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भारत वैश्विक चीनी क्षेत्र का नेतृत्व करने हेतु वर्ष 2024 के लिए आईएसओ का अध्यक्ष बना

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
India becomes Chair of ISO for 2024 to lead global sugar sector Summit and Conference 7 min read

अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन (आईएसओ) ने अपने लंदन स्थित मुख्यालय में अपनी 63वीं परिषद बैठक के दौरान घोषणा की कि भारत वर्ष 2024 के लिए संगठन का अध्यक्ष होगा। वैश्विक चीनी क्षेत्र का नेतृत्व करना देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और यह इस क्षेत्र में भारत के बढ़ते कद को दर्शाता है। 

  • आईएसओ के 63वीं परिषद बैठक में भारत का नेतृत्व खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने किया। 

आईएसओ की अध्यक्ष के रूप में भारत की प्राथमिकता:  

  • भारत 2024 में आईएसओ की अपनी अध्यक्षता अवधि के दौरान सभी सदस्य देशों के समर्थन और सहयोग से निर्णय लेना भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। इसके साथ ही गन्ने की खेती, चीनी तथा इथेनॉल उत्पादन में अधिक टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने और उप-उत्पादों के बेहतर उपयोग के लिए सभी सदस्य देशों को एक साथ लाने पर ध्यान केंद्रित करने पर भी भारत का जोर रहेगा।

भारत को आईएसओ की अध्यक्षता क्यों दी गई? 

  • भारत विश्व में चीनी का सबसे बड़ा उपभोक्ता और ब्राजील के बाद, दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश रहा है। वैश्विक चीनी खपत में लगभग 15 प्रतिशत हिस्सेदारी और चीनी के लगभग 20 प्रतिशत उत्पादन के साथ, भारतीय चीनी रुझान, वैश्विक बाजारों को बहुत प्रभावित करते हैं।
  • यह अग्रणी स्थिति भारत को अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन (आईएसओ) का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त राष्ट्र बनाती है, जो चीनी और संबंधित उत्पादों पर शीर्ष अंतरराष्ट्रीय निकाय है। 

अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन (आईएसओ): 

  • आईएसओ एक अद्वितीय अंतरसरकारी संगठन है जिसे 1968 के अंतर्राष्ट्रीय चीनी समझौते द्वारा स्थापित किया गया है। इसका मुख्यालय लंदन है। 
  • आईएसओ को वैश्विक स्तर पर चीनी के उत्पादन, वितरण आदि जैसे विभिन्न पहलुओं के प्रशासन के लिए जिम्मेदार निकाय के रूप में स्थापित किया गया था।
  • अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन में लगभग 90 देश इसके सदस्य हैं।

भारत इथेनॉल उत्पादन में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश: 

  • वैश्विक चीनी बाजार में विश्व के पश्चिमी गोलार्ध में ब्राजील तो पूर्वी गोलार्ध में भारत अग्रणी देश है।
  • अमेरिका और ब्राजील के बाद भारत, इथेनॉल उत्पादन में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश होने के नाते इसने हरित ऊर्जा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता और घरेलू बाजार में अधिशेष चीनी की चुनौतियों को जीवाश्म ईंधन आयात के समाधान में बदलने की अपने रणनीति और क्षमता को प्रदर्शित किया है।
  • इसे सीओपी 26 लक्ष्यों को पूरा करने के लिए एक उपकरण के रूप में पेश किया है। 

भारत में इथेनॉल मिश्रण की प्रतिशतता में निरंतर वृद्धि: 

  • भारत में इथेनॉल मिश्रण प्रतिशत 2019-20 में 5 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 12 प्रतिशत हो गया है। इसी अवधि के दौरान उत्पादन 173 करोड़ लीटर से बढ़कर 500 करोड़ लीटर से अधिक हो गया है।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने जी20 ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में घोषणा की कि भारत ने वर्ष 2023 में 20% इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल लॉन्च किया है तथा वर्ष 2025 तक पूरे देश को कवर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति 2018, में भी वर्ष 2025 तक इथेनॉल सम्मिश्रण कार्यक्रम के तहत 20% इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित करती है।
  • सरकार का यह कदम जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और सतत् ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

इथेनॉल:  

  • इथेनॉल गन्ना, मक्का, चावल, गेहूँ, बायोमास इत्यादि जैसे विभिन्न स्रोतों से उत्पादित एक जैव ईंधन है। इसे एथिल अल्कोहल भी कहा जाता है।
  • इथेनॉल एक तरह से शुद्ध अल्कोहल है जिसे स्वच्छ ईंधन विकल्प बनाने के लिए पेट्रोल के साथ मिश्रित किया जा सकता है।
  • इसकी उत्पादन प्रक्रिया में खमीर द्वारा या एथिलीन हाइड्रेशन जैसी पेट्रोकेमिकल प्रक्रियाओं के माध्यम से शर्करा का किण्वन किया जाता है।
  • भारत में इथेनॉल का उत्पादन गन्ने से निर्मित गुड़ से लेकर चावल, मक्का, गेहूं आदि अन्य अनाजों से किया जाता है।

भारत चीनी के कीमतों को स्थिर रखने में सफल रहा:  

  • वर्तमान में जहाँ वैश्विक कीमतें एक वर्ष में लगभग 40 प्रतिशत तक बढ़ती रहती हैं वहीं, भारत चीनी उद्योग पर अतिरिक्त बोझ डाले बिना पिछले वर्ष से 5 प्रतिशत की वृद्धि के साथ चीनी की कीमतों को नियंत्रित करने में सक्षम रहा है।
  • तकनीकी पक्ष पर भी, राष्ट्रीय चीनी संस्थान, कानपुर ने अपना विस्तार किया है और इस क्षेत्र में नवीनतम प्रौद्योगिकियों और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए इंडोनेशिया, नाइजीरिया, मिस्र, फिजी आदि सहित कई देशों के साथ सहयोग कर रहा है।

भारत में चीनी उत्पादन की वर्तमान स्थिति:

  • भारत में चीनी उद्योग, कपास के बाद दूसरा सबसे बड़ा कृषि आधारित उद्योग है।
  • चीनी उद्योग सामान्यतः उत्पादन के दो प्रमुख क्षेत्रों यथा- उत्तर भारत में उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब जबकि दक्षिण भारत में महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश में स्थापित हैं।
  • दक्षिण भारत के उष्णकटिबंधीय जलवायु के कारण उत्तर भारत की तुलना में प्रति इकाई क्षेत्र में अधिक उपज देने के साथ उच्च सुक्रोज के लिए उपयुक्त है। अर्थात दक्षिण भारत के गन्ने में अधिक मिठास पाया जाता है।
  • भारत में शीर्ष गन्ना उत्पादक राज्य: उत्तर प्रदेश> महाराष्ट्र> कर्नाटक
  • इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (आईएसएमए) भारत में प्रमुख चीनी संगठन है।
  • गन्ने की कृषि के लिए अनुकूल भौगोलिक स्थितियाँ:

    • तापमान: गर्म और आर्द्र जलवायु के साथ 21-27 °C के मध्य
    • वर्षा: लगभग 75-100 सेमी
    • मिट्टी: दोमट मिट्टी

FAQ

Answer:- भारत

Answer:- लंदन

Answer:- लंदन

Answer:- दूसरा (वैश्विक चीनी खपत में लगभग 15 प्रतिशत हिस्सेदारी और चीनी के लगभग 20 प्रतिशत उत्पादन के साथ, भारतीय चीनी रुझान वैश्विक बाजारों को बहुत प्रभावित करते हैं।)

Answer:- अंतर्राष्ट्रीय चीनी संगठन में लगभग 90 देश इसके सदस्य हैं।

Answer:- भारत इथेनॉल उत्पादन में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश;
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