विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 26 जुलाई 2024 को लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक की राजधानी वियनतियाने में भारत -आसियान पोस्ट-मिनिस्ट्रियल सम्मेलन में भाग लिया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ,आसियान (दक्षिणपूर्व एशियाई राष्ट्र संघ) के प्रारूप में आसियान-भारत,पूर्वी एशियाशिखर सम्मेलन (ईएएस) और आसियान क्षेत्रीय मंच (एआरएफ) ढांचे के तहत विदेश मंत्रियों की बैठकों में भाग लेने के लिए लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक की तीन दिवसीय 25-27 जुलाई 2024 की यात्रा पर हैं।
इन बैठकों की मेजबानी आसियान के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक द्वारा की जा रही है। सेलुमक्से कोमासिथ लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक के उप प्रधान मंत्री और विदेश मंत्री हैं।
भारत के साथ आसियान पोस्ट-मंत्रिस्तरीय सम्मेलन
भारत -आसियान पोस्ट-मिनिस्ट्रियल सम्मेलन 26 जुलाई 2024 को वियनतियाने में आयोजित किया गया था जिसमें आसियान के 10 सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों और भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भाग लिया था।
बैठक में आने वाले वर्षों में आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी (सीएसपी) को और बढ़ाने और अगले पांच वर्षों में सीएसपी की पूरी क्षमता को हासिल करने के लिए दोनों पक्षों की प्रतिबद्धता की पुष्टि की गई।
आसियान के बारे में
- दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संगठन (आसियान) दुनिया के सबसे सफल क्षेत्रीय समूहों में से एक माना जाता है।
- इसकी स्थापना 1967 में पांच दक्षिणपूर्व देशों - थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, फिलीपींस और इंडोनेशिया के साथ की गई थी।
- बाद में इसका धीरे-धीरे विस्तार किया गया और अब इसमें 10 दक्षिणपूर्व देश शामिल हैं - ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओ, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम।
- तिमोर लेस्ते को आसियान में पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है।
- आसियान का मुख्यालय जकार्ता, इंडोनेशिया में है।
भारत-आसियान संबंध
- 1992 में तत्कालीन नरसिम्हा राव की सरकार ने 'पूर्व की और देखो' या लुक ईस्ट नीति का शुभारंभ किया था जिसका मक़सद आसियान देशों के साथ भारत के व्यापार और निवेश को बढ़ावा देना था।
- 1992 में भारत को आसियान का क्षेत्रीय भागीदार बनाया गया और आसियान और भारत के बीच नियमित आधिकारिक बातचीत शुरू हुई।
- रिश्तों में बढ़ती गहराई के साथ 1996 में भारत को आसियान का डायलॉग पार्टनर बना दिया गया और उसी वर्ष, भारत, आसियान क्षेत्रीय फोरम (एआरएफ) का सदस्य बन गया।
- 2002 में रिश्ते को शिखर सम्मेलन स्तर तक उन्नत किया गया और 2012 में रिश्ते को रणनीतिक साझेदारी में बदल दिया गया ।
- 2005 में भारत ,पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन का संस्थापक सदस्य देश बना।
- 2010 में, भारत, एडीएमएम (आसियान रक्षा मंत्रियों की बैठक) प्लस फोरम का संस्थापक सदस्य देश बना।
- 18 सदस्यीय एडीएमएम प्लस फोरम आसियान देशों जापान, चीन, भारत, रूस, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका के रक्षा मंत्रियों का मंच है।
31वीं एआरएफ विदेश मंत्री बैठक
31वां आसियान क्षेत्रीय फोरम (एआरएफ) विदेश मंत्री की बैठक 27 जुलाई 2024 को वियनतियाने में आयोजित किया जाएगा।
इसकी स्थापना 1994 में भारत-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा संवाद को बढ़ावा देने और क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बढ़ाने के लिए सहकारी उपाय विकसित करने के लिए की गई थी।
एआरएफ़ के 27 सदस्य हैं-
- आसियान के 10 सदस्य,
- आसियान के 10 संवाद भागीदार देश - ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, चीन, भारत, जापान, यूरोपीय संघ, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका और
- बांग्लादेश, उत्तर कोरिया, मंगोलिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, पापुआ न्यू गिनी और तिमोर-लेस्ते।
14वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईएएस) के विदेश मंत्री की बैठक
- पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन की स्थापना 2005 में आसियान और क्षेत्र की क्षेत्रीय शक्ति और निवासी शक्ति - संयुक्त राज्य अमेरिका और रूस के बीच रणनीतिक और आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए आसियान द्वारा की गई थी।
- पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के 18 सदस्य देश - आसियान के 10 सदस्य देश, ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका।
महत्वपूर्ण फुल फॉर्म
- आसियान /ASEAN : एसोसिएशन ऑफ सॉउथईस्ट एशियन नेशन (Association of Southeast Asian Nation)
- ईएएस/EAS : ईस्ट एशिया समिट (East Asia Summit)
- एआरएफ़/ARF: आसियान रीजनल फोरम ( ASEAN Regional Forum)