प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सिंगापुर यात्रा के दौरान भारत और सिंगापुर ने द्विपक्षीय संबंधों को अधिक गहरा और मजबूत करने के लिए चार समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। प्रधान मंत्री 3 से 5 सितंबर 2024 तक दो देशों ब्रुनेई और सिंगापुर के दौरे पर थे।
अपने दौरे के पहले चरण में उन्होंने ब्रुनेई का दौरा किया और ब्रुनेई की यात्रा करने वाले पहले भारतीय प्रधान मंत्री बने।
अपने दौरे के दूसरे चरण के दौरान उन्होंने 4 और 5 सितंबर 2024 को सिंगापुर का दौरा किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर भी मौजूद थे।
पीएम मोदी की 5वीं सिंगापुर यात्रा
2014 में भारत के प्रधानमंत्री बनने के बाद से प्रधानमंत्री मोदी की यह 5वीं सिंगापुर की आधिकारिक यात्रा थी। उन्होंने आखिरी बार 2018 में सिंगापुर का दौरा किया था और छह साल बाद वह फिर से देश का दौरा कर रहे हैं।
- सिंगापुर के चांगी हवाई अड्डे पर सिंगापुर के गृह एवं कानून मंत्री के षणमुगम ने उनका स्वागत किया।
- उन्होंने संसद भवन में सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग से मुलाकात की।
- बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की।
- दोनों द्विपक्षीय सहयोग को गहरा और व्यापक बनाने के लिए द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी से 'व्यापक रणनीतिक साझेदारी' तक बढ़ाने पर सहमत हुए।
- दोनों नेताओं की मुलाकात के दौरान दोनों देशों के बीच चार एमओयू पर हस्ताक्षर किये गये।
भारत और सिंगापुर के बीच चार समझौता ज्ञापन
प्रधान मंत्री मोदी की यात्रा से पहले, दूसरा भारत-सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (आईएसआरएम) ,26 अगस्त 2024 को सिंगापुर में आयोजित किया गया था।
दूसरे आईएसआरएम ने दोनों देशों के बीच सहयोग के छह स्तंभों की पहचान की गई थी जिसमे से पीएम मोदी के दौरे के दौरान चार स्तंभों को एमओयू में बदल दिया गया।
ये समझौता ज्ञापन हैं;
- सेमीकंडक्टर पारिस्थितिकी तंत्र में सहयोग। यह एईएम जैसी सिंगापुर की कंपनियों,जो वैश्विक सेमीकंडक्टर मूल्य श्रृंखला का एक हिस्सा है को भारत में निवेश की सुविधा प्रदान करेगा। एमओयू का उद्देश्य भारत में सेमीकंडक्टर क्लस्टर विकसित करने और सेमीकंडक्टर डिजाइन और विनिर्माण में प्रतिभा का पोषण करने के लिए सिंगापुर के निवेश को प्रोत्साहित करना है।
- डिजिटल प्रौद्योगिकियों में सहयोग,
- कौशल विकास में सहयोग
- शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल में, विशेष रूप से तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण के क्षेत्र में।
पीएम मोदी की सिंगापुर के नेताओं से मुलाकात
सिंगापुर यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम से भी मुलाकात की।
उन्होंने वरिष्ठ मंत्री और पूर्व प्रधान मंत्री ली सीन लूंग और एमेरिटस वरिष्ठ मंत्री और पूर्व प्रधान मंत्री गोह चोक टोंग से भी मुलाकात की। सिंगापुर के इन दोनों पूर्व नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को बनाने और मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सिंगापुर में पहला तिरुवल्लुवर संस्कृति केंद्र
प्रधानमंत्री मोदी ने दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक बंधन को मजबूत करने के लिए सिंगापुर में दुनिया का पहला तिरुवल्लुवर संस्कृति केंद्र स्थापित करने की घोषणा की।
- 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी की पार्टी भाजपा ने पूरी दुनिया में तिरुवल्लुवर संस्कृति केंद्र स्थापित करने का वादा किया था।
- तिरुवल्लुवर एक तमिल कवि-संत थे और तिरुक्कुरल ("पवित्र दोहे") के रचियाता थे, जिसका तमिल संस्कृति पर अत्यधिक प्रभाव है।
- भारतीय मूल के लोग , सिंगापुर में तीसरी सबसे बड़ी जातीय आबादी है और वे सिंगापुर की आबादी का लगभग नौ प्रतिशत है। भारतीयों में से अधिकांश तमिल हैं।
- सिंगापुर की लगभग 74 प्रतिशत आबादी चीनी मूल की है और दूसरा सबसे बड़ा जातीय समूह मलय मूल की है।
व्यापारिक समुदाय के साथ मुलाकात
प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर के प्रमुख व्यापारिक समुदाय के एक समूह से भी मुलाकात की। उन्होंने उन्हें दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था,भारत में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया।
- 2023-24 में भारत के कुल व्यापारिक व्यापार में 3.2 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ सिंगापुर भारत का छठा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है ।
- इस अवधि में भारत से सिंगापुर को निर्यात 14.4 अरब डॉलर जबकि सिंगापुर से आयात 21.2 अरब डॉलर रहा।
- सिंगापुर, जो एशिया का सबसे बड़ा वित्तीय केंद्र है, 2023-24 में भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का सबसे बड़ा स्रोत भी है।
- 1 अप्रैल 2004-31 मार्च 2024 के दौरान सिंगापुर से भारत में कुल एफ़डीआई लगभग 160 बिलियन डॉलर था जो इस अवधि के दौरान भारत को प्राप्त कुल एफ़डीआई का एक चौथाई है।