भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ,संयुक्त रूप से भारत में दुनिया की पहली बहु-सामग्री चिप निर्माण इकाई स्थापित करेंगे जो विशेष रूप से राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों के लिए होगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 21-23 सितंबर की संयुक्त राज्य अमेरिका यात्रा के दौरान उनके और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन के बीच सेमीकंडक्टर पर एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे । दोनों देश संयुक्त रूप से एक नया सेमीकंडक्टर संयंत्र स्थापित करने पर सहमत हुए जो उन्नत संचार, उन्नत सेंसिंग और उच्च वोल्टेज पावर इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों जैसे उच्च-प्रौद्योगिकी युद्ध प्लेटफार्मों में उपयोग किए जाने वाले चिप्स का उत्पादन करेगा।
चिप फैब्रिकेशन प्लांट की स्थापना के साथ, भारत ऐसे चिप्स बनाने वाले दुनिया के कुछ देशों में से एक बन जाएगा।
चिप निर्माण पर भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच यह ऐतिहासिक समझौता महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) पर अमेरिकी-भारत पहल का परिणाम है।
मई 2022 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अमरीका के दौरे के दौरान , उन्होने और राष्ट्रपति अमरीकी बिडेन ने दोनों देशों की सरकारों, व्यवसायों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच रणनीतिक प्रौद्योगिकी साझेदारी और रक्षा औद्योगिक सहयोग के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकी (आईसीईटी) पर अमेरिकी-भारत पहल की घोषणा की थी।
नई चिप निर्माण इकाई जिसे शक्ति कहा जाएगा, उत्तर प्रदेश के जेवर में स्थापित की जाएगी और यह निर्माणाधीन जेवर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के बगल में स्थित होगी।
इस नई चिप निर्माण इकाई को अमरीकी सरकार की यूएस स्पेस फोर्स, भारत सरकार के सेमीकंडक्टर मिशन और भारतीय चिप निर्माण कंपनियों भारत सेमीकंडक्टर और 3ediTech द्वारा समर्थित होगा।
नई चिप फैब्रिकेशन यूनिट में डिजाइन और फैब्रिकेशन दोनों क्षमताएं होंगी।
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