Home > Current Affairs > State > Kerala Assembly resolves to rename state as 'Keralam'

केरल विधानसभा ने राज्य का नाम बदलकर 'केरलम' करने का संकल्प लिया

Utkarsh Classes Last Updated 14-03-2024
Kerala Assembly resolves to rename state as 'Keralam' government 5 min read

केरल विधानसभा ने 9 अगस्त 2023 को सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव अपनाया, जिसमें केंद्र से राज्य का नाम आधिकारिक तौर पर 'केरलम' करने का आग्रह किया गया। यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन द्वारा पेश किया गया था।

मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा कि “मलयालम में हमारे राज्य का नाम केरलम है। 1 नवंबर, 1956 को देश में भाषाई आधार पर राज्यों का गठन किया गया था। उसी दिन केरल का स्थापना दिवस भी है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सभी मलयालम भाषी लोगों के लिए एक संयुक्त केरल राज्य बनाने की मांग की गई थी।”

“लेकिन संविधान की पहली अनुसूची के तहत, हमारे राज्य का नाम केरल दर्ज किया गया था। विधानसभा ने सर्वसम्मति से केंद्र सरकार से संविधान की आठवीं अनुसूची के तहत सभी आधिकारिक भाषाओं में राज्य का आधिकारिक नाम बदलकर 'केरलम' करने के लिए आवश्यक संशोधन करने का अनुरोध किया है।''

केरल राज्य  का गठन:

1 नवंबर, 1956 को त्रावणकोर-कोचीन को मद्रास राज्य के मालाबार जिले के साथ मिलाकर नया केरल राज्य बनाया गया था ।

किसी राज्य के नाम में परिवर्तन के संबंध में संवैधानिक प्रावधान:

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 3 में किसी राज्य का नाम बदलने के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का प्रावधान है।

किसी राज्य का नाम बदलने की शक्ति संसद के पास है।

कोई भी विधेयक जो राज्य का नाम बदलने की मांग करता है उसे संसद के किसी भी सदन यानी लोकसभा या राज्यसभा में पेश किया जा सकता है ।

राष्ट्रपति की अनुशंसा पर ही विधेयक संसद के किसी भी सदन में पेश किया जा सकता है।

राष्ट्रपति को अनुशंसा करने से पहले विधेयक को संबंधित राज्य की विधायिका के पास भेजना होगा जिसका नाम बदले जाने का प्रस्ताव है।

राज्य विधानमंडल को राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित समय के भीतर अपनी राय देनी होती है।

राज्य की राय राष्ट्रपति पर बाध्यकारी नहीं है।

निर्धारित समयावधि समाप्त होने के बाद विधेयक को संसद में पेश किया जाता है।

विधेयक को एक सामान्य विधेयक के रूप में माना जाएगा और इसे दोनों सदनों द्वारा साधारण बहुमत से पारित किया जाना होगा।

राष्ट्रपति विधेयक पर हस्ताक्षर करते हैं और यह एक अधिनियम बन जाता है।

राष्ट्रपति द्वारा निर्दिष्ट तिथि पर राज्य का बदला हुआ नाम लागू हो जाता है ।

संविधान लागू होने के बाद राज्यों के बदल गए नाम:

मध्य भारत से मध्य प्रदेश

28 मई, 1948 को 25 रियासतों से निर्मित, मध्य भारत का नाम बदलकर 1 नवंबर, 1956 को मध्य प्रदेश कर दिया गया।

मद्रास राज्य से तमिलनाडु

1947 में भारत में स्वतंत्रता के बाद, मद्रास प्रेसीडेंसी मद्रास प्रांत बन गया। 1969 में अन्नादुरई की सरकार ने राज्य का नाम बदलकर तमिलनाडु कर दिया।

उत्तराँचल से उत्तराखंड

दिसंबर 2006 में, उत्तरांचल राज्य का नाम बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया। उड़ीसा से उड़ीसा

उड़ीसा से ओडिशा

2011 में उड़ीसा का नाम बदलकर ओडिशा कर दिया गया। 96वें संविधान संशोधन अधिनियम 2011 ने संविधान की आठवीं अनुसूची में संशोधन किया और उड़िया भाषा का नाम बदलकर ओडिया कर दिया।

Leave a Review

Today's Article

Utkarsh Classes
DOWNLOAD OUR APP

Download India's Best Educational App

With the trust and confidence that our students have placed in us, the Utkarsh Mobile App has become India’s Best Educational App on the Google Play Store. We are striving to maintain the legacy by updating unique features in the app for the facility of our aspirants.