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टैगोर के शांतिनिकेतन को यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल का टैग मिला

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Tagore’s Santiniketan gets UNESCO World Heritage site tag Award and Honour 5 min read

एशिया के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित शिक्षा की प्रतिष्ठित पीठ शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल किया गया है। यह यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल होने वाला भारत का 41वां स्थल है।

शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विरासत सूची में शामिल करने का निर्णय 17 सितंबर 2023 को सऊदी अरब में विश्व विरासत समिति के 45वें सत्र में लिया गया है ।

शांतिनिकेतन के बारे में

शांतिनिकेतन बंगाल में एक विश्वविद्यालय शहर के रूप में प्रसिद्ध है। शांतिनिकेतन की स्थापना 1901 में रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के ग्रामीण इलाकों में की गई थी। इसे एक आवासीय विद्यालय और कला केंद्र के रूप में स्थापित किया गया था। यूनेस्को के अनुसार "स्कूल प्राचीन भारतीय परंपराओं और धार्मिक पर आधारित ,सांस्कृतिक सीमाओं से परे, मानवता की एकता की दृष्टि पर आधारित था।"

रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1921 में, शांतिनिकेतन में एक विश्व विश्वविद्यालय ,विश्व भारती के नाम से स्थापित किया। यूनेस्को के अनुसार "शांतिनिकेतन अखिल एशियाई आधुनिकता की ओर दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है, जो पूरे क्षेत्र की प्राचीन, मध्यकालीन और लोक परंपराओं पर आधारित है।"

बाद में टैगोर शांतिनिकेतन में बस गए ।

यूनेस्को विरासत सूची में भारतीय स्थल

यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में कुल 41 भारतीय स्थलों को शामिल किया गया है। इसमे से 33 सांस्कृतिक स्थल हैं, 7 प्राकृतिक स्थल हैं और सिक्किम के कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान को मिश्रित श्रेणी में शामिल किया गया है।

2021 में पालमपेट, वारंगल, तेलंगाना में स्तिथ रुद्रेश्वर मंदिर (रामप्पा मंदिर) और गुजरात में सिंधु घाटी स्थल धोलावीरा को क्रमशः भारत के 39वें और 40वें स्थलों के रूप में शामिल किया गया था।

यूनेस्को सूची में शामिल होने वाले पहले भारतीय स्थल 1983 में अजंता, एलोरा गुफाएं, ताज महल और आगरा का  किला हैं ।

स्मारकों और स्थलों पर अंतर्राष्ट्रीय परिषद (आईसीओएमओएस) की भूमिका

पेरिस, फ्रांस स्थित स्मारकों और स्थलों पर अंतर्राष्ट्रीय परिषद (आईसीओएमओएस) ने कुछ महीने पहले ,शांतिनिकेतन को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल करने की सिफारिश की थी । आईसीओएमओएस एक सलाहकार निकाय है जो विश्व स्थलों को यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल करने की सिफारिश करता है।

आईसीओएमओएस  एक अंतरराष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है जिसमें पेशेवर, विशेषज्ञ, स्थानीय अधिकारियों, कंपनियों और विरासत संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हैं। 

यह दुनिया भर में वास्तुकला और परिदृश्य विरासत के संरक्षण और संवर्द्धन के लिए समर्पित है।

यूनेस्को (संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन)

संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) संयुक्त राष्ट्र की एक विशेष एजेंसी है।

इसकी स्थापना 16 नवंबर 1945 को हुई थी।

सदस्य: इसमें 195 सदस्य और 8 सहयोगी सदस्य हैं।

यूनेस्को का उद्देश्य: यूनेस्को का मिशन शिक्षा, विज्ञान, संस्कृति, संचार और सूचना के माध्यम से शांति की संस्कृति के निर्माण, गरीबी उन्मूलन, सतत विकास और अंतरसांस्कृतिक संवाद में योगदान देना है।

मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस

महानिदेशक: ऑड्रे अज़ोले (फ्रांस)

परीक्षा के लिए महत्वपूर्ण  फुल फॉर्म

यूनेस्को/UNESCO :  यूनाइटेड नेशन्स एजुकेशनल, साइअन्टिफिक एंड कल्चरल ऑर्गनज़ैशन  (United Nations Educational, Scientific and Cultural Organization)

आईसीओएमओएस / ICOMOS : इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स ( International Council on Monuments and Sites)

FAQ

उत्तर: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में शांतिनिकेतन, एशिया के पहले नोबेल पुरस्कार विजेता गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा शांतिनिकेतन की स्थापना 1901 में किया गया था

उत्तर : शांतिनिकेतन में विश्व भारती।

उत्तर : 41, 41वां स्थल पश्चिम बंगाल में शांतिनिकेतन है।

उत्तर : पेरिस, फ्रांस

उत्तर: धोलावीरा, गुजरात में एक सिंधु घाटी स्थल

रवीन्द्रनाथ टैगोर ने 1901 में पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के ग्रामीण इलाकों में शांतिनिकेतन की स्थापना की।
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