प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने झारखंड के लोगों को राज्य के स्थापना दिवस पर शुभकामनाएं दीं। झारखंड, जो 15 नवंबर को अपना स्थापना दिवस मनाता है। यह राज्य उत्तरपूर्वी भारत में स्थित है और इसे "वनों की भूमि" या "बुशलैंड" के रूप में भी जाना जाता है। श्री मोदी ने कहा कि झारखंड अपनी प्राकृतिक संपदा के साथ-साथ आदिवासी समाज की दृढ़ता, वीरता और स्वाभिमान के लिए भी जाना जाता है। झारखंड के लोगों और यहाँ के खनिज संपदा ने देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
इतिहास
- संसद द्वारा बिहार पुनर्गठन अधिनियम पारित होने के बाद, 2000 में बिहार के दक्षिणी भाग से अलग करके झारखंड का गठन किया गया था।
- भारत की स्वतंत्रता के बाद, राज्य को मध्य प्रदेश, उड़ीसा और बिहार में विभाजित किया गया। इन राज्यों का गठन, झारखंड के निर्माण के ऐतिहासिक उदय का प्रतीक है।
- जनजाति के मुखिया बिरसा मुंडा, जो 1870 के दशक में छोटा नागपुर क्षेत्र में अंग्रेजों के खिलाफ आदिवासी विद्रोह का नेतृत्व कर रहे थे। उनका जन्म 15 नवंबर को हुआ था।
- 2000 में झारखंड एक स्वायत्त राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। परिणामस्वरूप, यह भारत के मानचित्र में शामिल होने वाला 28वां राज्य बन गया।
झारखंड कैसे बना अपना राज्य?
- 15 नवंबर, 2000 को छोटा नागपुर क्षेत्र को बिहार के दक्षिणी हिस्से से विभाजित किया गया, जिसको शामिल करते हुए झारखंड भारत के 28वें राज्य के रूप में अस्तित्व में आया।
- झारखंड राज्य में मुख्य रूप से छोटा नागपुर पठार और संथाल परगना के जंगलों को शामिल किया गया है।
- इस क्षेत्र के आदिवासी लंबे समय से अपने लिए एक अलग राज्य की माँग कर रहे थे, क्योंकि आजादी के बाद से आदिवासी लोग सामाजिक आर्थिक लाभ से वंचित रहे थे। और वे अपने को मुख्य धारा में शामिल करना चाहते थे।
- उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना की, जिसने 1947 में भारत को आजादी बाद भी सरकार का विरोध और अलग राज्य निर्माण की पैरवी करना जारी रखा।
- इन मांगों के परिणामस्वरूप, सरकार ने 1995 में झारखंड क्षेत्र स्वायत्त परिषद की स्थापना की, और अंततः, वर्ष 2000 में, आदिवासी आबादी की माँगों को पूरा करते हुए, झारखंड को औपचारिक रूप से एक अलग राज्य के रूप में मान्यता दी।
- इस प्रकार राज्य की स्थापना के गौरवशाली पल को याद करने और देश के भीतर राज्य की विशिष्ट सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और भौगोलिक पहचान को जीवंत बनाये रखने के लिए 15 नवंबर को झारखंड स्थापना दिवस मनाया जाता है।
झारखण्ड स्थापना दिवस-महत्व
- झारखंड राज्य की स्थापना का उद्देश्य राज्य के वंचितों की आवाज को महत्व देने और सभी क्षेत्रों के विकास को बढ़ावा देना है।
- झारखंड ने सामाजिक-आर्थिक विकास से लेकर बुनियादी ढांचे और स्वास्थ्य देखभाल विकास तक बेहतरीन उपलब्धि हासिल की है।
- झारखंड स्थापना दिवस एक ऐतिहासिक दिन है जब राज्य का प्रत्येक नागरिक यहाँ की संस्कृति और परंपराओं का उत्सव मनाता है।
राज्य का दर्जा
- झारखंड को पूर्ण राज्य का दर्जा मुख्य रूप से आदिवासियों और अनुसूचित जनजातियों द्वारा संचालित एक लंबे संघर्ष का परिणाम था।
- झारखंड के लोगों को स्वतंत्रता के बाद भी तुलनात्मक रूप से बहुत कम सामाजिक आर्थिक लाभ मिला। जिससे बिहार प्रशासन के प्रति स्थानीय लोगों में काफी असंतोष पैदा हुआ।
- राज्य के दर्जे की माँग 1912 में शुरू हुई, जब हज़ारीबाग़ के सेंट कोलंबिया कॉलेज के एक छात्र ने इसका सुझाव दिया।
- फिर, 1928 में, क्रिश्चियन ट्राइबल्स एसोसिएशन की उन्नति समाज राजनीतिक शाखा ने पूर्वी भारत में एक आदिवासी राज्य का प्रस्ताव रखा, और साइमन समिति को एक ज्ञापन सौंपा गया।
- जयपाल सिंह मुंडा के नेतृत्व में झारखंड पार्टी ने 1955 में राज्य पुनर्गठन आयोग को एक अलग झारखंड राज्य का प्रस्ताव दिया।
- 1980 के दशक में बिहार से आज़ादी के लिए अभियान चलाने वाले आदिवासी समूह अपनी मांगों को लेकर और अधिक हिंसक हो गए।
- 1990 के दशक में अलगाववादी आंदोलन गैर-आदिवासी आबादी तक फैल गया। जिससे अंततः एक नए राज्य का गठन हुआ।
- 1998 में, तत्कालीन केंद्र सरकार ने झारखंड की स्थापना के लिए बिहार विधान सभा में विधेयक लाने का फैसला किया। जिसके बाद राजद नेता लालू प्रसाद यादव ने घोषणा की कि राज्य को उनकी मृत लाश पर अलग कर दिया जाएगा।
- अंततः, उस वर्ष संसद के मानसून सत्र में, भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले केंद्र में सत्तारूढ़ गठबंधन ने बिहार संगठन विधेयक को मंजूरी दे दी। जिससे अलग झारखंड राज्य के निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो गया।
झारखंड के बारे में तथ्य
- झारखंड राज्य प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता के लिए प्रसिद्ध है, जिनमें कोयला (भारत का 32%), लोहा, तांबा (भारत का 25%), अभ्रक, बॉक्साइट, ग्रेनाइट, सोना, चांदी, ग्रेफाइट, मैग्नेटाइट, डोलोमाइट फायरक्ले, क्वार्ट्ज, फेल्डस्पार इत्यादि खनिज पाये जाते हैं।
- राज्य का 29% से अधिक भाग वनों और लकड़ियों से ढका हुआ है, जो भारत में सबसे अधिक वन प्रतिशत वाले राज्यों में से एक है।
- राज्यक्षेत्र अभी भी अधिकांशतः वनों से आच्छादित है। जो एशियाई हाथियों और बाघों इत्यादि का प्राकृतिक घर है।
- झारखंड में तीन अलग-अलग मौसम पाये जाते हैं। साल का सबसे आनंददायक समय ठंडे महीनों के दौरान होता है, जो नवंबर से फरवरी तक चलता है।
- झूमर, अग्नि, संथाल और फगुआ राज्य के कुछ लोकप्रिय लोक नृत्य हैं। झारखंड का शाब्दिक अर्थ है "जंगलों की भूमि।"
- झारखंड में 24 जिले हैं जिनका कुल क्षेत्रफल लगभग 79,716 वर्ग किलोमीटर है, जो क्षेत्रफल की दृष्टि से यह 15वां सबसे बड़ा राज्य है।
- झारखंड के पर्यटन स्थलों में इसके खूबसूरत झरनों, सुरम्य पहाड़ियों, वन्यजीव अभयारण्य, दामोदर नदी पर पंचेत बांध और रजरप्पा, पारसनाथ और बैद्यनाथ धाम जैसे पवित्र स्थल शामिल हैं।
- राज्य कोयला, लौह अयस्क, तांबा अयस्क, यूरेनियम, अभ्रक, बॉक्साइट, ग्रेनाइट, चूना पत्थर, चांदी और डोलोमाइट जैसे खनिज संसाधनों से समृद्ध है।
- आदिवासी समुदाय द्वारा कई उल्लेखनीय उत्सव मनाए जाते हैं, जैसे गाय उत्सव, सोहराई; फूलों का त्योहार, सरहुल; और फसल कटाई के बाद का त्योहार, मागे परब इत्यादि।