केंद्रीय मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के अनुसार, जी20 महामारी कोष ने महामारी की तैयारियों और प्रतिक्रियाओं के लिए भारत में पशु स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए पशुपालन और डेयरी विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय (डीएएचडी) भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत 25 मिलियन डॉलर के प्रस्ताव को मंजूरी दी है।
इंडोनेशिया की जी20 अध्यक्षता 2022 के तहत स्थापित, महामारी कोष, कम और मध्यम आय वाले देशों पर ध्यान केंद्रित करते हुए राष्ट्रीय, क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर महामारी की रोकथाम, तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमताओं को मजबूत बनाने के लिए महत्वपूर्ण निवेश का वित्तपोषण करता है।
कोष का उपयोग कहां किया जाएगा?
इस प्रस्ताव के तहत मुख्य उपायों में रोग निगरानी और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली को मजबूत तथा एकीकृत करना, प्रयोगशाला नेटवर्क का उन्नयन और विस्तार करना, अंतर-संचालित डेटा प्रणाली में सुधार करना और जोखिम विश्लेषण एवं जोखिम संचार के लिए डेटा विशलेषण के लिए क्षमता का निर्माण करना, सीमा पार पशु रोगों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत बनाना और सीमा पार सहयोग के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग में भारत की भूमिका शामिल है।
अन्य हस्तक्षेपों में सीमा पार पशु रोगों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा को मजबूत करना और सीमा पार सहयोग के माध्यम से क्षेत्रीय सहयोग में भारत की भूमिका शामिल है।
कार्यान्वयन एजेंसियां
यह परियोजना विश्व बैंक और खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के साथ प्रमुख कार्यान्वयन इकाई के रूप में एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के सहयोग से कार्यान्वित की जाएगी।
महामारी कोष
विश्व बैंक द्वारा सितंबर 2022 में विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से महामारी कोष की स्थापना की गई है।
निम्न और मध्यम आय वाले देशों को भविष्य की महामारियों से निपटने के लिए अपनी तैयारी और प्रतिक्रिया (पीपीआर ) को मजबूत करने में सहायता प्रदान करने के लिए कोष की स्थापना की गई है।
कोष का उपयोग इन देशों में स्वास्थ्य सम्बन्धी बुनियादी ढांचे के निर्माण और मजबूती के लिए किया जाएगा ताकि वे भविष्य में महामारी और कोविड जैसी महामारियों के जोखिमों का सामना करने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हो सकें।
विश्व बैंक के अनुसार अब तक इस कोष को भारत सहित 24 दाता देशों से 1.67 बिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता मिली है।
कोष की संरचना
विश्व बैंक, महामारी कोष के ट्रस्टी के रूप में काम करेगा और सचिवालय की मेजबानी करेगा।
महामारी कोष में विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्राप्त तकनीकी कर्मचारी शामिल भी होंगे।
महामारी कोष के संचालन बोर्ड को डब्ल्यूएचओ की अध्यक्षता में एक तकनीकी सलाहकार पैनल द्वारा सलाह दी जाएगी।
इसमें व्यापक वैश्विक महामारी की तैयारी और प्रतिक्रिया सिस्टम के हिस्से के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य विनियमों के साथ जुड़ाव सुनिश्चित करने के लिए वित्त पोषण के प्रस्तावों के तकनीकी गुणों का आकलन करने और सिफारिशें करने के लिए प्रमुख विशेषज्ञ शामिल होंगे।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री: परषोत्तम रूपाला