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यूनेस्को ने रामचरितमानस, पंचतंत्र और सहृदयालोक-लोकन को मान्यता दी

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
UNESCO recognises Ramcharitmanas, Panchatantra and Sahṛdayāloka-Locana Art & Culture 6 min read

भारत के रामचरितमानस, पंचतंत्र और सहृदयलोक-लोकन को एशिया प्रशांत क्षेत्र के 'यूनेस्को की मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया-पैसिफिक रीजनल रजिस्टर' के 2024 चक्र के 20 वस्तुओं में शामिल किया गया है। मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड एशिया पैसिफिक कमेटी अन्य श्रेणियों के अलावा, जीनोलॉजी, साहित्य और विज्ञान में एशिया-प्रशांत की उपलब्धियों को मान्यता देती है और उनको सम्मानित करती है।

रामचरितमानस, पंचतंत्र और सहृदयलोक-लोकन को शामिल करने का निर्णय , 7 और 8 मई को मंगोलिया की राजधानी, उलानबटार मेंआयोजित मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड कमेटी फॉर एशिया एंड द पैसिफिक (एमओडबल्यूसीएपी) की 10वीं आम बैठक में लिया गया था।

एमओडबल्यूसीएपी  की 10वीं आम बैठक की मेजबानी मंगोलियाई सरकार के संस्कृति मंत्रालय, यूनेस्को के लिए मंगोलियाई राष्ट्रीय आयोग और यूनेस्को के बैंकॉक क्षेत्रीय कार्यालय द्वारा की गई थी।

बैठक में 40 पर्यवेक्षकों और नामांकित व्यक्तियों के साथ सदस्य देशों के 38 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

रामचरितमानस, पंचतंत्र, और सहृदयालोक-लोकन

रामचरितमानस को तुलसीदास ने 16वीं शताब्दी में अवधी बोली में लिखा था। यह रामायण से भिन्न है जिसे ऋषि वाल्मिकी ने संस्कृत भाषा में लिखा था। रामचरितमानस चौपाई रूप में लिखा गया ग्रंथ है।

पंचतंत्र दुनिया की दंतकथाओं के सबसे पुराने संग्रहों में से एक है जो संस्कृत में लिखा गया था। विष्णु शर्मा जो महिलारोप्य के राजा अमर शक्ति के दरबारी विद्वान थे, उन्हें पंचतंत्र का श्रेय दिया जाता है। 

इसकी रचना संभवतः 300 ईसा पूर्व के आसपास हुई थी। इसका अनुवाद 550 ईसा पूर्व में पहलवी (ईरानी भाषा) में किया गया था।

'सहृदयालोक-लोकन' की रचना आचार्य आनंदवर्धन ने संस्कृत में की थी। आचार्य आनंदवर्धन,10वीं शताब्दी के उत्तरार्ध और 11वीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध के दौरान कश्मीर में रहते थे।

एशिया-प्रशांत के लिए 2024 एमओडबल्यूसीएपी क्षेत्रीय रजिस्टर में 20 अंकित वस्तु

एशिया प्रशांत क्षेत्र में अंकित 20 वस्तुएं इस प्रकार हैं:

क्रम संख्या

अंकित वस्तु

देश

1

फ़नाफ़ुटी: द एजवर्थ डेविड 1897 अभियान दस्तावेज़

ऑस्ट्रेलिया और तुवालू

2

सुल्ताना का सपना- रोकेया एस. हुसैन (लेखक )

बांग्लादेश

3

चेंग्दू पारंपरिक चायघरों से संबंधित पुरालेख

चीन

4

हुइझोउ वंशावली अभिलेखागार

चीन

5

डेर्ज प्रिंटिंग हाउस में रखे गए प्रिंटिंग ब्लॉक

चीन

6

तुलसीदास की रामचरितमानस की सचित्र पांडुलिपियाँ

भारत

7

सहृदयालोक-लोकन की पांडुलिपि: भारतीय काव्यशास्त्र का मौलिक पाठ

भारत

8

पंचतन्त्र दंतकथाओं की 15वीं शताब्दी की पांडुलिपि

भारत

9

इंदारुंग I, दक्षिण पूर्व एशिया में पहला सीमेंट संयंत्र (1910-1972)

इंडोनेशिया

10

इंडोनेशियाई चीनी अनुसंधान संस्थान के अभिलेखागार 1887-1986: विश्व चीनी उद्योग में आईएसआरआई की अनुसंधान गतिविधियों की भूमिका

इंडोनेशिया

11

टैम्बो तुआंकु इमाम बोनजोल पांडुलिपि

इंडोनेशिया

12

अल-तारिख सलासिलाह नेगेरी केदाह: केदाह राज्य का वंशावली इतिहास

मलेशिया

13

महामहिम उमर का शाही पत्राचार (महामहिम उमर का निजी पत्र)

मलेशिया

14

चंगेज खान के घर, खलखा मंगोलों के वंशानुगत राजाओं का पारिवारिक चार्ट

मंगोलिया 

15

मंगोलिया का पहला डाक टिकट 'एल्डेव ओचिर'

मंगोलिया 

16

स्पेनिश और तागालोग में ईसाई सिद्धांत, मनीला,

फिलिपींस

17

हिनिलावॉड महाकाव्य मंत्र रिकॉर्डिंग

फिलिपींस

18

ख़ुदाईबर्गन देवानोव द्वारा खोरेज़म ओएसिस की छवियां (1879-1937)

उज़्बेकिस्तान

19

तुर्केस्तान एल्बम” 1871-1872

उज़्बेकिस्तान

20

हू इंपीरियल पैलेस के नौ कांस्य कलशों पर उकेरी हुई  बास रिलीफ़ 

वियतनाम
 

यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन)

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की स्थापना 1945 में संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी के रूप में की गई थी।

यूनेस्को के छह कार्य क्षेत्र हैं  शिक्षा, प्राकृतिक विज्ञान, महासागर विज्ञान, सामाजिक और मानव विज्ञान, संस्कृति और संचार एवं सूचना ।

इसे 16 नवंबर 1945 को स्थापित किया गया था।

सदस्यः  वर्तमान में 195 सदस्य और 8 एसोसिएट सदस्य है।

मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस

महानिदेशक:ऑड्रे अज़ोले (फ्रांस)

FAQ

उत्तर: रामचरितमानस, पंचतंत्र और सहृदयालोक-लोकन।

उत्तर: तुलसीदास द्वारा लिखित रामचरितमानस, विष्णु शर्मा द्वारा पंचतंत्र और आचार्य आनंदवर्धन द्वारा सहृदयालोक-लोकन।

उत्तर: अवधी बोली में रामचरितमानस, संस्कृत में पंचतंत्र और सहृदयालोक-लोकन।

उत्तर: मंगोलिया की राजधानी उलानबातर।

उत्तर: संस्कृति, वंशावली, साहित्य, विज्ञान आदि से संबंधित 20 वस्तुएँ।
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