फ्रांसीसी सेना के सेनाध्यक्ष जनरल पियरे शिल 27 से 29 फरवरी 2024 तक भारत की यात्रा पर हैं। जनरल शिल ने अपनी यात्रा की शुरुआत 27 फरवरी 2024 को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर भावपूर्ण पुष्पांजलि समारोह के साथ की थी।
- युद्ध स्मारक पर फ्रांसीसी जनरल ने राष्ट्र के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले भारतीय सशस्त्र बलों के वीरगति को प्राप्त नायकों को श्रद्धासुमन अर्पित किये।
जनरल शिल को गार्ड ऑफ ऑनर:
- नई दिल्ली के साउथ ब्लॉक लॉन में फ्रांसीसी सेना के सेनाध्यक्ष को एक औपचारिक गार्ड ऑफ ऑनर प्रस्तुत किया गया।
जनरल शिल के भारत यात्रा का मुख्य कार्यक्रम:
- इसके बाद जनरल पियरे शिल ने सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और सशस्त्र बलों के अन्य वरिष्ठ सैन्याधिकारियों से मुलाकात की।
- जनरल शिल ने विचारों का आदान-प्रदान किया और दोनों सेनाओं के बीच द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने सहित विभिन्न समसामयिक मुद्दों पर रचनात्मक चर्चा की।
- यात्रा के दौरान, जनरल पियरे ने रक्षा उद्योग के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की। जनरल पियरे शिल ने राजस्थान में पिनाका फायरिंग प्रदर्शन का भी अवलोकन किया।
- जनरल पियरे शिल जयपुर में सप्त शक्ति कमान का भी दौरा करेंगे और वरिष्ठ सैन्य कमांडरों के साथ बातचीत करेंगे।
- 29 फरवरी 2024 को जनरल पियरे शिल प्रतिष्ठित नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) में अधिकारियों को संबोधित करेंगे।
भारत-फ्रांस के मध्य मजबूत होते रक्षा संबंध:
- जनरल पियरे की यात्रा रक्षा, सुरक्षा और प्रौद्योगिकी में अपने रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने के लिए दोनों देशों की साझा प्रतिबद्धता को उजागर करती है।
- दोनों देशों की सेनाओं के बीच इस तरह की द्विपक्षीय यात्राएं और विभिन्न अभ्यास सशस्त्र बलों के बीच लंबे समय से चले आ रहे सहयोग का प्रतीक हैं। इस प्रकार की यात्रा से क्षेत्रीय स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए उनके समर्पण को मजबूत करते हैं।
भारत-फ्रांस के मध्य सहयोग के प्रमुख क्षेत्र:
- वर्तमान में भारत और फ्रांस रक्षा क्षेत्र व अंतर्राष्ट्रीय मंच पर सहयोग सहित विभिन्न क्षेत्रों में आपसी सहयोग कर रहे हैं। इनमें से प्रमुखतः शामिल हैं:
रक्षा क्षेत्र में सहयोग:
- भारत के लिए फ्राँस एक प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में उभरा है। फ्राँस वर्ष 2017-2021 में भारत के लिये दूसरा सबसे बड़ा रक्षा आपूर्तिकर्ता रहा है।
- फ्रांस, भारतीय नौसेना के लिए फ्राँसीसी स्कॉर्पीन पारंपरिक पनडुब्बियाँ तैयार कर रहा है। (इसे वर्ष 2005 के प्रौद्योगिकी हस्तांतरण समझौते के तहत भारत में बनाया जा रहा है।)
- भारतीय वायु सेना के लिए 36 राफेल लड़ाकू जेट की आपूर्ति।
- भारत के टाटा समूह ने वड़ोदरा, गुजरात में सी-295 सामरिक परिवहन विमान के विनिर्माण के लिए फ्राँस के एयरबस के साथ समझौता किया है।
- भारत, फ्रांस से आयातित प्रमुख सैन्य उपकरणों में राफेल और मिराज 2000 लड़ाकू विमान और स्कॉर्पीन पनडुब्बियां शामिल हैं।
नियमित रूप से आयोजित संयुक्त सैन्य अभ्यास:
- भारत, फ्रांस के साथ नियमित रूप से तीनों बलों के मध्य संयुक्त अभ्यास का आयोजन करती रही है, जिनमें प्रमुख हैं:
- वरुण (नौसेना)
- गरुड़ (वायु सेना)
- शक्ति (थल सेना)
भारत-फ्रांस के मध्य आर्थिक सहयोग:
- भारत और फ्रांस के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में 13.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर के नए शिखर पर पहुंच गया है।
- भारत से निर्यात 7 बिलियन अमेरिकी डॉलर को पार कर गया है।
- फ्रांस, भारत में 11वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है। अप्रैल 2000 से दिसंबर 2022 तक भारत में फ्रांस का संचयी निवेश 10.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
- भारत में 1,000 से अधिक फ्रांसीसी प्रतिष्ठान मौजूद हैं। उनका कुल कारोबार लगभग 20 बिलियन अमेरिकी डॉलर है और वे लगभग 300,000 लोगों को रोजगार देते हैं।
ऊर्जा और जलवायु क्षेत्र में सहयोग:
- जलवायु परिवर्तन की रक्षा के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग से दोनों का संबंध स्पष्टतः परिभाषित होते हैं।
- 2008 में नागरिक परमाणु ऊर्जा में अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पुनः शुरू करने के लिए भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) से छूट दिलाने में फ्रांसीसी समर्थन ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- फ्रांस, एनएसजी में भारत के प्रवेश का समर्थन करता है।
- दोनों देश ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग:
- दोनों देश विज्ञान-प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण साझेदारी साझा कर रहे हैं।
- 2018 में अंतरिक्ष सहयोग के लिए संयुक्त दृष्टिकोण के साथ फ्रांस की सीएनईएस और भारत की इसरो साझेदारी को मजबूत किया गया है।
- दोनों देश संयुक्त पृथ्वी अवलोकन मिशन तृष्णा, संयुक्त मंगल मिशन और अंतरिक्ष मलबे को हटाने पर सहयोग कर रहे हैं।
- दोनों देश मिलकर महाराष्ट्र के जैतापुर में दुनिया का सबसे बड़ा परमाणु पार्क बना रहे हैं।
- फ्रांस यूपीआई भुगतान प्रणाली को स्वीकार करने वाला पहला यूरोपीय देश बना है।
विगत कुछ वर्षों से भारत-फ्रांस संबंधों ने अमेरिका से जर्मनी तक रूस से चीन तक सभी प्रमुख देशों का ध्यान आकर्षित किया है। गणतंत्र दिवस 2024 के मुख्य अतिथि के रूप में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन की भारत यात्रा ने दोनों देशों के बीच दोस्ती को और मजबूत किया है