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भारत और युएसए के द्विपक्षीय बैठक के बाद संयुक्त वक्तव्य

Utkarsh Classes Last Updated 09-12-2023
Joint statement after bilateral meeting of India and USA Summit and Conference 12 min read

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 8 सितंबर 2023 को अपने सरकारी आवास पर अमरीका के राष्ट्रपति जोसेफ आर. बाइडेन, जूनियर के साथ द्विपक्षीय बैठक की। इस द्विपक्षीय बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग के साथ-साथ भारत और अमेरिका के लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने पर चर्चा की गई। 

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने स्वतंत्र, खुले, समावेशी और लचीले हिंद-प्रशांत का समर्थन करने में क्वाड के महत्व की पुन: पुष्टि की। 

  • प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 में भारत की मेजबानी में आयोजित होने वाले क्वाड नेताओं के अगले शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति बाइडेन का स्वागत करने के प्रति उत्सुकता व्‍यक्‍त की।

हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई):

  • भारत ने जून 2023 में हिंद-प्रशांत महासागर पहल (आईपीओआई) में शामिल होने के अमेरिकी निर्णय के बाद व्यापार कनेक्टिविटी और समुद्री परिवहन से संबंधित आईपीओआई पहल स्तंभ का सह-नेतृत्व करने के अमेरिकी फैसले का स्वागत किया।
  • वैश्विक शासन व्‍यवस्‍था के अधिक समावेशी और प्रतिनिधित्‍व पर आधारित होने संबंधी अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए राष्ट्रपति बाइडेन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार किए जाने और उसमें भारत की स्थायी सदस्यता होने के प्रति अपना समर्थन दोहराया।
  • साथ ही इस संदर्भ में, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में 2028-29 में गैर-स्थायी सीट के लिए भारत की उम्मीदवारी का एक बार फिर से स्वागत किया। 
  • दोनों नेताओं ने रणनीतिक साझेदारी को व्‍यापक बनाने में प्रौद्योगिकी की महत्‍वपूर्ण भूमिका की पुष्टि की तथा साझा मूल्यों और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूती प्रदान करने वाले परस्‍पर विश्वास पर आधारित मुक्‍त, सुलभ, सुरक्षित और लचीले प्रौद्योगिकी इकोसिस्‍टम और मूल्य श्रृंखलाएं बनाने के लिए भारत-अमेरिकी क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (आईसीईटी) पहल के माध्यम से जारी प्रयासों की सराहना की। 

बाहरी अंतरिक्ष अन्वेषण में साझेदारी:

  • राष्ट्रपति बाइडेन ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में चंद्रयान-3 की ऐतिहासिक लैंडिंग के साथ-साथ भारत के पहले सौर मिशन, आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण पर प्रधानमंत्री मोदी और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों और इंजीनियरों को बधाई दी। 
  • बाहरी अंतरिक्ष अन्वेषण में साझेदारी को गहन बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित इसरो और नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने 2024 में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए संयुक्त प्रयास बढ़ाने हेतु तौर-तरीके, क्षमता निर्माण और प्रशिक्षण के बारे में चर्चा शुरू कर दी है और मानव अंतरिक्ष उड़ान सहयोग से संबंधित रणनीतिक रूपरेखा को 2023 के अंत तक अंतिम रूप देने की दिशा में प्रयासरत हैं।
  • पृथ्वी और अंतरिक्ष संपत्तियों को क्षुद्रग्रहों और पृथ्वी-समीप वस्तुओं के प्रभाव से बचाने के लिए भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ग्रह की रक्षा के लिए तालमेल बढ़ाने की भी मंशा रखते हैं। इसमें लघु ग्रह केंद्र के माध्यम से क्षुद्रग्रह का पता लगाने और ट्रैकिंग में भारत की भागीदारी हेतु अमेरिकी समर्थन शामिल है।

सेमीकंडक्टर आपूर्ति :

  • दोनों नेताओं ने लचीली वैश्विक सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखलाओं के निर्माण के लिए भारत में अपने अनुसंधान और विकास की उपस्थिति का विस्तार करने के लिए माइक्रोचिप टेक्नोलॉजी, इंक. की लगभग 300 मिलियन डॉलर का निवेश करने की एक बहु-वर्षीय पहल का उल्‍लेख किया। 
  • भारत में अनुसंधान, विकास और इंजीनियरिंग संचालन का विस्तार करने के लिए एडवांस्ड माइक्रो डिवाइस की अगले पांच वर्षों में भारत में 400 मिलियन डॉलर का निवेश करने की घोषणा किया। 
  • दोनों नेताओं ने अमेरिकी कंपनियों, माइक्रोन, एलएएम रिसर्च और एप्लाइड मैटेरियल्स द्वारा जून 2023 में की गई घोषणाओं के कार्यान्वयन की सराहना की।
  • प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने सुरक्षित और विश्वसनीय दूरसंचार, लचीली आपूर्ति श्रृंखला और वैश्विक डिजिटल समावेशन के दृष्टिकोण को साझा करते हुए भारत 6जी एलायंस और एलायंस फॉर टेलीकॉम इंडस्ट्री द्वारा संचालित नेक्स्ट जी एलायंस के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने का विक्रेताओं और ऑपरेटरों के बीच सार्वजनिक-निजी सहयोग को गहरा बनाने की दिशा में पहले कदम के रूप में स्वागत किया। 
  • दोनों नेताओं ने ओपन रैन तथा 5जी/6जी प्रौद्योगिकियों में अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में सहयोग पर केंद्रित दो संयुक्त कार्य बलों की स्थापना को भी स्वीकार किया। फील्ड में तैनाती से पहले एक अमेरिकी ओपन रैन निर्माता द्वारा एक प्रमुख भारतीय दूरसंचार ऑपरेटर में 5जी ओपन रैन पायलट शुरू किया जाएगा। 
  • नेताओं ने यूएस रिप एंड रिप्लेस प्रोग्राम में भारतीय कंपनियों की भागीदारी के लिए उत्‍सुकता प्रकट की; राष्ट्रपति बाइडेन ने संयुक्त राज्य अमेरिका में रिप एंड रिप्लेस पायलट के लिए भारत के समर्थन का स्वागत भी किया।

क्वांटम क्षेत्र में सहयोग:

  • संयुक्त राज्य अमेरिका ने क्वांटम क्षेत्र में भारत के साथ द्विपक्षीय रूप से और अंतरराष्ट्रीय क्वांटम अदान-प्रदान अवसरों को सुविधाजनक बनाने के मंच ‘क्वांटम एंटैंगमेंट एक्सचेंज’ के माध्यम से मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी।
  • अमेरिका ने ‘क्वांटम इकोनॉमिक डेवलपमेंट कंसोर्टियम’ के सदस्य के रूप में भारत के एस एन बोस नेशनल सेंटर फॉर बेसिक साइंसेज, कोलकाता की भागीदारी का स्वागत किया। 

जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सहयोग:

  • दोनों नेताओं ने जैव प्रौद्योगिकी और जैव-विनिर्माण नवाचारों में वैज्ञानिक और तकनीकी अनुसंधान सहयोग को सक्षम बनाने के लिए अमेरिकी नेशनल साइंस फाउंडेशन (एनएसएफ) और भारत के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के बीच कार्यान्वयन व्यवस्था पर हस्ताक्षर होने की सराहना की। 
  • दोनों नेताओं ने सेमीकंडक्टर अनुसंधान, अगली पीढ़ी की संचार प्रणालियों, साइबर सुरक्षा और हरित प्रौद्योगिकियों और ‘इंटिलिजेंस ट्रांसपोर्ट सिस्टम’ में अकादमिक और औद्योगिक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एनएसएफ और भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा प्रस्ताव आमंत्रित किये जाने का स्वागत किया।

इंडिया-यूएस ग्‍लोबल चैलेंजिस इंस्‍टीट्यूट:

  • दोनों नेताओं ने कम से कम 10 मिलियन डॉलर की संयुक्त प्रारंभिक प्रतिबद्धता के साथ इंडिया-यूएस ग्‍लोबल चैलेंजिस इंस्‍टीट्यूट की स्थापना के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान परिषद (आईआईटी काउंसिल) के प्रतिनिधित्व वाले भारतीय विश्वविद्यालयों और एसोसिएशन ऑफ अमेरिकन यूनिवर्सिटीज (एएयू) के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षरों का स्वागत किया। 

अंतरिक्ष और एआई क्षेत्र में सहयोग:

  • प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडेन ने अंतरिक्ष और एआई जैसे नए एवं उभरते क्षेत्रों  में विस्तारित सहयोग और त्वरित रक्षा औद्योगिक सहयोग के माध्यम से भारत-अमेरिका प्रमुख रक्षा साझेदारी को गहन और वैविध्‍यपूर्ण बनाने की अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी।

जीई एफ-414 जेट इंजन के निर्माण में सहयोग:

  • दोनों नेताओं ने 29 अगस्त 2023 को कांग्रेस की अधिसूचना की प्रक्रिया पूर्ण होने और भारत में जीई एफ-414 जेट इंजन के निर्माण के लिए जीई एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (एचएएल) के बीच एक वाणिज्यिक समझौते के लिए वार्ता आरंभ होने का स्वागत किया तथा इस अभूतपूर्व सह-उत्पादन और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रस्ताव की प्रगति का समर्थन करने के लिए सहयोगात्मक और त्‍वरित रूप से काम करने की प्रतिबद्धता दोहरायी।
  • दोनों नेताओं ने अमेरिकी नौसेना और मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड द्वारा अगस्त 2023 में हस्ताक्षरित नवीनतम समझौते के साथ दूसरे मास्टर शिप मरम्मत समझौते के संपन्‍न होने की सराहना की। 

भारत-अमेरिका रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र (इंडस-एक्‍स) टीम:

  • दोनों नेताओं ने साझा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए अमेरिकी और भारतीय रक्षा क्षेत्रों के नवोन्वेषी कार्यों का उपयोग करने के लिए एक मजबूत सहयोग एजेंडा स्थापित करने के लिए भारत-अमेरिका रक्षा त्वरण पारिस्थितिकी तंत्र (इंडस-एक्‍स) टीम की सराहना की। 
  • इंडस-एक्स ने पेन स्टेट यूनिवर्सिटी की भागीदारी से आईआईटी कानपुर में आरंभिक एकेडेमिया स्टार्ट-अप पार्टनरशिप का संचालन किया और अगस्त 2023 में आईआईटी हैदराबाद में यू एस एक्सेलरेटर मैसर्स हैकिंग 4 एलाइज़ (एच4एक्स) के नेतृत्व में एक कार्यशाला के माध्यम से भारतीय स्टार्टअप के लिए जॉइंट एक्सेलेरेटर कार्यक्रम की शुरुआत की। 

जनरल 31एटॉमिक्स एमक्यू-9बी:

  • राष्ट्रपति बाइडेन ने जनरल 31एटॉमिक्स एमक्यू-9बी (16 स्काई गार्जियन और 15 सी गार्जियन) रिमोटली पायलटेड एयरक्रॉफ्ट और उनके उपकरणों की खरीद के लिए भारत के रक्षा मंत्रालय से अनुरोध पत्र जारी होने का स्वागत किया।
  • यह विमान खुफिया, निगरानी और सुरक्षा सभी क्षेत्रों में भारत के सशस्त्र बलों की टोही (आईएसआर) क्षमताओं को बढ़ाएगा।

कैंसर अनुसंधान, रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन के क्षेत्र में सहयोग:

  • दोनों नेताओं ने कैंसर अनुसंधान, रोकथाम, नियंत्रण और प्रबंधन में हमारे बढ़ते द्विपक्षीय सहयोग का स्वागत किया और नवंबर 2023 में भारत-अमेरिका कैंसर संवाद के आरंभ होने के प्रति उत्‍सुकता प्रकट की।
  • यह संवाद कैंसर जीनोमिक्स में ज्ञान बढ़ाने, वंचित शहरी और ग्रामीण समुदायों के लिए कैंसर की देखभाल को बढ़ाने और मजबूत करने के लिए नए निदान और उपचार विकसित करने पर केंद्रित होगा।
  • नेताओं ने इस बात पर पुन: जोर दिया कि स्वतंत्रता, लोकतंत्र, मानवाधिकार, समावेशन, बहुलवाद और सभी नागरिकों के लिए समान अवसरों के साझा मूल्य, जो हमारे देशों की सफलता के लिए अत्‍यंत महत्वपूर्ण हैं और यही मूल्य हमारे  संबंधों को प्रगाढ़ बनाते हैं।
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