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सिंगापुर ने दूसरे भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज़ (आईएसएमआर) की मेजबानी की

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Singapore hosts the 2nd India- Singapore Ministerial Roundtable(ISMR) Summit and Conference 5 min read

अपने रणनीतिक संबंधों को व्यापक और गहरा करने के निरंतर प्रयास में, दूसरी भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज (आईएसआरएम) बैठक 26 अगस्त 2024 को सिंगापुर में आयोजित की गई थी। पहली भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज बैठक 17 सितंबर 2022 को नई दिल्ली में आयोजित की गई थी। जिसमें सिंगापुर के चार वरिष्ठ मंत्रियों ने भाग लिया। 

आईएसएमआर एक उच्च-स्तरीय मंच है जो दोनों देशों को रिश्तों के संपूर्ण आयाम पर चर्चा करने और द्विपक्षीय संबंधों के लिए भविष्य के एजेंडे निर्धारित करने के लिए एक तंत्र प्रदान करता है।

दूसरे आईएसएमआर के प्रतिभागी

भारत के चार वरिष्ठ मंत्रियों और सिंगापुर के छह वरिष्ठ मंत्रियों ने दूसरे आईएसएमआर में भाग लिया।

भारत का प्रतिनिधित्व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी, रेलवे, सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया।

सिंगापुर प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व उप प्रधान मंत्री और व्यापार और उद्योग मंत्री गण किम योंग ने किया। इसमें विदेश मंत्री डॉ. विवियन बालकृष्णन; गृह एवं कानून मंत्री के षणमुगम; डिजिटल विकास और सूचना मंत्री और गृह मामलों के दूसरे मंत्री जोसेफिन टीओ, जनशक्ति मंत्री और दूसरे व्यापार और उद्योग मंत्री डॉ टैन सी लेंग, और, परिवहन मंत्री और दूसरे वित्त मंत्री ची होंग टैट भी शामिल थे।

दूसरे आईएसएमआर का एजेंडा 

दूसरे आईएसएमआर में दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया। इसमें नई दिल्ली में पहली बैठक के बाद से हुई प्रगति की समीक्षा की गई। 

2022 में नई दिल्ली में आयोजित पहला आईएसएमआर -डिजिटल कनेक्टिविटी, फिनटेक, पारिस्थितिकीय अर्थव्यवस्था, हरित हाइड्रोजन, कौशल विकास और खाद्य सुरक्षा पर केंद्रित था। पहले आईएसएमआर के परिणामस्वरूप दोनों देशों ने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कौशल विकास, डिजिटल सहयोग और सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र सहयोग पर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे ।

दूसरे आईएसएमआर में, भारत और सिंगापुर ने आईएसएमआर के तहत पहचाने गए छह स्तंभों: डिजिटलीकरण, कौशल विकास, स्थिरता, स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा, और उन्नत विनिर्माण और कनेक्टिविटी- पर सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।

भारत सिंगापुर आर्थिक संबंध 

सिंगापुर ,भारत का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का स्रोत है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में सिंगापुर से  11.77 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश भारत में हुआ था ।

2023-24 में 35.61 बिलियन अमेरिकी डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ सिंगापुर भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार था।

आसियान (दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संघ) देशों में सिंगापुर भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार देश है।

हालाँकि, द्विपक्षीय व्यापार सिंगापुर के पक्ष में था। भारत ने 2023-24 में सिंगापुर को 14.41 बिलियन अमेरिकी डॉलर का माल निर्यात किया और 21.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आयात किया, इस प्रकार भारत का व्यापार घाटा 6.79 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था।

सिंगापुर के बारे में 

सिंगापुर,विश्व में सबसे छोटे देशों में से एक है और इसे अक्सर एक शहर-राज्य माना जाता है। 

यह दक्षिण पूर्व एशिया का हिस्सा है।

सिंगापुर की जनसंख्या विविध है। इस देश की आबादी में चीनी मूल के लोगो सबसे ज़्यादा हैं ,उसके बाद मलय मूल की आबादी है और भारतीय मूल के लोग तीसरा सबसे बड़ी आबादी है 

राष्ट्रपति: थर्मन शनमुगरत्नम

प्रधान मंत्री: लॉरेंस वोंग 

राजधानी: सिंगापुर

मुद्रा: सिंगापुर डॉलर

फुल फॉर्म

  • आईएसएमआर/ ISMR: इंडिया सिंगापुर मिनिस्टेरियल राउंडटेबल (India-Singapore Ministerial Roundtable)

FAQ

उत्तर: सिंगापुर, 26 अगस्त 2024

उत्तर: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और रेलवे और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव।

उत्तर: सितंबर 2022 में नई दिल्ली में

उत्तर: गण किम योंग, सिंगापुर के उप प्रधान मंत्री और व्यापार और उद्योग मंत्री

उत्तर: थरमन शन्मुगरत्नम

उत्तर: लॉरेंस वोंग

उत्तर: सिंगापुर

उत्तर: डिजिटलीकरण, कौशल विकास, स्थिरता, स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा, और उन्नत विनिर्माण और कनेक्टिविटी।
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