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अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस; उत्पत्ति और उसका महत्व

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
International Labour Day ;Origin and its significance Important Day 5 min read

हर साल 1 मई को भारत सहित दुनिया के कई देशों में अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस या /श्रमिक दिवस या मई दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन श्रमिक लोगों के योगदान और उनके अधिकारों के लिए लड़ने वाले श्रमिक आंदोलन को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की उत्पत्ति

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस की उत्पत्ति 1 मई 1886 को अमेरिकी औद्योगिक शहर शिकागो में श्रमिक संघ द्वारा की गई हड़ताल से मानी जाती है। श्रमिक, श्रमिक वर्ग के लिए आठ घंटे के कार्य दिवस और अन्य सुविधाओं की मांग कर रहे थे।

4 मई 1886 को शिकागो  के हेमार्केट में श्रमिकों के प्रदर्शन के दौरान एक बम विस्फोट हुआ, जिसके जबाब में  पुलिस  ने  वहाँ जमा हुए श्रमिकों पर गोलीबारी की , जिसके परिणामस्वरूप कुछ नागरिकों की मौत हो गई। यह घटना हेमार्केट घटना के नाम से प्रसिद्ध हुई और यह श्रमिकों और ट्रेड यूनियनों के लिए प्रेरणा का एक  स्रोत बन गई ।

हेमार्केट घटना से प्रेरित होकर, समाजवादी और श्रमिक नेताओं ने श्रमिकों के हितों को आगे बढ़ाने और उनके अधिकारों के लिए लड़ने के लिए सेकेंड इंटरनेशनल की स्थापना की।

1889 में पेरिस में दूसरी अंतर्राष्ट्रीय की  बैठक में, लगभग बीस देशों के मजदूर नेताओं ने 1 मई को अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया।

हालाँकि, कुछ देशों में मजदूर दिवस अलग-अलग दिन मनाया जाता है।

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस 2024: थीम

अंतर्राष्ट्रीय श्रम दिवस 2024 का विषय जलवायु परिवर्तन के बीच कार्यस्थल सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना है।

अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस का पालन और महत्व

कई देशों में, अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस को सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है। श्रमिक वर्गों  से संबंधित अनेकों  मुद्दों को उजागर करने और राष्ट्रीय विकास में श्रमिक वर्ग के योगदान पर जोर देने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

भारत में श्रम कल्याण के लिए उठाए गए कदम

भारत सरकार ने भारत में श्रमिक वर्ग के कल्याण के लिए कई कदम उठाए हैं।

श्रम कानूनों का सरलीकरण

श्रम कानूनों को सरल बनाने के लिए, सरकार ने 29 अलग-अलग श्रम-संबंधी नियमों को चार संहिताओं में विलय कर दिया है। यह चार संहिता हैं : वेतन संहिता, सामाजिक सुरक्षा संहिता, व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य स्थिति संहिता, और औद्योगिक संबंध संहिता।

 श्रमिकों के लिए योजनाएं

ई-श्रम पोर्टल: देश भर में असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण के लिए ई-श्रम पोर्टल को  26 अगस्त 2021 को भारत सरकार के द्वारा लॉन्च किया गया था। इसे भारत में असंगठित श्रमिकों का डेटाबेस बनाने के लिए विकसित किया गया है।

 प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना: प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना एक भारत सरकार की  योजना है जो असंगठित श्रमिकों की वृद्धावस्था सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करता है ।

यह एक स्वैच्छिक और अंशदायी पेंशन योजना है जिसके तहत लाभार्थी को 60 वर्ष की आयु प्राप्त करने के बाद प्रति माह 3000/- रुपये की न्यूनतम सुनिश्चित पेंशन मिलती है।

 यदि लाभार्थी की मृत्यु हो जाती है, तो लाभार्थी के जीवनसाथी, पारिवारिक पेंशन के रूप में पेंशन का 50% प्राप्त करने का हकदार होते हैं ।

FAQ

उत्तर: 1 मई

उत्तर: जलवायु परिवर्तन के बीच कार्यस्थल की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना ।

उत्तर: देशभर में असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण के लिए पोर्टल 26 अगस्त 2021 को लॉन्च किया गया था।

उत्तर: 3000 रुपये प्रति माह।
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