31वीं एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) आर्थिक नेताओं की बैठक, जिसमें 21 सदस्य देशों के नेताओं ने भाग लिया, 15 और 16 नवंबर 2024 को लीमा, पेरू में आयोजित की गई थी। आर्थिक नेताओं की बैठक के साथ, 35वीं एपीईसी मंत्रिस्तरीय बैठक भी 15 और 16 नवंबर 2024 को लीमा में आयोजित की गई थी।
बैठक की मेजबानी पेरू की राष्ट्रपति दीना बोलुआर्ट ने की।
यह संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन की आखिरी शिखर बैठक थी, क्योंकि उनका कार्यकाल 19 जनवरी 2024 को समाप्त हो रहा है, और डोनाल्ड ट्रम्प 20 जनवरी 2025 को अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेंगे।
एपीईसी ,एशिया प्रशांत क्षेत्र के 21 देशों का एक अंतरसरकारी समूह है जो अपने सदस्यों के बीच आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देता है। विश्व की लगभग 40 प्रतिशत आबादी यहीं रहती है। एपीईसी के सदस्य विश्व व्यापार में लगभग 50% का योगदान करते हैं, और विश्व के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी ) में उनका योगदान लगभग 60 प्रतिशत हैं।
दक्षिण कोरिया 2025 में, चीन 2026 में और वियतनाम 2027 में अगली एपीईसी बैठक की मेजबानी करेगा।
लीमा में आयोजित 2024 एपीईसी आर्थिक नेताओं की बैठक “सशक्तीकरण, शामिल करना और बढ़ना" विषय के तहत आयोजित की गई थी।
आर्थिक नेताओं की बैठक समाप्त होने के बाद, नेताओं ने "माचू पिचू घोषणा" नामक एक घोषणा पत्र जारी की।
घोषणापत्र में व्यापार और निवेश बढ़ाने, आपूर्ति श्रृंखला कनेक्टिविटी, भ्रष्टाचार विरोधी, टिकाऊ और समावेशी विकास का आह्वान किया गया।
बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जापानी प्रधान मंत्री इशिबा शिगेरू, दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यूं सुक-योल और अन्य ने भाग लिया।
वर्तमान में, 21 देश-पेरू, ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, पापुआ न्यू गिनी, कनाडा, इंडोनेशिया, चिली, पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, हांगकांग, चीन, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया गणराज्य (दक्षिण कोरिया), मलेशिया, मैक्सिको, न्यू ज़ीलैंड, फिलीपींस, रूस, सिंगापुर, चीनी ताइपे (ताइवान), थाईलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका- इसके सदस्य हैं।
भारत इसका सदस्य देश नहीं है।
मुख्यालय: सिंगापुर
फुल फॉर्म
एपीईसी/APEC : एशिया पैसिफिक इकनॉमिक कोऑपरेशन (Asia Pacific Economic Cooperation)