केंद्र सरकार ने 28 नवंबर 2023 को नौ मैतेई उग्रवादी समूहों और उनके सहयोगी संगठनों पर पाँच वर्ष के लिए प्रतिबंध लगाने के फैसले पर विचार के लिए एक न्यायाधिकरण का गठन किया है।
संजय कुमार मेधी की अगुवाई में न्यायाधिकरण का गठन:
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मैतेई उग्रवादी समूहों और उनके सहयोगी संगठनों पर पाँच वर्ष के लिए प्रतिबंध लगाने के फैसले पर विचार करने के लिए गोहाटी उच्च न्यायालय के न्यायाधीश संजय कुमार मेधी की अगुवाई में एक न्यायाधिकरण का गठन किया है।
- न्यायाधिकरण यह फैसला करेगा कि मणिपुर के मैतेई उग्रवादी संगठनों के साथ-साथ उनके गुटों, विंग और फ्रंट संगठनों को गैरकानूनी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं।
- केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश विरोधी गतिविधियों और सुरक्षा बलों पर घातक हमले करने के लिए मैतेई उग्रवादी समूहों और उनके सहयोगी संगठनों पर प्रतिबंध बढ़ा दिया था।
गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम, 1967 के तहत कार्यवाही:
- मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि गैरकानूनी गतिविधियां (निवारण) अधिनियम, 1967 की धारा 5 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, केंद्र सरकार ने ‘गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) न्यायाधिकरण’ का गठन किया है।
- न्यायाधिकरण यह फैसला करेगा कि मणिपुर के मैतेई उग्रवादी संगठनों के साथ-साथ उनके गुटों, विंग और फ्रंट संगठनों को गैरकानूनी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं या नहीं।
पूर्वोत्तर के कई उग्रवादी समूहों पर लगाया गया प्रतिबंध:
- गृह मंत्रालय ने 13 नवंबर 2023 को जिन समूहों पर प्रतिबंध लगाया है उनमें प्रमुख हैं:
- पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) और इसकी राजनीतिक शाखा,
- रिवोल्यूशनरी पीपुल्स फ्रंट (आरपीएफ),
- यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) और इसकी आर्म्ड फोर्स
- मणिपुर पीपुल्स आर्मी (एमपीए),
- पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कांगलेईपाक (पीआरईपीएके) और इसकी आर्म्ड फोर्स,
- कांगलेईपाक कम्युनिस्ट पार्टी (केपीसी) और इसकी आर्म्ड फोर्स रेड आर्मी,
- कांगलेई याओल कनबा लुप (यूकेएल),
- समन्वय समिति (कोरकॉम) और
- एलायंस फॉर सोशलिस्ट यूनिटी कांगलेइपाक (एएसयूके) शामिल हैं।
पूर्वोत्तर के इन उग्रवादी समूहों पर प्रतिबंध बढ़ा:
- पीएलए, यूएनएलएफ, पीआरईपीएके, केसीपी, केवाईकेएल पर कई साल पहले गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत गृह मंत्रालय ने प्रतिबंध लगाया था।
- नई कार्रवाई के तहत इन पर लगा प्रतिबंध पाँच साल के लिए बढ़ा दिया है। यह अन्य संगठनों के गैरकानूनी घोषित करने का नवीनतम घटनाक्रम है।
यूएनएलएफ ने सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये:
- देश के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में स्थायी शांति स्थापित करने के लिए 29 नवंबर 2023 को यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (यूएनएलएफ) ने नई दिल्ली में भारत सरकार के साथ एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया है।
- यूएनएलएफ, मणिपुर की एक सबसे बड़ा उग्रवादी संगठन रहा है, ऐसे में यूएनएलएफ के सरकार के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर करना पूर्वोत्तर भारत में शांति और विकास की संभावनायें बढ़ेंगी।
मणिपुर की कुकी और मैतेई समुदाय:
मैतेई समुदाय:
- मैतेई मणिपुर का सबसे बड़ा समुदाय है। मैतेई समुदाय का राजधानी इंफाल में प्रभुत्व है और इन्हें आमतौर पर मणिपुरी कहा जाता है। 2011 की जनगणना के अनुसार मैतेई राज्य की आबादी का 64.6 प्रतिशत हैं।
- हालांकि इसके बावजूद मणिपुर की भूमि के लगभग 10 प्रतिशत हिस्से पर ही उनका कब्जा है। मैतेई समुदाय के अधिकांश लोग हिंदू हैं। जबकि नागा और कुकी मुख्य रूप से ईसाई हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, मणिपुर में हिंदुओं और ईसाइयों की आबादी लगभग 41 प्रतिशत है।
कुकी समुदाय:
- कुकी जनजाति भारत के मणिपुर और मिजोरम राज्य के दक्षिण पूर्वी भाग में निवास करती है। कुकी भारत, बांग्लादेश और म्यांमार में पाए जाने वाले कई पहाड़ी जनजातियों में से एक हैं।
- अरुणाचल प्रदेश को छोड़कर कुकी समुदाय के लोग उत्तर पूर्व भारत के करीब सभी राज्यों में रहते हैं।
मणिपुर की कुल आबादी में नागा और कुकी की जनसंख्या लगभग 40 प्रतिशत है। लेकिन मणिपुर की 90 प्रतिशत भूमि पर ये निवास करते हैं। ये दोनों समुदाय मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्रों में निवास करती है।