पहली बार, भारत सरकार ने राष्ट्रीय खेल महासंघों (एएनएसएफ) योजना की सहायता के तहत एशियाई शीतकालीन खेलों में भाग लेने वाले भारतीय दल को पूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया है।
केंद्रीय युवा मामले और खेल मंत्रालय ने अपनी एएनएसएफ योजना के तहत चीन के हार्बिन शहर में होने वाले 9वें शीतकालीन एशियाई खेलों में भाग लेने वाले भारतीय दल को शामिल करने की घोषणा की है।
चीनी शहर हार्बिन 7-14 फरवरी 2025 तक 9वें एशियाई शीतकालीन खेलों की मेजबानी कर रहा है।
हार्बिन दूसरी बार शीतकालीन एशियाई खेलों की मेजबानी कर रहा है, जिसने 1994 में इसकी मेजबानी की थी।
एएनएस योजना के तहत, भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय आयोजनों में भाग लेने के लिए एथलीटों के प्रशिक्षण, विदेशी कोचों, सहायक कर्मचारियों की नियुक्ति आदि के लिए राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) को वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
सरकार 9वें एशियाई शीतकालीन खेलों में अल्पाइन स्कीइंग, क्रॉस-कंट्री स्कीइंग, फिगर स्केटिंग, शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटिंग और स्पीड स्केटिंग (लॉन्ग ट्रैक) स्पर्धाओं में भाग लेने वाले एथलीटों को पूर्ण वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
भारत हार्बिन शीतकालीन खेलों में 88 सदस्यीय दल भेज रहा है, जिसमें 59 एथलीट और 29 अधिकारी शामिल हैं।
एशिया ओलंपिक परिषद 7 से 14 फरवरी 2025 तक चीन के हार्बिन में 9वें एशियाई शीतकालीन खेलों का आयोजन कर रही है।
हार्बिन शहर,दूसरी बार शीतकालीन एशियाई खेलों की मेजबानी कर रहा है।इससे पहले इसने 1996 में इसकी मेजबानी की थी।
इस बार कुल 45 देशों के एथलीटों, छह खेलों की 64 स्पर्धाओं में प्रतिस्पर्धा करने की उम्मीद है। इसमें आइस स्पोर्ट्स और स्नो स्पोर्ट्स दोनों शामिल होंगे।
शुभंकर - बिनबिन और निनी। दोनों चीन के उत्तरपूर्वी क्षेत्र में पाए जाने वाले बाघ हैं। बिनबिन आइस खेलों का शुभंकर है तथा स्नो खेलों का शुभंकर निनी है।
खेलों का नारा- सर्दी का सपना, एशिया के बीच प्यार
खेलों का प्रतीक- निर्णायक।
एशियाई शीतकालीन खेलों का आयोजन एशिया ओलंपिक परिषद द्वारा किया जाता है और इसकी मेजबानी राष्ट्रीय ओलंपिक समिति के एक सदस्य द्वारा की जाती है।
एशियाई शीतकालीन खेल शीतकालीन ओलंपिक खेलों की तर्ज पर आयोजित जाते हैं और हर चार साल में आयोजित किए जाते हैं।
पहला एशियाई शीतकालीन खेल 1986 में जापान के साप्पोरो में आयोजित किया गया था।
शीतकालीन एशियाई खेलों में जापान सबसे सफल टीम है जिसने अभी तक कुल 397 पदक - 138 स्वर्ण, 144 रजत और 114 कांस्य पदक जीते हैं।
शीतकालीन एशियाई खेलों में भारत ने अभी तक कोई पदक नहीं जीता है।
शीतकालीन एशियाई खेलों की सूची
संस्करण |
वर्ष |
मेज़बान शहर/देश |
शीर्ष पदक विजेता देश |
1 |
1986 |
साप्पोरो/जापान |
जापान |
2 |
1990 |
साप्पोरो/जापान |
जापान |
3 |
1994 |
हार्बिन/चीन |
चीन |
4 |
1999 |
गैंगवॉन/दक्षिण कोरिया |
चीन |
5 |
2003 |
एओमोन/जापान |
जापान |
6 |
2007 |
चांगचुन/चीन |
चीन |
7 |
2011 |
अल्माटी और अस्ताना/कजाकिस्तान |
कजाखस्तान |
8 |
2017 |
साप्पोरो और ओबिहिरो/जापान |
जापान |
9 |
2025 |
हार्बिन/चीन |
- |
10 |
2029 |
ट्रोजेना/सऊदी अरब |
- |
एशिया की ओलंपिक परिषद
एशिया ओलंपिक परिषद, एशिया में सर्वोच्च खेल शासी निकाय है।
यह अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक समिति से संबद्ध है।
यह एशिया में एशियाई स्तर के महाद्वीपीय खेलों - ग्रीष्मकालीन एशियाई खेलों, शीतकालीन एशियाई खेलों का आयोजन करता है
1949 में यह एशियाई खेल महासंघ के रूप में स्थापित किया गया था और 1981 में इसका नाम बदल का वर्तमान नाम अपनाया था।
मुख्यालय: कुवैत
सदस्य: 45 एशियाई देश
अध्यक्ष: राजा रणधीर सिंह
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