प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की पहल, इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस आखिरकार 23 जनवरी 2025 को लागू हो गया है। यह जानकारी हाल ही में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण द्वारा दी गई थी।
यह पहल प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 9 अप्रैल 2023 को कर्नाटक के मैसूर में प्रोजेक्ट टाइगर की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में की थी।
इंटरनेशनल इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस एक अंतर-सरकारी अंतरराष्ट्रीय संगठन और एक कानूनी इकाई बन गया है।
गठबंधन का लक्ष्य 96 देशों जहां ये बड़ी बिल्लियाँ पायी जाती हैं या वे देश जो बड़ी बिल्ली संरक्षण में रुचि रखते हों, को इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस में शामिल करना है।
भारत सरकार ,इंटरनेशनल बिग कैट अलायंस पर फ्रेमवर्क समझौते का डिपॉजिटरी है।
फ्रेमवर्क समझौता एक कानूनी रूप से बाध्यकारी संधि को संदर्भित करता है जो शामिल पक्षों के लिए व्यापक प्रतिबद्धताएं स्थापित करती है।
इस प्रकार जो देश इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस में शामिल होना चाहते हैं, उन्हें फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर करना होगा जिसमें शामिल होने के नियमों और शर्तों का उल्लेख है और इसे अपने देश में सक्षम कानूनी प्राधिकारी द्वारा अनुमोदित करना होगा।
चूंकि इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस का सचिवालय भारत में है, इसलिए फ्रेमवर्क समझौते का अनुसमर्थन/अनुमोदन करने के बाद देशों को इसे भारत को देना होगा।
यहां डिपॉजिटरी का मतलब है कि समझौते को उस देश के साथ जमा करना होगा जहां सचिवालय स्थित है।
हाल ही में निकारागुआ, इस्वातिनी, सोमालिया, लाइबेरिया और भारत ने फ्रेमवर्क समझौते को मंजूरी दे दी है और जमा कर दिया है।
अब तक 27 देश इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस के सदस्य हैं।
इंटरनेशनल बिग कैट एलायंस का उद्देश्य बिग कैट्स की सुरक्षा और संरक्षण के लिए काम करना, उनकी आबादी में गिरावट को रोक कर बढ़ावा देना और उनके आवासों को संरक्षित करना है।
बड़ी बिल्लियाँ में बाघ (पैंथेरा टाइग्रिस), शेर (पैंथेरा लियो), जगुआर (पैंथेरा ओंका), तेंदुआ (पैंथेरा पार्डस), हिम तेंदुआ (पैंथेरा अनसिया), प्यूमा (प्यूमा कॉनकोलर) और चीता (एसिनोनिक्स जुबेटस) शामिल हैं।
भारत में प्यूमा और जगुआर नहीं पाए जाते।
चीता को 1952 में विलुप्त प्रजाति घोषित कर दिया गया था लेकिन भारत सरकार ने मध्य प्रदेश के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में अफ्रीकी चीतों को फिर से बसाने के लिए एक महत्वाकांक्षी योजना शुरू किया है।