19वीं वेल्थ रिपोर्ट 2025 के अनुसार, भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और जापान के बाद दुनिया में चौथा सबसे बड़ा वैश्विक धन केंद्र बनकर उभरा है। देश में हाई नेट-वर्थ इंडिविजुअल्स (एचएनडबल्यूआई) की संख्या, पिछले साल के 80,686 से बढ़कर 2024 में 85,698 हो गई है, जो 6 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
रिपोर्ट में भारत की प्रगति का श्रेय इसकी मजबूत आर्थिक विकास दर, व्यापक स्मार्टफोन पहुंच से प्रेरित बढ़ते स्टार्टअप इकोसिस्टम और उद्यमशीलता की बढ़ती संस्कृति को दिया गया है।
वेल्थ रिपोर्ट कौन जारी करता है?
- वेल्थ रिपोर्ट लंदन, यूनाइटेड किंगडम स्थित रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म नाइट फ्रैंक द्वारा जारी की जाती है।
- यह वार्षिक रिपोर्ट दुनिया में निजी संपत्ति और वैश्विक निवेश रुझानों का विश्लेषण प्रस्तुत करती है।
भारत में 85,698 उच्च निवल संपत्ति वाले व्यक्ति (एचएनडबल्यूआई)
- रिपोर्ट में उच्च निवल संपत्ति वाले व्यक्ति (एचएनडबल्यूआई ) की पहचान 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक की संपत्ति वाले व्यक्ति के रूप में की गई है।
- 2024 में भारत, 85,698 एचएनडबल्यूआई के साथ, संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और जापान के बाद दुनिया में चौथे स्थान पर है।
- वैश्विक एचएनडबल्यूआई आबादी में 40 प्रतिशत अमेरिका में, 20 प्रतिशत चीन में और लगभग 5 प्रतिशत जापान में रहते है।
- विश्व के लगभग 3.7 प्रतिशत एचएनडब्ल्यूआई भारत में हैं।
- विश्व में एचएनडबल्यूआई की संख्या 2023 में 2,243,300 से बढ़कर 2024 में 2,341,378 हो गई, जो 4.4 प्रतिशत की वृद्धि दर है।
- संयुक्त राज्य अमेरिका की एचएनडबल्यूआई की आबादी में 5.2% की वृद्धि के साथ दुनिया में सबसे आगे है, इसके बाद एशिया में 5% की वृद्धि दर के साथ दूसरे और अफ्रीका 4.7% की वृद्धि दर के साथ तीसरे स्थान पर है।
- 2024 में ऑस्ट्रेलेशिया क्षेत्र की एचएनडब्ल्यूआई जनसंख्या में 3.9% की वृद्धि दर्ज़ की गई।
भारत में अरबपतियों की संख्या बढ़कर 191 हुई
- 2024 में देश में अरबपतियों की संख्या 191 हो गई जो 2023 की तुलना में 26 अधिक है।
- 2019 में देश में केवल 7 अरबपति थे।
- अरबपतियों की संयुक्त संपत्ति के मानदंड पर, भारत संयुक्त राज्य अमेरिका और मुख्यभूमि चीन के बाद तीसरे स्थान पर है।
- भारत में 191 अरबपतियों की संयुक्त संपत्ति $950 बिलियन आंकी गई थी।
- संयुक्त राज्य अमेरिका के अरबपतियों की संयुक्त संपत्ति $5.7 ट्रिलियन और मुख्यभूमि चीन की $1.34 ट्रिलियन आंकी गई थी।