प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल 2025 को हरियाणा के यमुनानगर में 800 मेगावाट के दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट की तीसरी इकाई की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अप्रैल को हरियाणा का दौरा किया, जहां उन्होंने विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखी और एक सड़क परियोजना का उद्घाटन किया।
दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट
- प्रधानमंत्री ने यमुना नगर में 800 मेगावाट की अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल यूनिट की नींव रखी। नया थर्मल पावर प्लांट 2x 300 मेगावाट दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट के साथ बनाया जाएगा।
- नया थर्मल पावर प्लांट बिजली उत्पादन के लिए कोयले का उपयोग करेगा।
- इसका निर्माण हरियाणा पावर जनरेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है, जिसका स्वामित्व हरियाणा सरकार के पास है।
- अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट को प्रति मेगावाट बिजली उत्पादन करने के लिए पारंपरिक थर्मल पावर प्लांट की तुलना में कम कम कोयले की आवश्यकता होती है कम कार्बन भी पैदा करते है।
- यह पारंपरिक पावर प्लांट की तुलना में कम प्रदूषणकारी और अधिक कुशल होते है।
महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट का नया टर्मिनल भवन
- पीएम मोदी ने हिसार में महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट के 410 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले दूसरे टर्मिनल भवन की आधारशिला रखी।
- उन्होंने हिसार के महाराजा अग्रसेन एयरपोर्ट से उत्तर प्रदेश के अयोध्या के महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए सीधी उड़ान का भी उद्घाटन किया।
- अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि देश में एयरपोर्ट की संख्या 2014 में 74 से बढ़कर 2025 में 150 से अधिक हो गई है।
मुकरबपुर में संपीड़ित बायोगैस संयंत्र की आधारशिला
- प्रधानमंत्री मोदी ने यमुनानगर के मुकरबपुर में संपीड़ित बायोगैस संयंत्र की आधारशिला भी रखी।
- यह संयंत्र भारत सरकार की पहल गोबरधन यानी गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन के तहत बनाया जा रहा है।
- इस संयंत्र की सालाना उत्पादन क्षमता 2,600 मीट्रिक टन संपीड़ित बायोगैस होगी।
- इसका उत्पादन मई 2027 से शुरू होगा।
- संपीड़ित बायोगैस के उत्पादन के लिए फीडस्टॉक के रूप में सालाना 45,000 टन नगरपालिका ठोस अपशिष्ट और 36,000 टन गोबर का उपयोग किया जाएगा।
रेवाड़ी बाईपास परियोजना का उद्घाटन
प्रधानमंत्री ने भारतमाला परियोजना के तहत निर्मित 14.4 किलोमीटर लंबे रेवाड़ी बाईपास परियोजना का भी उद्घाटन किया।
लगभग 1,070 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से रेवाड़ी शहर में भीड़भाड़ कम होगी और दिल्ली-नारनौल की यात्रा का समय लगभग एक घंटे कम हो जाएगा।
गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज धन (गोबरधन) के बारे में
- भारत सरकार द्वारा 2018 में शुरू किया गया।
- यह मवेशियों के गोबर, कृषि अवशेषों और बायोमास सहित बायोडिग्रेडेबल और जैविक कचरे को बायोगैस, सीबीजी और जैविक खाद जैसे उच्च मूल्य वाले संसाधनों में बदलने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी सरकारी पहल है।