कन्नड़ कवि, ममता जी सागर को अप्रैल 2024 में विश्व लेखक संगठन (डब्ल्यूओडब्ल्यू) द्वारा साहित्य में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए विश्व साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ममता जी सागर, कन्नड़ कवि होने के साथ ही प्रसिद्ध नाटककार और अकादमिशियन भी रहे हैं।
- ममता जी सागर, सृष्टि मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट, डिज़ाइन एंड टेक्नोलॉजी की फैसिलिटेटर हैं। ममता सागर के अनुसार, यह प्रक्रिया आठ महीने पहले आरंभ हुई थी। जब डब्ल्यूओडब्ल्यू ने पहली बार पुरस्कार के लिए आवेदन करने के लिए उनसे संपर्क किया था।
डब्ल्यूओडब्ल्यू अबुजा में की समारोह:
- यह समारोह नाइजीरिया के अबुजा में विश्व लेखक संगठन की पहली कांग्रेस के एक भाग के रूप में आयोजित किया गया था।
- तीन दिवसीय कांग्रेस एसोसिएशन ऑफ नाइजीरियाई ऑथर्स (एएनए) राइटर्स विलेज में आयोजित की गई थी। जो 1981 में प्रसिद्ध नाइजीरियाई लेखक चिनुआ अचेबे द्वारा शुरू किया गया एक समुदाय था।
- यह कार्यक्रम एएनए और पैन अफ्रीकन राइटर्स एसोसिएशन (पीएडब्ल्यूए) के बीच एक सहयोग था।
ममता जी सागर के बारे में :
- ममता वर्तमान में बेंगलुरु, कर्नाटक में सृष्टि मणिपाल इंस्टीट्यूट ऑफ आर्ट, डिज़ाइन और टेक्नोलॉजी में एक फैसिलिटेटर हैं।
- ममता 2016 में सृष्टि मणिपाल में शामिल होने से पूर्व हैदराबाद विश्वविद्यालय और बैंगलोर विश्वविद्यालय में सेवा दे चुकी हैं।
- ममता की कविताओं और शोध कार्यों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। उनके कार्यों का विभिन्न भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
ममता को प्राप्त हुए पुरस्कार एवं सम्मान:
- अलग-अलग वर्षों में ममता जी सागर को देश-विदेश में कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
- ब्रिटिश सेंटर फॉर लिटरेरी ट्रांसलेशन
- यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया
- चार्ल्स वालेस इंडिया ट्रस्ट फेलोशिप (2015)
- यूके में सांची होन्नम्मा काव्य प्रशस्ति (2019)
- भाषाभारती अनुवाद पुरस्कार (2019)
ममता जी सागर का मुख्य संकलन:
- ममता ने हाल के वर्षों में कई कविता संग्रह तैयार किए, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- 'काडा नविलिना हेज्जे' (1992 में प्रकाशित) ममता जी सागर का पहला संकलन
- "फुटस्टेप्स ऑफ़ द वाइल्ड पीकॉक" (1992)
- 'नदिया नीरिना तेवा' (1999)
- "हाइड एंड सीक" (2014)
- ममता के उल्लेखनीय कार्यों में बच्चों के लिए संगीतमय नाटक "चुक्की चुक्की चंदक्की" (1999) और कन्नड़ नाटक "माये भरा मनावे भरा" का "द स्विंग ऑफ डिज़ायर" (2004) के रूप में अनुवाद भी शामिल है।
- यह संकलन उस समय प्रकाशित हुआ था जब अधिकांश महिलाओं की कविता शरीर के कामुकीकरण के बारे में थी।
- ममता, की कविता कब्बन पार्क मेट्रो स्टेशन की दीवारों पर पाई जा सकती है। ममता का मानना है कि 'कविता को सड़कों पर चलना चाहिए। न कि इसे वातानुकूलित कमरे में पढ़ा जाना चाहिए।
काव्य पाठ का आयोजन
- हाल के वर्षों में, ममता का ध्यान प्रदर्शन कविता पर रहा है। उनके द्वारा स्थापित कवियों का एक समुदाय, काव्या संजे, बेंगलुरु में सार्वजनिक स्थानों पर और स्थानीय, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कवियों के साथ ऑनलाइन कविता पढ़ने के कार्यक्रमों की मेजबानी कर रहा है।
- 2018 में, ममता ने काव्य फिल्मों का एक सेट, इंटरवर्सन 1', 'इंटरवर्सन 2' और 'इंटरवर्सन 3' का निर्माण किया, जिसमें उनके कार्यों से छंद लिए गए थे।
- ममता खुद एक अनुवादक भी हैं, वह कहती हैं, बढ़ते अनुवाद से भारतीय भाषा कविता के पाठकों और अनुयायियों को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी। ममता ने उभरते हुए लेखकों से अपनी भाषाओं के साथ प्रयोग करने का आग्रह करती हैं।
- वह वर्तमान में अपनी कविताओं का एक संकलन लाने के लिए काव्य संजे के कवियों के साथ सहयोग कर रही हैं। इसे शीघ्र ही प्रकाशित किए जाने की संभावना है।
डब्ल्यूओडब्ल्यू विश्व साहित्यिक पुरस्कार के बारे में:
- डब्ल्यूओडब्ल्यू द्वारा "गोल्डन एलआईएफएफटी" साहित्यिक पुरस्कार के उत्तराधिकारी के रूप में स्थापित किया गया।
- डब्ल्यूओडब्ल्यू का उद्देश्य वैश्विक स्तर पर साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले लेखकों को प्रोत्साहित करना है।
- यूरेशियन पीपुल्स असेंबली, पैन-अफ्रीकन एसोसिएशन ऑफ राइटर्स और यूरेशियन पीपुल्स की सांस्कृतिक परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए एलआईएफएफटी फाउंडेशन द्वारा सह-स्थापित।
- यह पुरस्कार रूसी, अंग्रेजी, स्पेनिश और अरबी में कार्यों को उनके अनुवादों के साथ स्वीकार करता है।