प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 वें भारत-आसियान शिखर सम्मेलन और 18 वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 6 सितम्बर 2023 को इंडोनेशिया की दो दिवसीय यात्रा पर पर रहेंगें।
इन दोनों शिखर सम्मेलनों का आयोजन 43 वें आसियान शिखर सम्मेलन के दौरान किया जा रहा है जिसमें इंडोनिशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के विशेष आमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जकार्ता जा रहे हैं।
- 7 सितंबर 2023 को इन दोनों शिखर सम्मेलनों का आयोजन आसियान के वर्तमान अध्यक्ष इंडोनेशिया द्वारा जकार्ता में किया जा रहा है।
- विगत वर्षों की रणनीतिक साझेदारीयों के परिणामस्वरूप भारत-आसियान संबंधों में आई प्रगाढ़ता के बाद इस सम्मेलन का आयोजन पहली बार किया जा रहा है।
शिखर सम्मेलन का थीम:
- इस वर्ष के आसियान शिखर सम्मेलन का थीम "आसियान मामले : विकास का केंद्र" है।
- मंत्रालय के अनुसार सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री भारत-आसियान संबंधों में प्रगति की समीक्षा करेंगे। आसियान देशों के साथ भारत के संबंध एक्ट ईस्ट पॉलिसी और व्यापक हिंद-प्रशांत के बारे में भारत के विजन का आधार स्तंभ है।
- सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री तथा अन्य नेता पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन तंत्र को और मजबूत करने के उपायों पर चर्चा करेंगे और साथ ही क्षेत्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय हितों के मामलों पर विचार साझा करेंगे।
- आसियान सम्मेलन ऐसे समय पर हो रहा है जब दिल्ली में 9 और 10 सितंबर को जी-20 सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस सम्मेलन में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, बांग्लादेश, चीन, जापान, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया सहित विश्व के विभिन्न देशों के राष्ट्र प्रमुख के तौर पर राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री शामिल होने के लिए भारत आ रहे हैं।
- जी-20 शिखर सम्मेलन के कारण प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा अवधि कम रहेगी। प्रधानमंत्री मोदी की शीघ्र वापसी के लिए इंडोनेशिया ने 7 सितंबर को ही आसियान और ईस्ट एशिया समिट के लिए व्यवस्था की है।
व्यापार और सुरक्षा होंगे वार्ता के मुख्य मुद्दा:
- समूह के नेताओं के साथ पीएम मोदी की बातचीत में आसियान के साथ भारत के व्यापार एवं सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित किए जाने की संभावना है।
- आसियान को क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है और भारत, अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद भागीदार हैं।
आसियान के 10 देश:
- आसियान के 10 सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमार और कंबोडिया शामिल हैं।
एसोसिएशन ऑफ़ साऊथईस्ट एशियन नेशंस (आसियान):
- आसियान की स्थापना 8 अगस्त 1967 को थाईलैंड के बैंकॉक में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का एक क्षेत्रीय संगठन के रूप में किया।
- वर्तमान में आसियान को क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली समूहों में से एक माना जाता है।
- भारत तथा अमेरिका, चीन, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद भागीदार हैं।
- पिछले कुछ वर्षों में भारत और आसियान के मध्य संबंधों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
- आसियान, सदस्य देशों के साथ व्यापार और निवेश के साथ-साथ रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करता है।
पूर्वी एशिया-शिखर सम्मेलन (ईएएस):
- वर्ष 1991 में पूर्वी एशिया समूह की अवधारणा को सर्वप्रथम तत्कालीन मलेशियाई प्रधानमंत्री, महाथिर बिन मोहम्मद द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
- ईएएस की शुरुआत वर्ष 2005 में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (आसियान) के नेतृत्व वाली एक पहल के रूप में की गई थी।
- ईएएस हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एकमात्र नेतृत्व वाला मंच है जो रणनीतिक महत्त्व के राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों पर वार्ता करने हेतु सभी प्रमुख भागीदारों को साथ लाता है।
- ईएएस का प्रथम शिखर सम्मेलन 14 दिसंबर, 2005 को कुआलालंपुर, मलेशिया में आयोजित किया गया था।
- पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के सदस्य विश्व की लगभग 54 प्रतिशत आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं तथा वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद में करीब 58 प्रतिशत की भागीदारी होती है।
ईएएस का सदस्य:
- वर्तमान में ईएएस में कुल 18 सदस्य देश शामिल हैं: इसमें 10 आसियान देश (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्याँमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम) जबकि आठ संवाद भागीदार देश (ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूज़ीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका) हैं।
- भारत पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के संस्थापक सदस्यों में शामिल है।
इंडोनिशिया:
राजधानी: जकार्ता
मुद्रा: इंडोनेशियाई रुपया
राष्ट्रपति: जोको विडोडो