शतरंज के उभरते प्रतिभाशाली खिलाड़ी आर प्रगनानंद ने नीदरलैंड के विज्क आन ज़ी शहर में आयोजित टाटा स्टील शतरंज मास्टर खिताब का 87 वां संस्करण जीत लिया है । टाटा स्टील शतरंज प्रतियोगिता का चैलेंजर श्रेणी का खिताब चेक गणराज्य के थाई दाई वान न्ग्यूएन ने जीता।
87वां टाटा स्टील शतरंज प्रतियोगिता मास्टर, चैलेंजर और शौकिया श्रेणी में आयोजित किया गया था।
मास्टर और चैलेंजर श्रेणियों का आयोजन 18 जनवरी -2 फरवरी 2025 तक नीदरलैंड के विज्क आन ज़ी शहरमें आयोजित किया गया था।
आर प्रगनानंद , 2006 के बाद ,टाटा स्टील शतरंज मास्टर खिताब जीतने वाले पहले भारतीय शतरंज खिलाड़ी हैं। 2006 में इस प्रतियोगिता का मास्टर खिताब ,महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद ने जीता था।
विश्वनाथन आनंद ने 1989, 1998, 2003, 2004 और 2006 में पांच बार टाटा स्टील का खिताब जीता है।
टाटा स्टील शतरंज खिताब के 87वें संस्करण में, 13वें राउंड के बाद, विश्व चैंपियन डी.गुकेश और आर प्रगनानंद 8.5-8.5 अंक पर बराबरी पर थे।
खिताब के विजेता का फैसला करने के लिए मैच टाईब्रेकर में चला गया। टाई ब्रेक में दोनों खिलाड़ियों ने एक-एक मैच जीता।
आखिरी टाई ब्रेक मैच में गुकेश ने गलती की और प्रग्गनानंद ने इसका फायदा उठाते हुए इस मैच को जीतकर चैंपियन बन गए।
उज्बेकिस्तान के नोदिरबेक अब्दुसात्तोरोव तीसरे स्थान पर रहे।
टाटा स्टील शतरंज प्रतियोगिता नीदरलैंड में आयोजित एक वार्षिक प्रतियोगिता है। चूंकि टाटा स्टील इस प्रतियोगिता का प्रायोजक है इसलिए इसे टाटा स्टील शतरंज प्रतियोगिता कहा जाता है।
टाटा स्टील 2011 से इस प्रतियोगिता को प्रायोजित कर रहा है।
टाटा स्टील से पहले इसे कोरस और हुगोवेनस्टोएर्नोई कंपनियों द्वारा प्रायोजित किया गया था।
इस शतरंज प्रतियोगिता की शुरुआत 1938 में नीदरलैंड में हुई थी।
इस शतरंज प्रतियोगिता को 'शतरंज का विंबलडन' भी माना जाता है और यह दुनिया के शीर्ष शतरंज खिलाड़ियों को आकर्षित करता है।
मास्टर ग्रुप में शीर्ष 14 विश्व शतरंज खिलाड़ी राउंड रॉबिन प्रारूप में एक दूसरे के खिलाफ खेलते हैं।
नॉर्वे के मैग्नस कार्लसन ने सबसे ज़्यादा ,आठ बार मास्टर खिताब जीता है।
चीनी वेई यी 2024 में 86वें संस्करण की विजेता थे।
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