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बोत्सवाना से 8 चीते मध्य प्रदेश के गांधी सागर अभयारण्य में स्थानांतरित किए जाएंगे

Utkarsh Classes Last Updated 28-04-2025
8 Cheetah from Botswana to be relocated to MP’s Gandhi Sagar Sanctuary Madhya Pradesh 6 min read

मध्य प्रदेश सरकार ने घोषणा की है कि भारत जल्द ही अपने प्रोजेक्ट चीता के तहत बोत्सवाना से आठ चीते भारत लाया जाएगा  और उन्हें मध्य प्रदेश के जंगलों में स्थानांतरित किया जाएगा । भारत सरकार, केन्या और दक्षिण अफ्रीका से और चीते लाने और उन्हें भारत में स्थानांतरित करने की भी योजना बना रही है। 

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 20 अप्रैल 2025 को कुनो नेशनल पार्क से दो चीते गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में छोड़े। 

विश्व में चीते सिर्फ अफ्रीका और ईरान में अपने प्राकृतिक आवास में पाए जाते हैं। भारत सरकार अपने प्रोजेक्ट चीता के तहत अफ्रीकी देशों से चीतों को भारत में स्थानांतरित कर रही है। 

भारत सरकार ने आधिकारिक तौर पर 1952 में चीते को विलुप्त जानवर घोषित किया था।

बोत्सवाना से चीते दो चरणों में लाए जाएंगे

राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) के अनुसार, बोत्सवाना से चीते दो चरणों में लाए जाएंगे।

पहले चरण में, मई 2025 में चार चीते भारत लाए जाएंगे।

दूसरे चरण में, अगले महीनों में चार और चीते भारत लाए जाएंगे।

केंद्रीय वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के तहत एनटीसीए, प्रोजेक्ट चीता की कार्यान्वयन एजेंसी है।

चीतों को कहां स्थानांतरित किया जाएगा?

चीतों को मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में स्थित गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य में छोड़ा जाएगा।

अब तक नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से लाए गए चीतों को मध्य प्रदेश के कुनो राष्ट्रीय उद्यान में स्थानांतरित किया गया है।

राज्य सरकार ने गांधी सागर अभयारण्य में बोत्सवाना चीतों के लिए 8,900 हेक्टेयर क्षेत्र विकसित किया है।

गांधी सागर अभयारण्य में चित्तीदार हिरण, सांभर आदि बहुतायत में पाये जाते हैं जो चीतों के लिए पर्याप्त भोजन उपलब्ध कराएगा।

प्रोजेक्ट चीता के बारे में

चीता (एसिनोनिक्स जुबेटस) धरती पर सबसे तेज़ स्तनपायी जीव है, जो अधिकतम 121 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ सकता है।

2009 में, केंद्र सरकार ने प्रोजेक्ट चीता की घोषणा की, जिसके तहत अफ्रीका और ईरान से चीतों को भारत में स्थानांतरित किया जाना था।

यह दुनिया की पहली चीता स्थानांतरण परियोजना थी।

उच्चतम न्यायालय की मंज़ूरी के बाद, केंद्र सरकार ने देश के विभिन्न राष्ट्रीय उद्यानों में 50 चीतों को स्थानांतरित करने की पाँच वर्षीय योजना की घोषणा की।

ईरान के इनकार के बाद, भारत ने चीतों को भारत लाने के लिए नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने जन्मदिन, 17 सितंबर 2022 को मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को छोड़ा और प्रोजेक्ट चीता का आधिकारिक तौर पर शुभारंभ किया।

फरवरी 2023 में, दक्षिण अफ्रीका से 12 और चीते कुनो लाये गए।

वर्तमान में कुनो राष्ट्रीय उद्यान में 26 चीते हैं।

प्रोजेक्ट चीता की कार्यान्वयन एजेंसी

  • चीता पुनर्वास परियोजना की देखरेख राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा मध्य प्रदेश सरकार के साथ साझेदारी में की जा रही है।
  • इस परियोजना का मार्गदर्शन और निर्देशन भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा गठित विशेषज्ञों की समिति द्वारा किया जाता है।

गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य के बारे में

  • गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य की स्थापना 1978 में किया गया था। इसका क्षेत्र 368 वर्ग किलोमीटर है।
  • यह पूर्वी मध्य प्रदेश में स्थित है और दो जिलों: मंदसौर और नीमच में फैला हुआ है।
  • यह मध्य प्रदेश के निमाड़ क्षेत्र में स्थित है, जो राजस्थान की सीमा से लगा हुआ है।
  • चंबल नदी इस अभयारण्य से होकर बहती हैं।

बोत्सवाना के बारे में

यह दक्षिणी अफ्रीका में एक भूमि से घिरा हुआ देश है।

यह एक ब्रिटिश उपनिवेश था और इसे बेचुआनालैंड कहा जाता था।

इसे 1966 में स्वतंत्रता मिली।

राजधानी: गैबोरोन

मुद्रा: पुला

राष्ट्रपति: ड्यूमा बोको

यह भी पढ़ें: 

विश्व वन्यजीव दिवस 2025 पर पीएम मोदी ने सासन गिर में एनबीडबल्यूएल  बैठक की अध्यक्षता की

FAQ

उत्तर: मध्य प्रदेश में स्थित गांधी सागर वन्यजीव अभयारण्य।

उत्तर: मंदसौर और नीमच। यह राजस्थान के साथ सीमा साझा करता है।

उत्तर: नवंबर 2022, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए आठ चीतों को छोड़ा।

उत्तर: गैबोरोन

उत्तर: अफ्रीकी देश बोत्सवाना को
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