जनवरी 2024 में, टेस्टएटलस (TasteAtlas) ने 2023-24 के लिए मसाला चाय को दुनिया का दूसरा सबसे अच्छा गैर-अल्कोहल पेय नामित किया है। टेस्टएटलस, विश्व में एक प्रकार का लोकप्रिय भोजन और यात्रा गाइड है।
- साधारण मसाला चाय पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में लोकप्रिय है और लोग इसे बहुत पसंद करते हैं। पेय पदार्थ के रूप में चाय के प्रति लगाव पूरी दुनिया में फैला हुआ है।
सर्वश्रेष्ठ गैर-अल्कोहल पेय का ताज:
- मेक्सिको के ‘अगुआस फ्रेस्कास’ को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ गैर-अल्कोहल पेय का दर्जा दिया गया। अगुआस फ्रेस्कास एक पेय जिसे फल, खीरे, फूल, बीज और अनाज को चीनी और पानी के साथ मिश्रित करके बनाया जाता है।
मसाला चाय के बारे में:
- मसाला चाय एक गर्म पेय है जो दूध और चाय को मसालों और चीनी के साथ उबालकर बनाया जाता है।
- इसमें लौंग, काली मिर्च, अदरक और इलायची का स्वादिष्ट रस है। भारत और दक्षिण एशिया के शेष उपमहाद्वीप के साथ-साथ प्रवासी लोगों के बीच, मसाला चाय ठंड के महीनों के लिए एक उत्कृष्ट पेय है।
- टेस्टएटलस के अनुसार, मसाला चाय भारत में प्रसिद्ध एक सुगंधित पेय है। इसे मीठी काली चाय और दूध के संयोजन से बनाया जाता है। इसमें आम तौर पर इलायची, पिसी हुई अदरक, लौंग, दालचीनी और काली मिर्च शामिल होती है।
- हालांकि, मसालों की पसंद और सटीक अनुपात अक्सर भिन्न होता है। हालांकि कई सिद्धांत हैं जो अन्यथा दावा करते हैं, चाय मसाला की उत्पत्ति ज्यादातर ब्रिटिश चाय व्यापार से जुड़ी हुई है।
- टेस्टएटलस के अनुसार, 19वीं शताब्दी में, चाय के व्यापार पर चीनियों का एकाधिकार था। ब्रिटिश अन्य बाजारों की तलाश में थे जो काली चाय की उच्च मांग को पूरा कर सकें। उस समय यह एक दृढ़ यूरोपीय पसंदीदा थी।
- ऐसा माना जाता है कि मसाला चाय पहली बार उस अवधि के दौरान दिखाई दी, जब भारतीय चाय संघ ने श्रमिकों के लिए बहुत जरूरी जलपान के रूप में चाय ब्रेक को बढ़ावा दिया।
चाय के बारे में:
- चाय कैमेलिया साइनेंसिस के पौधे से बना एक पेय है। चाय पानी के बाद दुनिया का सर्वाधिक पिया जाने वाला पेय है।
चाय की उत्पत्ति:
- ऐसा माना जाता है कि चाय की उत्पत्ति उत्तर-पूर्वी भारत, उत्तरी म्याँमार और दक्षिण-पश्चिम चीन में हुई थी। लेकिन यह निश्चित नहीं किया जा सका है कि इनमें से वास्तव में यह पहली बार कहाँ पाई गई थी। इस बात के प्रमाण हैं कि 5,000 साल पहले चीन में चाय का सेवन किया जाता था।
चाय के लिए उपयुक्त जलवायविक परिस्थितयां:
- जलवायु: चाय एक उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय पौधा है तथा गर्म एवं आर्द्र जलवायु में इसकी पैदावार अच्छी होती है।
- तापमान: इसकी वृद्धि हेतु आदर्श तापमान 20-30°C होता है तथा 35°C से ऊपर और 10°C से नीचे का तापमान इसके लिए हानिकारक होता है।
- वर्षा: इसके लिए पूरे वर्ष समान रूप से वितरित 150-300 सेमी वार्षिक वर्षा की आवश्यकता होती है।
- मिट्टी: चाय की खेती के लिए सबसे उपयुक्त छिद्रयुक्त अम्लीय मृदा (कैल्शियम के बिना) होती है, जिसमें जल आसानी से प्रवेश कर सके।
अंतर्राष्ट्रीय चाय दिवस:
- यह दिसंबर 2019 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा घोषित किए जाने के बाद से प्रत्येक वर्ष 21 मई को मनाया जाता है।
चाय के बारे में कुछ रोचक तथ्य:
- चाय लगभग 300 ई. से दैनिक पेय बनी हुई है।
- 1610 में डच व्यापारी चाय को चीन से यूरोप ले गए और धीरे-धीरे ये पूरी दुनिया की प्रिय पेय पदार्थ बन गई।
- विश्व में चाय उत्पादन में भारत का पहला स्थान है।
- भारत में चाय पहली बार वर्ष 1834 में अंग्रेज लेकर आए।
- हालांकि, जंगली अवस्था में यह असम में पहले से ही पैदा होती थी।
- करीब 1815 में अंग्रेज यात्रियों का ध्यान असम में उगने वाली चाय की झाड़ियों पर गया।
- असम के स्थानीय कबाइली लोग इसका पेय बनाकर पहले से ही पीते थे।
- भारत के तत्कालिक गर्वनर जनरल लॉर्ड बैंटिक ने भारत में चाय की परंपरा शुरू करने और उसके उत्पादन की संभावना तलाश करने के लिए एक समिति का गठन किया।
- 1835 में असम में चाय के बाग लगाए गए।
- असम की चाय तेज सुगंध और रंग के लिए प्रसिद्ध है।