पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर का 29 नवंबर 2023 को 100 वर्ष की उम्र में संयुक्त राज्य अमेरिका के कनेक्टिकट में अपने आवास पर निधन हो गया। हालांकि, मृत्यु किस कारण हुई, ये अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे हेनरी किसिंजर:
- हेनरी किसिंजर एक विद्वान, राजनेता और सेलिब्रिटी राजनयिक के रूप में काफी लोकप्रिय थे। किसिंजर ने अमेरिकी राष्ट्रपतियों रिचर्ड एम निक्सन और गेराल्ड फोर्ड के प्रशासन के दौरान और उसके बाद एक सलाहकार और लेखक के रूप में काम किया था।
- किसिंजर ने अमेरिकी विदेश नीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव का नेतृत्व किये और उसे उसे समयानुकूल बनाया।
- किसिंजर को वैश्विक राजनीति और व्यापार को आकार देने के लिए जाना जाता है।
हेनरी किसिंजर का जन्म जर्मनी में हुआ:
- हेंज अल्फ्रेड किसिंजर का जन्म 27 मई 1923 को जर्मनी के फर्थ में हुआ था। किसिंजर 12 वर्ष के थे जब नूर्नबर्ग कानून ने जर्मनी के यहूदियों से उनकी नागरिकता छीन ली थी।
- किसिंजर का परिवार अगस्त 1938 में जर्मनी छोड़कर अमेरिका चला आया और अमेरिका जाने के बाद वह हेनरी बन गए।
- किसिंजर अमेरिकी सेना में शामिल हुए और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान यूरोप में अपनी सेवाएं दीं। स्कॉलरशिप पर हार्वर्ड विश्वविद्यालय गए, 1952 में मास्टर डिग्री और 1954 में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। वह अगले 17 वर्षों तक हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में बतौर फैकल्टी कार्य करते रहे।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार से विदेश मंत्री तक का सफर:
- किसिंजर ने 1950 के दशक में अधिकांश समय सरकारी एजेंसियों के सलाहकार के रूप में कार्य किया, जिसमें 1967 में उन्होंने वियतनाम में राज्य विभाग के लिए मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी।
- रिचर्ड निक्सन ने हेनरी किसिंजर को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में व्हाइट हाउस में नियुक्त किया। 1973 में, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के रूप में उनकी भूमिका के अलावा, किसिंजर को राज्य सचिव भी नामित किया गया और यहीं से उनकी कूटनीतिज्ञ के रूप में यात्रा आरंभ हुई।
किसिंजर का अमेरिकी विदेश नीति पर प्रभाव:
- द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, एक ही समय में व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और अमेरिकी विदेश मंत्री बनने वाले हेनरी एकमात्र व्यक्ति थे। उनका अमेरिकी विदेश नीति पर गहरा प्रभाव था।
- किसिंजर ने अमेरिकी विदेश नीति को एक नया आयाम दिया। क्योंकि इनसे पूर्व अमेरिका की विदेश नीति एक निश्चित सिद्धांत पर चलती थी। अमेरिका सिर्फ उसी देश के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंध रखता था जिसके साथ उसके सिद्धांत मेल खाते थे।
- इससे पूर्व अमेरिका सिर्फ लोकत्रांत्रिक मूल्यों पर चलने वाले देशों के साथ ही अपना व्यापार, रक्षा आदि संबधों को आगे बढ़ाता था। परन्तु किसिंजर की नीतियों के प्रभाव के बाद अमेरिका गैर लोकत्रांत्रिक देश चीन से साथ भी व्यापार संबंध स्थापित किया।
- वर्तमान में चीन, अमेरिका से निवेश प्राप्त करके विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गई है। आज किसिंजर की नीतियों के कारण ही चीनी अर्थव्यवस्था इस मुकाम तक पहुँच सकी है। इसी वजह से हेनरी किसिंजर को चीन में काफी सम्मान दिया जाता है।
किसिंजर कई विवादों में भी घिरे रहे;
- किसिंजर का विवादों से गहरा रिश्ता रहा है। किसिंजर और वियतनाम के ले डक थो को गुप्त वार्ता के लिए नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था, जिसे उन्होंने अस्विकार कर दिया था। ये सबसे विवादास्पद पुरस्कार रहा था। इस वार्ता के कारण 1973 का पेरिस समझौता हुआ और वियतनाम युद्ध में अमेरिकी सेना की भागीदारी समाप्त हो गई थी।
- बांग्लादेश के बंटवारे के वक्त वहाँ के लोगों के नरसंहार के दौरान हेनरी ने पाकिस्तान का साथ दिया था, जिसके बाद बड़ा विवाद हुआ था। इस दौरान किसिंजर ने भारत पर दबाव बढ़ाने के लिए चीन को सलाह दिया की वह भारतीय सीमा पर अपनी सेना को तैनात करे।