीम: हर बच्चे के लिए, हर अधिकार

बच्चे की परिभाषा

  • बच्चों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन1989, जो 1990 में लागू हुआ, एक बच्चे को 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति के रूप में परिभाषित करता है।
  • भारत में, 'किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015' एक बच्चे को 18 वर्ष से कम उम्र के व्यक्ति के रूप में परिभाषित करता है।

भारतीय संविधान में बच्चों के संबंध में संवैधानिक प्रावधान

  • संविधान के 86वें संशोधन अधिनियम 2002 द्वारा अनुच्छेद 21(अ) जोड़ा गया था, जिसके अनुसार राज्य 6 से 14 वर्ष तक आयु के सभी बच्चों को नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान करेगा। हालांकि  86वें संशोधन अधिनियम 2002  में यह भी प्रावधान किया गया था की यह मौलिक अधिकार तभी लागू होगा जब संसद इसके लिए कानून बनाए गा। 
  • इस मूल अधिकार के क्रियान्वयन हेतु वर्ष 2009 में नि:शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (Right of Children to Free and Compulsory Education-RTE Act) बनाया गया। जो 1 अप्रैल 2010 से लागू हुआ था।
  • अनुच्छेद 21-अ और आरटीई अधिनियम 1 अप्रैल, 2010 को लागू किया गया था।
  • भारतीय संविधान के अनुच्छेद 45 में प्रावधान है की , "राज्य छह वर्ष की आयु पूरी करने तक सभी बच्चों को प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल और शिक्षा प्रदान करने का प्रयास करेगा।" 

बाल अधिकार सप्ताह

राष्ट्रीय बाल दिवस से विश्व बाल दिवस तक पूरे भारत में 14-20 नवंबर तक बाल अधिकार सप्ताह मनाया जाता है।

बच्चों से सम्बंधित अन्य महत्वपूर्ण दिन

4 जून: आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस

12 जून: बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस

12 अगस्त: अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस

11 अक्टूबर: अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस

यूनिसेफ (संयुक्त राष्ट्र बाल कोष)

यूनिसेफ की स्थापना 11 दिसंबर 1946 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा "संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष" के रूप में की गई थी। यूनिसेफ की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप और चीन में बच्चों की आपातकालीन जरूरतों को पूरा करने के लिए की गई थी।

1950 में यूनिसेफ के कार्यक्षेत्र का विस्तार किया गया और दुनिया भर के विकासशील देशों में बच्चों और महिलाओं की दीर्घकालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए इसके संचालन के क्षेत्र को बढ़ाया गया। 

1953 में यूनिसेफ को संयुक्त राष्ट्र प्रणाली का स्थायी हिस्सा बना दिया गया। इसका नाम बदलकर "संयुक्त राष्ट्र बाल कोष" कर दिया गया। हालाँकि, यूनिसेफ ने अपना मूल संक्षिप्त नाम बरकरार रखा।

मुख्यालय: न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका

कार्यकारी निदेशक: कैथरीन रसेल

 

FAQ

उत्तर: 20 नवंबर

उत्तर: सार्वभौमिक बाल दिवस

उत्तर: हर बच्चे के लिए, हर अधिकार।

उत्तर: अनुच्छेद 21-अ। इसे 86वें संवैधानिक संशोधन 2002 द्वारा संविधान में डाला गया था। इसे 1 अप्रैल, 2010 को शिक्षा का अधिकार अधिनियम के माध्यम से लागू किया गया था।

उत्तर: 18 वर्ष से कम आयु का व्यक्ति।

उत्तर: न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका

उत्तर: संयुक्त राष्ट्र बाल कोष। यूनिसेफ की स्थापना 11 दिसंबर 1946 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष के रूप में की गई थी। 1953 में यूनिसेफ को संयुक्त राष्ट्र प्रणाली का स्थायी हिस्सा बना दिया गया और इसका नाम बदलकर संयुक्त राष्ट्र बाल कोष कर दिया गया।
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