मैक्सिको के सर्वोच्च न्यायालय ने अपने देश में गर्भपात को विधिसंगत ठहराया है। अर्थात अपने देश में गर्भपात को अपराध की श्रेणी से बाहर किया है।
मैक्सिको की शीर्ष अदालत ने एक बयान में कहा कि गर्भपात के लिए दंडित करने वाली व्यवस्था असंवैधानिक है क्योंकि यह महिलाओं के मानवाधिकार का हनन है।
- पूर्व में मैक्सिको की शीर्ष अदालत ने इसी प्रकार की एक व्यवस्था में कहा गया था कि गर्भपात अपराध नहीं है और महिलाएं देश में सजा का भय किये बगैर गर्भपात करवा सकती हैं।
- इसके दो वर्षो के बाद यह फैसला आया है। न्यायालय ने कहा कि गर्भपात को गैरकानूनी ठहराने वाले संघीय दंड संहिता का अंश अब प्रभावी नहीं है। कोई भी महिला या स्वास्थ्य कर्मी गर्भपात के लिए अब दंडित नहीं की जाएंगी।
- इससे पहले 2007 में मैक्सिको सिटी सहित मैक्सिको के 32 राज्यों के 12 शहरों में गर्भपात को कानूनी ठहराया जा चुका है।
भारत में गर्भपात:
- भारत और कुछ अन्य देशों में गर्भावस्था के एक निश्चित अवधि के दौरान गर्भपात कराया जा सकता है। भारत में कुछ शर्तों के साथ एक निश्चित समय सीमा के भीतर गर्भपात कराई जा सकती हैं।
- हालांकि महिलाओं को ऐसा करने की खुली छूट नहीं है। यह तभी संभव हो सकता है जब डॉक्टर को लगे और वे कहें कि गर्भपात कराना आवश्यक है। इसके लिए देश में चिकित्सकीय समापन (संशोधन) नियम, 2021 (MTP Act) बनाया गया है।
विश्व के अन्य देशों में गर्भपात का नियम:
- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और श्रीलंका में गर्भवती महिला के जीवन पर कोई खतरा होने की स्थिति में ही गर्भपात कराया जा सकता है।
- बांग्लादेश और बहरीन में गर्भपात पर पूर्णतः पाबंदी है, लेकिन गर्भवती महिला की जान को खतरा होने पर गर्भपात कराया जा सकता है।
- चीन और कनाडा में महिलाओं को गर्भपात कराने की पूरी छूट है।
- फ्रांस में महिला की जान को खतरा होने पर कभी भी गर्भपात कराया जा सकता है। वहीं अन्य परिस्थितियों में प्रेग्नेंसी के 14 सप्ताह के भीतर गर्भपात कराया जा सकता है।
- ईराक, लेबनान और लीबिया में गर्भवती महिला की जान को खतरा होने पर गर्भपात कराया जा सकता है।
मैक्सिको:
- मुद्रा: मेक्सिकन पेसो
- राजधानी: मैक्सिको सिटी
- राष्ट्रपति: आंद्रेज मैनुएल लोपेज ओब्राडोर