अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024: विषय, इतिहास और महत्व
Utkarsh ClassesLast Updated
07-02-2025
Important Day
5 min read
प्रति वर्ष 8 मार्च को ‘अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस’ मनाया जाता है। यह दिवस वैश्विक स्तर पर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए मनाए जाते हैं। इस दिवस को मनाने की शुरुआत वर्ष 1909 में हुई थी।
इस अवसर पर एक वैश्विक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। यह दिवस महिलाओं की उपलब्धियों, संघर्षों और लैंगिक समानता के लिए चल रही लड़ाई का जश्न मनाता है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 का विषय:
इस वर्ष 2024, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का विषय ‘महिलाओं में निवेश करें: प्रगति में तेजी लाएं’ पर केंद्रित है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2023 की थीम 'एम्ब्रेस इक्विटी' रखी गई थी । इसका अर्थ है लैंगिक समानता पर ध्यान देना।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2022 की थीम 'जेंडर इक्वालिटी टुडे फॉर ए सस्टेनेबल टुमारो' था। इस थीम से आशय एक स्थायी कल के लिए आज लैंगिक समानता से है।
वर्तमान में महिलाएं दुनिया कई संकटों का सामना कर रही है। इसमें भू-राजनीतिक संघर्षों से लेकर गरीबी के बढ़ते स्तर और जलवायु परिवर्तन के बढ़ते प्रभाव शामिल हैं। इन चुनौतियों का समाधान केवल महिलाओं को सशक्त बनाने वाले समाधानों से ही किया जा सकता है। महिलाओं में निवेश करके, हम बदलाव ला सकते हैं। सभी के लिए एक स्वस्थ, सुरक्षित और अधिक समान दुनिया की दिशा में बदलाव को गति दे सकते हैं।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 अभियान:
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2024 के लिए अभियान का विषय 'इंस्पायर इंक्लूजन' निश्चित किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य दूसरों को महिलाओं के समावेशन को समझने और महत्व देने के लिए प्रेरित करना है।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास:
इस दिवस के आयोजन का इतिहास 1908 में अमेरिका में मजदूर आंदोलन से आरंभ हुआ था। इस मजदूर आंदोलन में लगभग 15 हजार महिलाएं शामिल हुई। इन महिलाओं ने न्यूयाॅर्क की सड़कों पर अपने अधिकारों की मांग के लिए प्रदर्शन किया।
इन कामकाजी महिलाओं की मांग थी कि उनकी काम के घंटे कम किए जाएं और वेतनमान बढ़ाया जाए।
इसके अलावा इस आंदोलन में महिलाओं को मतदान का अधिकार देने की भी मांग की गई।
अमेरिकी सरकार तक इन महिलाओं की आंदोलन की आवाज पहुंची। 1909 में अमेरिका की सोशलिस्ट पार्टी ने 8 मार्च को महिला दिवस मनाने की घोषणा की।
महिला दिवस 8 मार्च को मनाने का मुख्य कारण अमेरिका में महिलाओं ने इसी दिन अपने अधिकारों को लेकर आंदोलन करते हुए मार्च निकाला था।
वर्ष 1917 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रूसी महिलाओं ने ब्रेड और पीस के लिए हड़ताल किया। बाद में सम्राट निकोलस ने अपना पद त्याग दिया और महिलाओं को मतदान का अधिकार मिला। इससे प्रोत्साहित होकर यूरोप की महिलाओं ने भी कुछ दिन बाद 8 मार्च को पीस ऐक्टिविस्ट्स का समर्थन करते हुए रैलियां निकाली। इस कारण 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हो गई। जबकि वर्ष 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता दे दी।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व:
वर्तमान में महिलाएं दुनिया के हर क्षेत्र में प्रगति कर रही है। इस महत्वपूर्ण प्रगति के बावजूद, लैंगिक असमानता दुनिया भर में एक गंभीर मुद्दा बनी हुई है।
फिर भी महिलाओं को समान वेतन, शिक्षा और स्वास्थ्य और नेतृत्व पदों पर प्रतिनिधित्व जैसे क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।
यह दिवस एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि लैंगिक समानता की लड़ाई अभी ख़त्म नहीं हुई है। अतः अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस अपने उद्देश्य प्राप्ति में अंशतः सफल हुई है।
FAQ
उत्तर : 8 मार्च
उत्तर : महिलाओं में निवेश करें: प्रगति में तेजी लाएं
उत्तर : 1975 में संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मान्यता दी।
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