केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 21 जनवरी 2025 को भारत की पहली पूर्ण एकीकृत आपदा चेतावनी प्रणाली कवचम (केरल चेतावनियाँ, एक संकट और खतरा प्रबंधन प्रणाली) का उद्घाटन किया। कवचम प्रणाली को राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना के तहत विकसित किया गया है।
कवचम प्रणाली को दुनिया की सबसे तेज़ मौसम चेतावनी प्रणालियों में से एक माना जाता है जो जलवायु परिवर्तन से प्रेरित चरम मौसम की घटनाओं के दौरान बचाव और पुनर्वास प्रयासों को और सक्षम करेगी।
कवचम प्रणाली को केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारत सरकार और विश्व बैंक के वित्तीय सहयोग से राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम न्यूनीकरण परियोजना के हिस्से के रूप में विकसित किया गया है।
राष्ट्रीय चक्रवात जोखिम शमन परियोजना एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसे विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित किया जा रहा है।
इस परियोजना का क्रियान्वयन भारत सरकार के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा किया जा रहा है।
परियोजना का उद्देश्य
परियोजना का उद्देश्य तटीय राज्यों में प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली, चक्रवात शमन अवसंरचना स्थापित करना और परियोजना प्रबंधन और निगरानी में राज्यों की सहायता करना है।
कार्यान्वयन
यह परियोजना भारत के 8 तटीय राज्यों में दो चरणों में कार्यान्वित की जा रही है।
चरण I
आंध्र प्रदेश और ओडिशा
चरण II
गोवा, गुजरात, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल।