10 जुलाई 2024 को उत्तर प्रदेश के वन विभाग द्वारा जारी नवीनतम 2024 ग्रीष्मकालीन जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, राज्य पक्षी, सारस की कुल आबादी राज्य में बढ़कर 19,918 हो गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 396 की वृद्धि दर्शाता है।
राज्य में 10,000 नागरिकों की मदद से वन विभाग द्वारा ग्रीष्मकालीन जनगणना आयोजित की गई थी।
उत्तर प्रदेश में भारत में सारस पक्षी की सबसे बड़ी आबादी पायी जाती है।
समय के साथ, राज्य में सारस पक्षी की आबादी में लगातार वृद्धि हुई है।
2021 में राज्य में 17,329 सारस क्रेन की गिनती की गई थी जो 2022 में बढ़कर 19,188, 2023 में 19,522 और 2024 में 19,918 हो गई।
इस प्रकार 2024 में पिछले वर्ष की तुलना में 396 पक्षियों की वृद्धि हुई।
10 वर्षों में पहली बार, राज्य के मऊ वन प्रभाग में छह सारस पक्षी गिने गए ।
पक्षियों की गणना उत्तर प्रदेश के वन क्षेत्र में की जाती है न कि निजी भूमि पर जहां पर भी ये पक्षी अक्सर पाए जाते हैं।
हाल ही में जारी जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, सारस पक्षी की सबसे अधिक संख्या, 3289, इटावा वन प्रभाग में देखी गई थी।
इटावा वन प्रभाग के बाद सबसे ज्यादा सारस पक्षी मैनपुरी (2,945), शाहजहाँपुर (1,212), औरैया (1,202), कन्नौज (786), हरदोई (735), संत कबीर नगर (717), कानपुर देहात (709), गोरखपुर (675), और सिद्धार्थ नगर (673) में देखी गईं।।
राज्य के 27 वन प्रभागों में 100 से 500 पक्षियों की गणना की गई, जिसमें रायबरेली में 428, सीतापुर में 427, उन्नाव में 426, बरेली में 348, सोहागी बरवा में 339, लखीमपुर में 306, बांदा में 261, बाराबंकी में 257, फिरोजाबाद में 239, दक्षिण खीरी में 209, अलीगढ़ में 209 पक्षी शामिल हैं। और अमेठी में 194 प्रत्येक, बस्ती में 186, गौतम बुद्ध नगर में 171, मथुरा में 166, बिजनौर सामाजिक वानिकी में 143, गोंडा में 142, एटा में 138, सुल्तानपुर में 137 पक्षी पाये गए । बहराईच वन प्रभाग में 135 पक्षी, फर्रुखाबाद में 134, कानपुर नगर में 133, राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य में 119, बदांयू में 116, फ़तेहपुर में 103, और चित्रकूट और अवध वन प्रभाग में 102-102 पक्षी गिने गए ।
31 वन प्रभाग ऐसे थे जहां 100 से भी कम सारस पाए गए।