पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और केरल राज्यों ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू नहीं किया है। केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी ने 7 अगस्त 2024 को एक सवाल के जवाब में राज्यसभा में यह जानकारी दी।
मंत्री ने कहा कि शिक्षा समवर्ती सूची में है और शिक्षा का अधिकार कानून के तहत नियम बनाने का अधिकार राज्य सरकार को है और इन राज्य सरकारों ने अभी तक ऐसे नियम नहीं बनाये हैं।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009
- 86वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम 2022 ने संविधान में संशोधन कर एक नया अनुच्छेद 21 क शामिल किया गया , जो 6 -14 वर्ष की आयु के बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करता है।
- अनुच्छेद 21 क में यह प्रावधान था जिसके तहत शिक्षा का मौलिक अधिकार तब लागू होना था जब संसद इसके लिए एक सक्षम कानून पारित करेगा।
- संसद ने 86वें संवैधानिक संशोधन को लागू करने के लिए बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम, 2009 पारित किया।
- शिक्षा का अधिकार अधिनियम 1 अप्रैल 2010 को लागू हुआ।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मुख्य प्रावधान
- 6-14 वर्ष की आयु के बच्चों को अपने पड़ोस के स्कूल में प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करना ।
- बच्चों को पढ़ाई के लिए कोई फीस नहीं देनी होगी।
- संबंधित राज्य सरकार स्थानीय प्राधिकारी के कर्तव्यों का उल्लेख करता है।
- किसी कक्षा में शिक्षक-छात्र अनुपात।
- यह शारीरिक दंड, मानसिक उत्पीड़न आदि पर रोक लगाता है।
केंद्रीय बजट 2024-25 में शिक्षा के लिए आवंटन
केंद्रीय बजट 2024-25 में शिक्षा क्षेत्र को 1.20 लाख करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं और यह आवंटन 2023-24 के संशोधित अनुमान से 9,091 करोड़ रुपये कम है।
2023-24 के लिए शिक्षा का संशोधित अनुमान 1,29,718 करोड़ रुपये था।
- स्कूली शिक्षा और साक्षरता के लिए आवंटन: 2023-24 के लिए 72,473 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान की तुलना में 2024-25 में 73,008 करोड़ रुपये।
- उच्च शिक्षा के लिए आवंटन: 2023-24 के लिए 57,244 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान की तुलना में 2024-25 में 47,619 करोड़ रुपये।
- विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के लिए आवंटन: 2023-24 के लिए 6,409 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान की तुलना में 2,500 करोड़ रुपये।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री: धर्मेंद्र प्रधान