हर साल 20 नवंबर को विश्व बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। विश्व बाल दिवस दुनिया भर में बच्चों के अधिकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और दुनिया भर में बच्चों के कल्याण में सुधार के लिए मनाया जाता है। विश्व बाल दिवस ,यूनिसेफ का बच्चों द्वारा बच्चों के लिए कार्रवाई का वार्षिक दिवस है।
भारत में 14 नवंबर को 'राष्ट्रीय बाल दिवस' के रूप में मनाया जाता है। 14 नवंबर को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती है।
विश्व बाल दिवस को पहले सार्वभौमिक बाल दिवस के रूप में मनाया जाता था। इसे पहली बार 1954 में मनाया गया था।
20 नवंबर का दिन दुनिया भर में बच्चों के अधिकारों के लिए विशेष महत्व रखता है।
संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 20 नवंबर, 1959 को "बाल अधिकारों की घोषणा"(Declaration of the Rights of the Child) को अपनाया था।
इसके अलावा, 20 नवंबर 1989 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 'बाल अधिकारों पर सम्मेलन'(Convention on the Rights of the Child) को अपनाया था ।
20 नवंबर 1990, संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा बच्चों के अधिकारों की घोषणा और बच्चों के अधिकारों पर सम्मेलन' को अपनाने की वर्षगांठ भी है।
विश्व बाल दिवस 2023 की थीम: हर बच्चे के लिए, हर अधिकार
राष्ट्रीय बाल दिवस से विश्व बाल दिवस तक पूरे भारत में 14-20 नवंबर तक बाल अधिकार सप्ताह मनाया जाता है।
4 जून: आक्रामकता के शिकार मासूम बच्चों का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
12 जून: बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस
12 अगस्त: अंतर्राष्ट्रीय युवा दिवस
11 अक्टूबर: अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस
यूनिसेफ की स्थापना 11 दिसंबर 1946 को संयुक्त राष्ट्र द्वारा "संयुक्त राष्ट्र अंतर्राष्ट्रीय बाल आपातकालीन कोष" के रूप में की गई थी। यूनिसेफ की स्थापना द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप और चीन में बच्चों की आपातकालीन जरूरतों को पूरा करने के लिए की गई थी।
1950 में यूनिसेफ के कार्यक्षेत्र का विस्तार किया गया और दुनिया भर के विकासशील देशों में बच्चों और महिलाओं की दीर्घकालिक जरूरतों को पूरा करने के लिए इसके संचालन के क्षेत्र को बढ़ाया गया।
1953 में यूनिसेफ को संयुक्त राष्ट्र प्रणाली का स्थायी हिस्सा बना दिया गया। इसका नाम बदलकर "संयुक्त राष्ट्र बाल कोष" कर दिया गया। हालाँकि, यूनिसेफ ने अपना मूल संक्षिप्त नाम बरकरार रखा।
मुख्यालय: न्यूयॉर्क, संयुक्त राज्य अमेरिका
कार्यकारी निदेशक: कैथरीन रसेल