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इंदौर में भारत का पहला सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) हरित अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र

Utkarsh Classes Last Updated 20-03-2025
India’s first PPP Green waste processing plant to be set up in Indore Madhya Pradesh 5 min read

भारत का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर,मध्य प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत भारत का पहला सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल-आधारित हरित अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र का शुभारंभ हुआ है। यह परियोजना शहर के नगरपालिका क्षेत्र में हरित अपशिष्ट को मूल्यवान संसाधनों में परिवर्तित करेगी तथा शहर को कचरा मुक्त दर्जा प्राप्त करने में मदद करेगी।

1 अक्टूबर 2021 को शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के दूसरे चरण का लक्ष्य 2026 तक देश के सभी शहरों के लिए “कचरा मुक्त” का दर्जा हासिल करना है।

इंदौर नगर निगम की नवीनतम पहल स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के दूसरे चरण के लक्ष्य को प्राप्त करना है।

हरित अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र कौन स्थापित कर रहा है?

हरित अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना इंदौर नगर निगम द्वारा एस्ट्रोनॉमिकल इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ साझेदारी में की जा रही है।

नगर निगम इस सुविधा के लिए भूमि आवंटित करेगा और अपने क्षेत्र के हरित अपशिष्ट को हरित अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र तक पहुँचाएगा।

हरित अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र के निर्माण और प्रबंधन के लिए निजी क्षेत्र जिम्मेदार होगा।

हरित अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र

हरित अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र को बिचौली हप्सी में 55,000 वर्ग फीट भूमि पर बनाया गया है।

यह संयंत्र इंदौर नगर निगम क्षेत्रों में एकत्रित लकड़ी, शाखाओं, पत्तियों और फूलों का पुनर्चक्रण करेगा।

आमतौर पर इंदौर में प्रतिदिन लगभग 30 टन लकड़ी, शाखाओं, पत्तियों और फूलों का कचरा निकलता है, जो शरद ऋतु में 60 से 70 टन तक हो जाता है।

चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा

हरित अपशिष्ट संयंत्र शहर के चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और गैर-जैवनिम्नीकरणीय (गैर-बायोडिग्रेडेबल) सामग्रियों के उपयोग को प्रतिस्थापित करने के लिए एक विकल्प प्रदान करेगा।

  • एकत्र किए गए हरित अपशिष्ट को तीन से चार महीने तक सुखाया जाएगा ताकि उनकी नमी की मात्रा 90% तक कम हो सके।
  • कम नमी वाले इस हरित अपशिष्ट को लकड़ी के छर्रों में परिवर्तित किया जाएगा, जिसका उपयोग कोयले के स्थान पर ईंधन के रूप में किया जाएगा।
  • कम नमी वाले इस हरित अपशिष्ट को बारीक चूरा कणों में परिवर्तित किया जाएगा।
  • यह चूरा प्लास्टिक के विकल्प के रूप में एक टिकाऊ पैकेजिंग सामग्री के रूप में उपयोग किया जाएगा;
  • फर्नीचर निर्माताओं द्वारा कुर्सियों और मेजों के निर्माण के लिए एक मिश्रित सामग्री के रूप मेंइसका इस्तेमाल किया जा सकता है;
  • किसानों द्वारा इस चुरे का उर्वरक के रूप में उपयोग किया जा सकता है;
  • गैर-जैवनिम्नीकरणीय प्लास्टिक और स्टायरोफोम के स्थान पर जैवनिम्नीकरणीय डिस्पोजेबल प्लेटों का निर्माण किया जा सकेगा।

इंदौर के लिए अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र का लाभ

  • इंदौर नगर निगम अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र को लकड़ी और टहनियाँ आपूर्ति करने के लिए प्रति टन 3,000 रुपये रॉयल्टी अर्जित करेगा।
  • इससे इंदौर नगर निगम को स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के दूसरे चरण के तहत कचरा मुक्त स्थिति प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
  • इस पहल से इंदौर की वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।
  • इससे प्रदूषण में कमी आएगी, स्वच्छता बढ़ेगी और शहर में अनावश्यक रूप से कचरे को जलाने पर रोक लगेगी।


 

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FAQ

उत्तर: इंदौर, मध्य प्रदेश । इसे इंदौर नगर निगम द्वारा एस्ट्रोनॉमिकल इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर स्थापित किया गया है।

उत्तर: इसे 1 अक्टूबर 2021 को शुरू किया गया था और इसका लक्ष्य 2026 तक देश के सभी शहरों के लिए “कचरा मुक्त” स्थिति हासिल करना है।
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