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पश्चिम बंगाल सरकार कोलकाता में प्रतिष्ठित ट्राम सेवा बंद करेगी

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
West Bengal Government to Close Iconic Tram Service in Kolkata Transport 5 min read

पश्चिम बंगाल सरकार कोलकाता शहर के कुछ हिस्सों को छोड़कर शहर की ऐतिहासिक ट्राम सेवा को बंद करने की योजना बना रही है। इसकी घोषणा 25 सितंबर 2024 को पश्चिम बंगाल के परिवहन मंत्री स्नेहाशीष चक्रवर्ती ने की । हालांकि मंत्री ने यह भी कहा  कि चूंकि मामला कलकत्ता उच्च न्यायालय के पास है, इसलिए राज्य सरकार उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार कार्य करेगी। 

मंत्री ने कहा कि मैदान, एस्प्लेनेड और खिदिरपुर खंड पर सेवा जारी रहेगी लेकिन वे एक विरासत सेवा के रूप में जारी रहेंगी।

कोलकाता भारत का एकमात्र शहर है  जहां अभी भी ट्राम परिवहन सेवा चालू है और ट्राम सेवाओं के बंद होने से कोलकाता ट्राम की 151 साल की ऐतिहासिक सेवा समाप्त हो जाएगी।

ट्राम जिसे लाइट रेल ट्रांजिट भी कहा जाता है, एक शहरी परिवहन प्रणाली है जो आधुनिक समय  में यात्रियों के परिवहन के लिए बिजली से चलने वाले वाहनों का उपयोग करती है।

यह एक प्रकार का रेल परिवहन वाहन है जो ट्रामवे ट्रैक पर चलता है। शहर की सड़कों पर रेलवे ट्रैक की तरह ट्रामवे ट्रैक बनाए जाते हैं। सड़कों पर पटरियां धंसी हुई हैं ताकि सामान्य वाहनों का आवागमन प्रभावित न हो.

कोलकाता में ट्राम सेवा बंद करने का कारण 

स्नेहाशीष चक्रवर्ती के अनुसार, शहर में यातायात के व्यस्ततम समय के दौरान ट्राम प्रणाली शहर में ट्रैफिक जाम का एक प्रमुख कारण है। कोलकाता के सतही क्षेत्र का केवल 6 प्रतिशत हिस्सा सड़कों का है और तेज तथा सुविधाजनक यात्रा के लिए लोगों द्वारा कारों का ज़्यादा उपयोग कर रहे हैं। इस समय ट्राम की आवाजही के कारण  शहर में अक्सर भीड़ और जाम की स्थिति पैदा हो जा रही है ।

भारत के अन्य शहरों में ट्राम व्यवस्था बंद होने का यही मुख्य कारण रहा है।

भारत में ट्राम प्रणाली का इतिहास 

अंग्रेजों ने भारत में ट्राम प्रणाली की शुरुआत की। इसे सबसे पहले कोलकाता (तब कलकत्ता) और बाद में मुंबई (तब बॉम्बे), चेन्नई (तब मद्रास), दिल्ली, नासिक, कानपुर, पटना, कोच्चि (तब कोचीन) और भावनगर में पेश किया गया था।

 कोलकाता: 1873 में अंग्रेजों द्वारा कोलकाता में ट्राम की शुरुआत की गई थी जो घोड़ों द्वारा संचालित की जाती थी। बाद में भाप इंजन का उपयोग किया गया और अंततः 1902 में कोलकाता में इलेक्ट्रिक ट्राम की शुरुआत की गई। आजादी के बाद कोलकाता में ट्राम सेवा पश्चिम बंगाल परिवहन निगम द्वारा चलायी जाती  है। 

मुंबई : मुंबई में 1874 में घोड़ा चालित ट्राम सेवाएं शुरू की गईं और 1964 में शहर में ट्राम सेवा बंद कर दी गई।

चेन्नई: घोड़े से चलने वाली ट्राम की शुरुआत चेन्नई में 1874 में हुई थी और देश का पहला इलेक्ट्रिक ट्राम कोलकाता और मुंबई से बहुत पहले 1895 में शहर में शुरू  किया गया था। 1953 में इसे बंद कर दिया गया।

नासिक: 1889 में घोड़ा चालित ट्राम शुरू करने वाला नासिक भारत का चौथा शहर था और 1933 में शहर में ट्राम सेवा बंद कर दी गई थी।

कानपुर: कानपुर में ट्राम प्रणाली 1907 में शुरू की गई थी और 1933 में इसके बंद होने तक चालू थी।

कोच्चि : कोच्चि में 1907 से 1963 तक ट्राम चलायी गयीं।

दिल्ली: दिल्ली में ट्राम सेवाएं 1908 में शुरू की गईं और 1963 में बंद कर दी गईं।

पटना: बिहार के पटना  शहर में 1886 में घोड़े से खींची जाने वाली ट्राम की शुरुआत की गई और 1903 में इसकी सेवाएं बंद कर दी गईं।

भावनगर: भावनगर रियासत, जो अब गुजरात में है, ने 1926 में ट्राम सेवा शुरू की और अंततः 1960 के दशक में इसे बंद कर दिया गया।

FAQ

उत्तर: कोलकाता, पश्चिम बंगाल

उत्तर: 1873 में अंग्रेजों द्वारा कोलकाता में

उत्तर: नौ शहर - कोलकाता, मुंबई, चेन्नई, दिल्ली, नासिक, कानपुर, पटना, कोच्चि और भावनगर।

उत्तर: 1895 में चेन्नई में
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