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दक्षिण कोरिया में जन विरोध के बाद मार्शल लॉ कुछ ही घंटों में वापस लिया गया

Utkarsh Classes
Updated: 04 Dec 2024
4 Min Read

दक्षिण कोरिया में तेजी से बदलते राजनीतिक घटना चक्र में, राष्ट्रपति यूं सुक येओल ने 3 दिसंबर 2024 की रात को देश में "मार्शल लॉ" लागू कर दिया और 4 दिसंबर 2024 की सुबह दक्षिण कोरियाई संसद द्वारा इसके खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के बाद उन्हें अपनी घोषणा को रद्द करना पड़ा।
1948 में अस्तित्व में आने के बाद से, कोरिया गणराज्य या दक्षिण कोरिया 1987 में वर्तमान लोकतांत्रिक प्रणाली की स्थापना से पहले ज्यादातर सैन्य शासन के अधीन रहा है।
दक्षिण कोरिया में मार्शल लॉ 16 बार लगाया जा चुका है और आखिरी बार 1979 में लगाया गया था जब दक्षिण कोरिया के सैन्य तानाशाह और राष्ट्रपति पार्क चुन ही की हत्या कर दी गई थी।
1987 में देश में वर्तमान संवैधानिक व्यवस्था की स्थापना के बाद से यह देश में मार्शल लॉ लगाने का पहला उदाहरण था।
मार्शल लॉ का मतलब है देश के संविधान को निलंबित करना और नागरिक शासन को सैन्य शासन द्वारा प्रतिस्थापित करना।
मार्शल लॉ को 'आपातकाल' भी कहा जाता है, जहाँ मौजूदा कानून, नागरिक के मौलिक अधिकार, नागरिक प्राधिकरण और न्याय के सामान्य प्रशासन को निलंबित कर दिया जाता है। लगभग हर संविधान में मार्शल लॉ का प्रावधान है।
भारत में मार्शल लॉ को आपातकाल कहा जाता है और इसे भारत में आखिरी बार 1975 में इंदिरा गांधी सरकार ने लगाया था।
मई 2022 में पदभार ग्रहण करने वाले राष्ट्रपति यून सुक योल ने 3 दिसंबर 2024 की रात को एक टेलीविज़न संबोधन में देश में मार्शल लॉ लगाया। इस संबोधन में राष्ट्रपति ने विपक्षी दलों पर उत्तर कोरिया के साथ सहानुभूति रखने और सरकार को राज्य-विरोधी गतिविधियों से पंगु बनाने का आरोप लगाया गया।
दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद कोरियाई प्रायद्वीप को कोरिया गणराज्य (दक्षिण कोरिया) और डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ़ कोरिया (उत्तर कोरिया) में विभाजित किया गया है।
संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों के समर्थन से दक्षिण कोरिया ने चीन और सोवियत संघ द्वारा समर्थित कम्युनिस्ट उत्तर कोरिया के साथ खूनी गृहयुद्ध लड़ा गया।
1953 में दोनों देशों के बीच संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में युद्धविराम पर बातचीत हुई और दोनों के बीच एक असैन्य क्षेत्र स्थापित किया गया, जो दोनों देशों की वास्तविक सीमा बन गया।
दोनों देशों ने अभी तक कोई शांति संधि पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं और तकनीकी रूप से युद्ध में हैं।
2024 में देश के हुए संसदीय चुनाव में विपक्षी दलों ने भारी जीत हासिल की थी और राष्ट्रपति यूं सुक योल की सत्तारूढ़ पीपुल्स पावर पार्टी कोरियाई संसद में अल्पमत में आ गई थी।
मार्शल लॉ की घोषणा के बाद राष्ट्रपति की अपनी ही पार्टी, 'पीपुल्स पावर पार्टी' ने मार्शल लॉ लगाने के उनके कदम को अस्वीकार कर दिया।
देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता ली जे-म्यांग अपने सांसद और हजारों लोगों के साथ नेशनल असेंबली पहुंचे और मार्शल लॉ को समाप्त करने की मांग की।
4 दिसंबर 2024 की सुबह नेशनल असेंबली की बैठक बुलाई गई और बहुमत से मार्शल लॉ के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया।
संसद द्वारा प्रस्ताव पारित किए जाने और जनता केभारी विरोध को देखते हुए राष्ट्रपति ने 4 दिसंबर 2024 की सुबह मार्शल लॉ को रद्द कर दिया।
यह औपचारिक रूप से अगस्त 1948 में अस्तित्व में आया।
यह एशिया का एक अत्यधिक औद्योगिक देश है और ओईसीडी (आर्थिक सहयोग और विकास संगठन) का सदस्य देश है।
राजधानी: सियोल
मुद्रा: दक्षिण कोरियाई वोन
राष्ट्रपति: यूं सुक येओल

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