राजस्थान लोक सेवा आयोग का अभूतपूर्व इतिहास है । वर्ष 1923 में ली कमिशन ने भारत में एक संघ लोक सेवा आयोग की स्थापना की सिफारिश की थी किन्तु इस कमिशन ने प्रांतो में लोक सेवा आयोगों की स्थापना के बारें में कोई विचार नहीं किया । प्रांतीय सरकारें अपनी आवश्यकतानुसार नियुक्तियां करने एवं राज्य सेवा नियम बनाने हेतु स्वतंत्र थी।
राजस्थान राज्य के गठन के समय कुल 22 प्रांतों में से मात्र 3 प्रांत जयपुर, जोधपुर एवं बीकानेर में ही लोक सेवा आयोग कार्यरत थे ।
रियासतों के एकीकरण के पश्चात्, राजस्थान राज-पत्र में दिनांक 20 अगस्त, 1949 के प्रकाशन के अनुसार राजस्थान लोक सेवा आयोग अध्यादेश, 1949 प्रभाव में आया था । अतः स्पष्ट है कि राजस्थान लोक सेवा आयोग दिनांक 22 दिसम्बर, 1949 को अस्तित्व में आया था अर्थात् राजस्थान लोक सेवा आयोग की स्थापना दिनांक 22 दिसम्बर, 1949 को हुयी थी ।
आरपीएससी के अध्यक्ष और अन्य सदस्यों की नियुक्ति राज्य के राज्यपाल द्वारा की जाती है।
आरपीएससी का एक सदस्य छह साल की अवधि या 62 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो, पद पर रहेगा।
कोई भी व्यक्ति जिसने एक बार लोक सेवा आयोग के सदस्य के रूप में पद संभाला हो, वह उस पद पर पुनः नियुक्ति के लिए अयोग्य है।
राज्य लोक सेवा आयोग का कोई सदस्य राज्य के राज्यपाल को लिखित इस्तीफा सौंपकर पद से इस्तीफा दे सकता है।
आरपीएससी के अध्यक्ष या किसी अन्य सदस्य को केवल भारत के राष्ट्रपति के आदेश से ही पद से हटाया जाएगा।
भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को आयोग सचिवालय में सचिव के पद पर नियुक्त किया जाता है। सचिव द्वारा समस्त प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्यो का निष्पादन किया जाता है। सचिव की सहायता के लिये उपसचिव तथा परीक्षा नियन्त्रक होते है
प्रारंभ में, आयोग में एक अध्यक्ष और 2 सदस्य थे। अब आयोग में 1 अध्यक्ष और 7 अन्य सदस्य हैं।
राजस्थान के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश सर एस.के.घोष को राजस्थान लोक सेवा आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
इसके बाद, श्री देवी शंकर तिवारी (सबसे लंबे समय तक सेवारत अध्यक्ष) और श्री एन.आर. चंदोरकर को सदस्य नियुक्त किया गया और श्री एस.सी. त्रिपाठी (आई.ई.एस.), जो पहले संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य थे, को अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।
डॉ बी एल रावत, आईएएस का आरपीएससी के अध्यक्ष का कार्यकाल सबसे छोटा था।
निवर्तमान अध्यक्ष संजय कुमार श्रोत्रिय हैं।
अनुच्छेद संख्या 16, 234, 315 से 323 तक विशेष रूप से लोक सेवा आयोगों के कार्य एवं अधिकार क्षेत्र के संबंध में है । राजस्थान लोक सेवा आयोग की कार्य प्रणाली राजस्थान लोक सेवा आयोग नियम एवं विनियम, 1963 तथा राजस्थान लोक सेवा आयोग (विनियम एवं प्रक्रिया का सत्यापन अध्यादेश, 1975 और अधिनियम 1976) के द्वारा तय की जाती हे ।