भारत सरकार की भारतीय विकास और आर्थिक सहायता योजना (आईडीईएएस) कार्यक्रम के तहत भारत ने मॉरीशस सरकार को 487.60 करोड़ रुपये की लाइन ऑफ़ क्रेडिट( ऋण) स्वीकृत की है।
यह पहली बार है कि भारत ने आईडीईएएस के तहत किसी विदेशी सरकार को भारतीय रुपये में ऋण सुविधा प्रदान की है।
भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने मॉरीशस के विदेश मंत्री मनीष गोबिन को इस ऋण की पेशकश की थी। मॉरीशस सरकार द्वारा डॉ. जयशंकर के प्रस्ताव को स्वीकार करने के बाद वित्त मंत्रलाय, भारत सरकार द्वारा इस ऋण को मंजूरी दी गई।
मॉरीशस में एक जल परियोजना के वित्तपोषण के लिए मॉरीशस सरकार को 487.60 करोड़ रुपये की ऋण सुविधा भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के माध्यम से प्रदान की जाएगी।
ऋण राशि का उपयोग मॉरीशस में लगभग 100 किलोमीटर पुरानी जल पाइपलाइन को बदलने के लिए किया जाएगा।
भारतीय विकास और आर्थिक सहायता योजना (आईडीईएएस) को भारत सरकार द्वारा भारत विकास पहल के रूप में शुरू किया गया था। इसकी घोषणा 2003-2004 के बजट भाषण में तत्कालीन वित्त मंत्री जसवन्त सिंह ने 200 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ की थी।
बाद में इसका नाम बदलकर भारतीय विकास और आर्थिक सहायता योजना (आईडीईएएस) कर दिया गया।
यह ऋण भारतीय निर्यातआयात बैंक (एक्सिम) बैंक/सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक या केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा नामित किसी अन्य वित्तीय एजेंसी के माध्यम से आईडीईएएस के तहत उधार लेने वाले देश को दिया जाता है।
आईडीईएएस का संचालन केंद्रीय वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग द्वारा किया जाता है। हालाँकि, विदेश मंत्रालय की सिफारिश पर ही आईडीईएएस के तहत विदेशी सरकारों को ऋण प्रदान किया जाता है।
यह भी पढ़ें; विदेश मंत्री जयशंकर ने मॉरीशस के पोर्ट लुइस में मैत्री उद्यान का उद्घाटन किया
मॉरीशस पूर्वी अफ्रीकी तट के पास हिंद महासागर में एक द्वीपसमूह है और देश की दो-तिहाई आबादी भारतीय मूल की है।
राजधानी: पोर्ट लुइस
मुद्रा: मॉरीशस रुपया
प्रधान मंत्री: प्रविंद कुमार जुगनुथ