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इसरो की चंद्रयान 3 टीम को जॉन एल जैक सिगर्ट जूनियर पुरस्कार मिला

Utkarsh Classes Last Updated 07-02-2025
Chandrayaan 3 team of ISRO receives John L Jack Swigert Jr Award Award and Honour 5 min read

भारत की प्रमुख राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की  चंद्रयान -3 मिशन की टीम को अमेरिका स्थित स्पेस फाउंडेशन द्वारा अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए 2024 के जॉन एल "जैक" स्विगर्ट, जूनियर पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार अमेरिका स्थित गैर-लाभकारी संगठन स्पेस फाउंडेशन द्वारा अंतरिक्ष अन्वेषण और खोज के क्षेत्र में एक अंतरिक्ष एजेंसी, कंपनी या संगठनों के संघ को सम्मानित करने के लिए दिया जाता है।

ह्यूस्टन में भारत के भारतीय महावाणिज्यदूत, डी सी मंजूनाथ ने इसरो की चंद्रयान -3 टीम की ओर से अंतरिक्ष अन्वेषण पुरस्कार के लिए 2024 जॉन एल "जैक" स्विगर्ट, जूनियर पुरस्कार प्राप्त किया। 

यह पुरस्कार संयुक्त राज्य अमेरिका के कोलोराडो में स्पेस फाउंडेशन द्वारा आयोजित तीन दिवसीय वार्षिक (8-11 अप्रैल 2024) संगोष्ठी के उद्घाटन दिवस पर प्रदान किया गया।

चंद्रयान-3 टीम को चंद्रमा पर अपनी उल्लेखनीय लैंडिंग द्वारा अंतरिक्ष अन्वेषण के स्तर को ऊपर उठाने के लिए सम्मानित किया गया। स्पेस फाउंडेशन के अनुसार इस मिशन द्वारा प्रदर्शित तकनीकी और इंजीनियरिंग उपलब्धियों ने दुनिया को वैश्विक अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र में भारत के लोगों के निर्विवाद नेतृत्व और सरलता को दिखाया है।

जॉन एल "जैक" स्विगर्ट, जूनियर, अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए पुरस्कार

जॉन एल "जैक" स्विगर्ट, जूनियर, अंतरिक्ष अन्वेषण के लिए पुरस्कार 2004 में जॉन एल "जैक" स्विगर्ट, जूनियर की स्मृति में स्पेस फाउंडेशन द्वारा स्थापित किया गया था। 

जॉन एल "जैक" स्विगर्ट, जूनियर नासा (नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) के चंद्रमा पर अपोलो 13 मिशन का हिस्सा थे, जिसे ऑक्सीजन टैंक में रिसाव के कारण रद्द कर दिया गया था और फिर नासा ने सभी  तीनों अन्तरिक्ष यात्रियों को सकुशल वापस धरती पर लाया था। 

जैक स्विगर्ट पुरस्कार प्रतिवर्ष स्पेस फाउंडेशन द्वारा आयोजित अंतरिक्ष संगोष्ठी में प्रदान किया जाता है।

2023 में नासा की जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप टीम को जैक स्विगर्ट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

चंद्रयान-3 मिशन

  • इसरो ने 14 जुलाई, 2023 को जीएसएलवी- मार्क III (एलवीएम -3) रॉकेट द्वारा श्रीहरिकोटा, आंध्र प्रदेश से चंद्रयान -3 मिशन लॉन्च किया था। 
  • अंतरिक्ष यान में विक्रम नामक एक लैंडर और प्रज्ञान नामक एक रोवर शामिल था। 
  • लैंडर 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतरा। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्र मॉड्यूल उतारने वाला दुनिया का पहला देश बन गया।
  •  जिस बिंदु पर चंद्रयान -3 लैंडर उतरा था उसे शिवशक्ति बिंदु नाम दिया गया।
  • अमेरिका, रूस और चीन के बाद भारत चंद्र लैंडिंग मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो)

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना,15 अगस्त 1969 को  भारत सरकार द्वारा की गई थी

इसरो को पहले भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुसंधान समिति  के रूप में जाना जाता था, जिसे 1962 में भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया था।

इसरो विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल भारत और मानव जाति के लिए बाह्य अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण लाभों के लिए काम करता है।

इसरो भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग (डीओएस) के अंतर्गत कार्य करता है।

विक्रम साराभाई को इसरो का संस्थापक माना जाता है और वह इसरो के पहले अध्यक्ष भी थे।

मुख्यालय: बेंगलुरु

अध्यक्ष: एस.सोमनाथ

FAQ

उत्तर: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान -3 मिशन की टीम को।

उत्तर: शिव शक्ति

उत्तर : एस सोमनाथ

उत्तर: बेंगलुरु, कर्नाटक

उत्तर: स्पेस फाउंडेशन संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा।
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