पंजाब सरकार ने राज्य में पारिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए झज्जर-बचौली वन्यजीव अभयारण्य को तेंदुआ सफारी पार्क के रूप में विकसित करेगी। राज्य के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह के अनुसार, पंजाब सरकार श्री आनंदपुर साहिब के निकट इस वन्यजीव अभयारण्य को राज्य के पहले वन्यजीव अभयारण्य के रूप में विकसित करेगी, जहाँ पर्यटक वन्यजीवों को उनके प्राकृतिक आवास में देख सकेंगे।
मंत्री ने यह भी कहा कि सुरम्य नांगल क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। राज्य सरकार ने क्षेत्र में पर्यटन बुनियादी ढांचे को विकसित करने के लिए अपने 2025-26 के बजट में नांगल परियोजना के लिए 10 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं।
झज्जर-बचौली वन्यजीव अभयारण्य को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधानों के तहत 1998 में पंजाब सरकार द्वारा एक संरक्षित अभयारण्य घोषित किया गया था।
स्थान - रूपनगर जिला। यह अक्षांश 31º16’N और देशांतर 76º31.5’E के बीच स्थित है और 1.16 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्र - 2017 में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अभयारण्य को पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्र घोषित किया है । पारिस्थितिकी-संवेदनशील क्षेत्र अभयारण्य की सीमा के 100 मीटर से लेकर 0.65 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र तक होगा।
वनस्पति और जीव-जंतु- अभयारण्य में पाई जाने वाली प्रमुख प्रजातियाँ- सांभर, बार्किंग डियर, अजगर, कोबरा, स्पेक्टेल्ड कोबरा, लाल जंगली मुर्गी हैं।
फरवरी 2024 में भारत सरकार ने 5वें चक्र के तेंदुए की आबादी का अनुमान जारी किया।
यह गणना राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और भारतीय वन्यजीव संस्थान द्वारा राज्य सरकारों के सहयोग से की गई थी। यह जनगणना देश में तेंदुए के 70% निवास क्षेत्र में की गई थी।
भारत में कुल तेंदुए - 13,874 (रेंज: 12,616 - 15,132) तेंदुए।
तेंदुए वाले राज्य: मध्य प्रदेश में 3907 तेंदुओं के साथ सबसे बड़ी तेंदुआ आबादी है
महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है, उसके बाद कर्नाटक और तमिलनाडु हैं।
2023 भारतीय वन रिपोर्ट के अनुसार राज्य का केवल 3.67% क्षेत्र वन के अधीन है जबकि
देश का 21.76% क्षेत्र वन के अधीन है।
राज्य में वन क्षेत्र 2021 में 1,846.54 वर्ग किलोमीटर से घटकर 2023 में 1.846.09 वर्ग किलोमीटर रह गया, जो 0.45 वर्ग किलोमीटर की गिरावट दर्शाता है।
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