भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने 6 नवंबर 2023 को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक 3 नवंबर 2023 से आरंभ हुई अपनी आठ दिवसीय भारत यात्रा के तहत 5 नवंबर को दिल्ली पहुंचे।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया:
- हवाई अड्डे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया। यह यात्रा भारत-भूटान के संबंधों के महत्व को रेखांकित करती है।
- वांगचुक की भारत यात्रा भूटान और चीन द्वारा अपने दशकों पुराने सीमा विवाद के शीघ्र समाधान के लिए नए सिरे से किये जा रहे प्रयासों के परिणामस्वरूप हो रही है।
- भारत, भूटान और चीन के बीच सीमा विवाद पर चल रही बातचीत पर करीब से नजर रख रहा है। इसका भारत के सुरक्षा हितों पर प्रभाव पड़ सकता है, खासकर डोकलाम क्षेत्र में।
भूटान नरेश की आठ दिवसीय भारत यात्रा:
- वांगचुक की भारत की आठ दिवसीय यात्रा 3 नवंबर को गुवाहाटी से शुरू हुई। आरंभ में असम की दो दिन की यात्रा संपन्न करने के बाद भूटान नरेश 5 नवंबर को नई दिल्ली पहुंचे। इसके बाद वे महाराष्ट्र भी जाएंगे।
- भारत और भूटान, मित्रता और सहयोग के मजबूत संबंधों को साझा करते हैं। इस संबंध का आधार स्तम्भ, आपसी समझ और परस्पर विश्वास है।
- यह यात्रा दोनों देशों को द्विपक्षीय सहयोग की समीक्षा करने का एक अवसर प्रदान करेगी।
- इस यात्रा से भारत और भूटान के विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
- सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी साझा करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उन्होंने भारत-भूटान के अद्भुत और अनुकरणीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं पर गर्मजोशी पूर्ण और सकारात्मक चर्चा की।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि वे विकास के लिए भूटान नरेश के दृष्टिकोण और भूटान के लोगों के जीवनशैली में सुधार को प्राथमिकता देते हैं।
क्यों अहम है भूटान नरेश की भारत यात्रा?
- विदेश मंत्रालय ने दो नवंबर को कहा था कि भूटान नरेश की यात्रा, दोनों पक्षों को द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण आयाम की समीक्षा करने और विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करेगी।
- पिछले महीने, भूटान के विदेश मंत्री टांडी दोरजी ने बीजिंग में अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ बैठक की थी।
भूटान ने किया एक-चीन के सिद्धांत का समर्थन:
- वार्ता के बाद चीन द्वारा जारी बयान में कहा गया था कि भूटान दृढ़ता से एक-चीन के सिद्धांत का समर्थन करता है और सीमा-विवाद के शीघ्र समाधान के लिए चीन के साथ काम करने और राजनयिक संबंध स्थापित करने की राजनीतिक प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।
- चीन और भूटान ने अगस्त में अपने सीमा-विवाद का समाधान करने के लिए तीन चरणीय रूपरेखा को लागू करने के लिए प्रक्रियाओं में तेजी लाने पर सहमत हुए थे।
भूटान:
राजधानी: थिम्पू
मुद्रा: न्गुलट्रम
प्रधानमंत्री: लोटे शेरिंग
राजा: जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक
विदेश मंत्री: टांडी दोरजी