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भारत-अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संयुक्त रूप से मल्टी-चिप फैब यूनिट स्थापित करेंगे

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
India-US to Jointly set up multi-chip fab unit for National Security Science and Technology 5 min read

भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ,संयुक्त रूप से भारत में दुनिया की पहली बहु-सामग्री चिप निर्माण इकाई स्थापित करेंगे जो विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के लिए होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 21-23 सितंबर की संयुक्त राज्य अमेरिका यात्रा के दौरान उनके और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के बीच सेमीकंडक्टर पर एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे । दोनों देश संयुक्त रूप से एक नया सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने पर सहमत हुए जो उन्नत संचार, उन्नत सेंसिंग और उच्च वोल्टेज पावर इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों जैसे उच्च-प्रौद्योगिकी युद्ध प्लेटफार्मों में उपयोग किए जाने वाले चिप्स का उत्पादन करेगा। 

चिप फैब्रिकेशन प्लांट की स्थापना के साथ, भारत ऐसे चिप्स बनाने वाले दुनिया के कुछ देशों में से एक बन जाएगा।

महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी (आईसीईटी ) पर अमेरिकी-भारत पहल 

चिप निर्माण पर भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच यह ऐतिहासिक समझौता महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) पर अमेरिकी-भारत पहल का परिणाम है।

मई 2022 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अमरीका के दौरे के दौरान , उन्होने और राष्ट्रपति अमरीकी बिडेन ने दोनों देशों की सरकारों, व्यवसायों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी और रक्षा औद्योगिक सहयोग के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) पर अमेरिकी-भारत पहल की घोषणा की थी। 

चिप फैब्रिकेशन यूनिट कहाँ स्थापित की जाएगी?

नई चिप निर्माण इकाई जिसे शक्ति कहा जाएगा, उत्तर प्रदेश के जेवर में स्थापित की जाएगी और यह निर्माणाधीन जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के बगल में स्थित होगी।

फैब्रिकेशन यूनिट कौन स्थापित करेगा?

इस नई  चिप निर्माण इकाई को अमरीकी सरकार की यूएस स्पेस फोर्स, भारत सरकार के सेमीकंडक्टर मिशन और भारतीय चिप निर्माण कंपनियों भारत सेमीकंडक्टर और 3ediTech द्वारा समर्थित होगा। 

नई चिप फैब्रिकेशन यूनिट में डिजाइन और फैब्रिकेशन दोनों क्षमताएं होंगी।

जेवर में प्रस्तावित फैब्रिकेशन यूनिट की विशेषताएं 

  • प्रस्तावित फैब्रिकटन इकाई में उत्पादित चिप्स का उपयोग सैन्य उद्देश्यों के लिए किया जाएगा। 
  • इसका उपयोग अंतरिक्ष सेंसर, ड्रोन, रात्रि दृष्टि उपकरण, मिसाइल साधक, लड़ाकू जेट, इलेक्ट्रिक वाहन, सैन्य संचार, रडार और जैमर में किया जाएगा।
  • भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका, जेवर संयंत्रों में निर्मित चिप्स को क्वाड्स, एशिया-प्रशांत के मित्र देशों को निर्यात भी कर सकते हैं।

भारत के लिए फैब्रिकेशन यूनिट के लाभ 

  • भारत में सैन्य जरूरतों पर केंद्रित उच्च स्तरीय चिप विनिर्माण संयंत्र स्थापित करने का संयुक्त राज्य अमेरिका का निर्णय दोनों देशों के बीच घनिष्ठ रक्षा और रणनीतिक संबंधों को दर्शाता है।
  • भारत चिप्स का एक प्रमुख आयातक देश है और नई निर्माण इकाई से सालाना लगभग 6000 करोड़ रुपये के आयात की बचत होगी। 
  • यह भारत को दुनिया में चिप विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा लॉन्च किए गए सेमीकंडक्टर मिशन को बढ़ावा देगा।

इसे भी पढे :केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गुजरात के साणंद में एक नए सेमीकंडक्टर संयंत्र को मंजूरी दी

महत्वपूर्ण फुल फॉर्म

  • आईसीईटी / iCET : क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी/ Critical and Emerging Technology

FAQ

उत्तर : जेवर, उत्तर प्रदेश में

उत्तर: संयुक्त राज्य अमेरिका की अमेरिकी अंतरिक्ष सेना

उत्तर: मई 2022.
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