राम लुभाया समिति की सिफ़ारिश पर राजस्थान सरकार ने राज्य में 19 नए जिलों और 3 सम्भाग (पाली, सीकर, बांसवाड़ा) की आधिकारिक अधिसूचना पारित कर कुल 50 जिलें और 10 सम्भाग बना दिए हैं। नए जिलों के गठन से आम जनता तक प्रशासनिक पहुँच आसान हो जाएगी।
जयपुर और जोधपुर को दो भागों में बाँट दिया गया है। दूदू जिला सबसे छोटा तथा जैसलमेर सबसे बड़ा जिला होगा।
राज्य सरकार ने नये जिलों के लिए 2000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।
प्रशासनिक विकेंद्रीकरण सुनिश्चित होगा
राज्य की जनसंख्या एवं भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए नई प्रशासनिक इकाइयों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। जिलों का आकार बड़ा होने के कारण जहां कलेक्टरों को प्रशासनिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, वहीं पुलिस अधिकारियों को भी कानून व्यवस्था बनाए रखने में परेशानी होती है।
नए जिले बनने से भूमि संबंधी एवं नागरिक मामलों के लिए दूर-दराज से आने वाले ग्रामीणों का समय भी बचेगा। साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों को भी विकास और निवेश से जुड़ी योजना बनाने में आसानी होगी।
राजस्थान में इससे पहले श्रीगंगानगर, धौलपुर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, करौली, सवाई माधोपुर, जैसलमेर, पाली, दौसा, जयपुर, सिरोही, झुंझुनू, सीकर, बूंदी, बारां, झालावाड़, कोटा, बांसवाड़ा, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, राजसमंद, बाड़मेर, जालौर, भरतपुर, जोधपुर , अलवर, प्रतापगढ़, अजमेर, भीलवाड़ा, नागौर, टोंक और उदयपुर समेत 33 जिले थे।
बालोतरा, ब्यावर, अनूपगढ़, डीडवाना (कुचामन), डीग, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, कोटपूतली (बहरोड़), खैरथल, नीम का थाना, फलौदी, सलूंबर, सांचोर, जोधपुर शहर, जोधपुर ग्रामीण, केकड़ी, शाहपुरा जिले शामिल हैं ।