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नई दिल्ली में इंटरनेशनल सोलर एलायंस की छठी असेंबली का आयोजन किया गया

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Sixth Assembly of International Solar Alliance organized in New Delhi Summit and Conference 10 min read

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) की छठी असेंबली का आयोजन 31 अक्टूबर, 2023 को नई दिल्ली के भारत मंडपम में किया गया। आईएसए की अध्यक्षता, केंद्रीय  विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह ने की। 

  • असेंबली की सह-अध्यक्षता, फ्रांस की विकास, फ्रेंकोफोनी तथा अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी राज्य मंत्री सुश्री क्रिसोला जचारोपोलू ने की।
  • आईएसए  की छठी असेम्बली बैठक में 20 देशों के मंत्रियों और 116 सदस्य तथा हस्ताक्षरकर्ता देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की छठी असेंबली 30 अक्टूबर से 2 नवंबर, 2023 के दौरान नई दिल्ली में आयोजित की जा रही है।  
  • आईएसए अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री ने असेंबली को संबोधित करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सदस्य देशों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ है ताकि सौर ऊर्जा को सभी के लिए पसंदीदा ऊर्जा स्रोत बनाया जाए। 

नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य: 

  • वैश्विक आबादी का लगभग 80 प्रतिशत, कुल 6 बिलियन लोग उन देशों में रहते हैं जो जीवाश्म ईंधन आयात पर निर्भर हैं। 
  • नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों में 2030 तक विश्व की कुल विद्युत जरूरतों की 65 प्रतिशत आपूर्ति करने और 2050 तक विद्युत क्षेत्र के 90 प्रतिशत को डीकार्बोनाइज करने की क्षमता है।

आईएसए की छठी असेंबली में लिए गए कुछ महत्वपर्ण निर्णय: 

  • आर. के. सिंह ने सदस्य देशों के मंत्रियों के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि आईएसए की छठी असेंबली ने परियोजनाओं के लिए वायबिलटी गैप वित्तपोषण (वीजीएफ) को 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। 
  • आईएसए के पास वीजीएफ के लिए एक कार्यक्रम है ताकि विकासशील देशों में परियोजनाओं के लिए वायबिलटी गैप वित्तपोषण उपलब्ध हो।
  • इस व्यवस्था के तहत प्रदान किया जाने वाली अनुदान राशि प्रति देश प्रति परियोजना 150,000 डॉलर या परियोजना लागत का 10 प्रतिशत (जो भी कम हो) है। 
  • 31 अक्टूबर 2023 को एक निर्णय लिया गया कि देशों और उनकी संबंधित परियोजनाओं की क्षमता तथा जरूरतों के आधार पर वायबिलटी गैप वित्तपोषण को परियोजना लागत के 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत करेंगे। इससे अफ्रीका में  सौर परियोजनाओं में निवेश प्रवाह को बढ़ावा मिलेगा।

कुछ देशों में सौर ऊर्जा परियोजनाएं लगाई गईं

  • आईएसए-वित्त पोषण प्रोजेक्ट्स के तहत मलावी संसद और फिजी, सेशेल्स एवं किरिबाती में सौर ऊर्जा परियोजनाएं लगाई गईं।

 

चार परियोजनाओं का उद्घाटन: 

  • आईएसए की सहायता से स्थापित चार परियोजनाओं का उद्घाटन 31 अक्टूबर 2023 को आईएसए असेंबली में केंद्रीय विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री द्वारा किया गया। ये परियोजनाएं हैं:
    • मलावी गणराज्य के संसद भवन का सौरीकरण। 
    • फिजी गणराज्य में दो ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा केंद्रों का सौरीकरण, जिसमें प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र के लिए 8-किलोवाट सौर पीवी प्रणाली और 20-किलोवाट बैटरी भंडारण क्षमता शामिल है।
    • ला डिग द्वीप, सेशेल्स गणराज्य में कृषि हितधारकों के लाभ के लिए 5 मीट्रिक टन क्षमता के 1 सौर संचालित कोल्ड स्टोरेज की स्थापना।
    • किरिबाती गणराज्य में नवाई जूनियर सेकेंडरी स्कूल (जेएसएस) का सौरीकरण, 7 किलोवाट सौर पीवी रूफटॉप सिस्टम के साथ 24-किलोवाट बीएसएस के जोड़ के साथ किया गया।
  • आईएसए की छठी असेंबली तीन महत्वपूर्ण विषयों ऊर्जा  पहुँच, ऊर्जा सुरक्षा और ऊर्जा रूपांतरण पर आईएसए की प्रमुख पहलों के आधार पर विचार-विमर्श कर रही है।
  • आईएसए अध्यक्ष ने हितधारकों को परियोजनाओं को समर्पित करते हुए सौर ऊर्जा के माध्यम से ऊर्जा रूपांतरण के कारक को आगे बढ़ाने में आईएसए सदस्य देशों के प्रयासों की सराहना की।
  • आईएसए संगठन इन परियोजनाओं को विशेषज्ञता, हैन्डहोल्डिंग और प्रशिक्षण सहायता प्रदान कर रहा है। पूरे अफ्रीका में प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए गए हैं। ये परियोजनाएं कम विकसित देशों (एलडीसी) और छोटे विकासशील द्वीप राज्यों (एसआईडीएस) की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मई 2020 में प्रदर्शित परियोजनाएं शुरू करने की आईएसए की पहल का एक हिस्सा हैं। 
  • इसका उद्देश्य सौर प्रौद्योगिकी अनुप्रयोगों को लागू करना है जिसे आगे बढ़ाया भी जा सकता है और इसके माध्यम से लाभार्थी सदस्य देशों की क्षमता निर्माण भी किया जाएगा।

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन ऊर्जा रूपांतरण: 

  • केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन ऊर्जा रूपांतरण और ऊर्जा पहुँच में सहायता करने के दोहरे लक्ष्यों की तलाश में विश्व में नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए एक शक्ति के रूप में उभरा है। 
  • आईएसए सर्वाधिक महत्वपूर्ण संगठनों में से एक है क्योंकि समूचा विश्व ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती का सामना कर रहा है। वर्तमान में आईएसए में 120 सदस्य देश हैं और कई अन्य जिन्होंने आईएसए फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, शीघ्र ही इसकी पुष्टि करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आईएसए एक बड़ा संगठन है, इसके कई अन्य सहयोगी संगठन भी हैं।

आईएसए का महत्व: 

  • आईएसए का अत्यधिक महत्व है क्योंकि विश्व में करीब 73.3 करोड़ लोग ऐसे हैं जिनके पास  अभी तक बिजली कि पहुँच नहीं है। आईएसए के प्राथमिक लक्ष्यों में से एक यह भी है कि नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों का उपयोग करके इन लोगों को ऊर्जा पहुँच प्रदान करना है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपलब्ध विकल्पों में से सौर ऊर्जा सर्वश्रेष्ठ ऊर्जा स्रोत है, क्योंकि यह प्रतिदिन मौसम और घंटे दोनों के संदर्भ में लंबे समय तक और आसानी से उपलब्ध होता है।”

आईएसए कोष की स्थापना: 

  • आईएसए असेंबली ने इस बात पर भी चर्चा की  है कि भारत द्वारा अपनाई गई सफल ऊर्जा पहुँच और ऊर्जा रूपांतरण संबंधी व्यवहारों को विकासशील देशों में कैसे दोहराया जा सकता है। हमें निवेश को जोखिम मुक्त करने की आवश्यकता है ताकि निजी निवेशकों को भी आकर्षित किया जा सके।
  • इसलिए 30 अक्टूबर 2023 को आईएसए ने इस बात पर भी चर्चा की कि तकनीकी-विनियामक ढांचे, विवाद निपटान व्यवस्था और भुगतान सुरक्षा तंत्र के संदर्भ में आईएसए ने भारत में जो प्रयोग किया है, उसे हम अन्य देशों में कैसे दोहरा सकते हैं, ताकि निजी निवेश को बढ़ावा मिल सके। 
  • इसके लिए आईएसए ने एक कोष की स्थापना की है, जिसमें बीमा और भुगतान सुरक्षा तंत्र से संबंधित घटक शामिल हैं। इन तंत्रों के साथ सुनिश्चित हैं कि अफ्रीका में निवेश प्रवाह प्रारंभ हो जाएगा।
  • नवीकरणीय मंत्री ने विकसित देशों द्वारा अपनी सीओपी-21(कॉप-21) प्रतिबद्धताओं के अनुसार ग्रीन फंड के प्रावधान के महत्व को भी रेखांकित किया। 

विकासशील देशों में सौर ऊर्जा के निर्माण में तेजी लाने की आवश्यकता: 

  • अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन के महानिदेशक डॉ. अजय माथुर के अनुसार, हमें विकासशील देशों में विशेष रूप से सौर ऊर्जा के निर्माण में तेजी लाने की तत्काल आवश्यकता है और उन एप्लीकेशनों में भी जो विश्वसनीय ऊर्जा तक पहुँच के बिना लोगों के दैनिक जीवन को प्रभावित करते हैं।
  • जैसे कि सौर मिनी-ग्रिड से बिजली प्राप्त करना, कृषि पंपों को सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली देना तथा कोल्ड स्टोरेज चलाना। इसके लिए क्षमता निर्माण और नियामकीय परिवर्तन आवश्यक हैं।
  • आईएसए एलडीसी और एसआईडीएस सहित 55 विकासशील देशों में 9.5 गीगावॉट से अधिक सौर अनुप्रयोगों की सुविधा प्रदान कर रहा है। यह सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए जीवनयापन करने के तरीकों पर विकासशील देशों में लगभग 4000 लोगों को पहले ही प्रशिक्षण प्रदान कर चुका है। 

आईएसए असेंबली:  

  • असेंबली, आईएसए का शीर्ष निर्णय लेने वाला निकाय है, जिसमें प्रत्येक सदस्य देश का प्रतिनिधित्व होता है। यह निकाय आईएसए के फ्रेमवर्क समझौते के कार्यान्वयन और इसके उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए समन्वित कार्रवाई से संबंधित निर्णय लेता है। 
  • आईएसए के द्वारा निर्धारित स्थान पर असेंबली की मंत्री स्तरीय बैठक प्रत्येक वर्ष होती है। यह सौर ऊर्जा की उपयोगिता, प्रदर्शन, विश्वसनीयता, लागत और वित्त के पैमाने के संदर्भ में कार्यक्रमों तथा अन्य गतिविधियों के समग्र प्रभाव का आकलन करती है। 

FAQ

Answer:- नई दिल्ली

Answer:- आईएसए की अध्यक्षता केंद्रीय विद्युत तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह के द्वारा की गई।

Answer:- सुश्री क्रिसोला जचारोपोलू

Answer:- फ्रांस
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