भारत का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर,मध्य प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के तहत भारत का पहला सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल-आधारित हरित अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र का शुभारंभ हुआ है। यह परियोजना शहर के नगरपालिका क्षेत्र में हरित अपशिष्ट को मूल्यवान संसाधनों में परिवर्तित करेगी तथा शहर को कचरा मुक्त दर्जा प्राप्त करने में मदद करेगी।
1 अक्टूबर 2021 को शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के दूसरे चरण का लक्ष्य 2026 तक देश के सभी शहरों के लिए “कचरा मुक्त” का दर्जा हासिल करना है।
इंदौर नगर निगम की नवीनतम पहल स्वच्छ भारत मिशन-शहरी के दूसरे चरण के लक्ष्य को प्राप्त करना है।
हरित अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र की स्थापना इंदौर नगर निगम द्वारा एस्ट्रोनॉमिकल इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड के साथ साझेदारी में की जा रही है।
नगर निगम इस सुविधा के लिए भूमि आवंटित करेगा और अपने क्षेत्र के हरित अपशिष्ट को हरित अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र तक पहुँचाएगा।
हरित अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र के निर्माण और प्रबंधन के लिए निजी क्षेत्र जिम्मेदार होगा।
हरित अपशिष्ट प्रसंस्करण संयंत्र को बिचौली हप्सी में 55,000 वर्ग फीट भूमि पर बनाया गया है।
यह संयंत्र इंदौर नगर निगम क्षेत्रों में एकत्रित लकड़ी, शाखाओं, पत्तियों और फूलों का पुनर्चक्रण करेगा।
आमतौर पर इंदौर में प्रतिदिन लगभग 30 टन लकड़ी, शाखाओं, पत्तियों और फूलों का कचरा निकलता है, जो शरद ऋतु में 60 से 70 टन तक हो जाता है।
हरित अपशिष्ट संयंत्र शहर के चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा और गैर-जैवनिम्नीकरणीय (गैर-बायोडिग्रेडेबल) सामग्रियों के उपयोग को प्रतिस्थापित करने के लिए एक विकल्प प्रदान करेगा।
यह भी पढ़ें:.
जयपुर में एशिया और प्रशांत क्षेत्र में 12वें क्षेत्रीय सर्कुलर इकोनॉमी फोरम का आयोजन
राष्ट्रपति मुर्मू ने उज्जैन में सफाई मित्र सम्मेलन में भाग लिया