बांग्लादेश, भारत के बाद दूसरा दक्षिण एशियाई देश और विश्व का 54वां देश बन गया है,जिसने संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) के आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारत ने आर्टेमिस समझौते पर 21 जून 2023 को हस्ताक्षर किए थे और वो इस समझौते में शामिल होने वाल विश्व का 27 वां देश था। आर्टेमिस, नासा के नेतृत्व में चंद्रमा परअनुसंधान और खोज करना , चंद्रमा पर मानव बस्ती स्थापित करना और मंगल ग्रह और उससे आगे की खोज करने का एक समूहिक प्रयास है।
बांग्लादेश का आर्टेमिस समझौते पर हस्ताक्षर समारोह इंटरकॉन्टिनेंटल ढाका होटल में आयोजित बांग्लादेश निवेश शिखर सम्मेलन 2025 के दौरान किया गया था।
नासा ने 13 अक्टूबर 2020 को संयुक्त राज्य सरकार के स्टेट डिपार्टमेंट (विदेश मंत्रालय) के साथ समन्वय में आर्टेमिस समझौते की स्थापना की थी।
आर्टेमिस समझौते के सात संस्थापक देश ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, इटली, जापान, लक्जमबर्ग, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका थे।
आर्टेमिस समझौते का उद्देश्य और उद्देश्य
आर्टेमिस समझौते के तहत, नासा ने आर्टेमिस समझौते के सदस्यों द्वारा सामूहिक रूप से किए जाने वाले भविष्य के अंतरिक्ष अन्वेषण के मानचित्र की घोषणा की है।
आर्टेमिस समझौते के सदस्य 54 देश निम्नलिखित हैं- भारत, बांग्लादेश, अंगोला, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रिया, बहरीन, बेल्जियम, ब्राजील, बुल्गारिया, कनाडा, चिली, कोलंबिया, चेक गणराज्य, डेनमार्क, डोमिनिकन गणराज्य, इक्वाडोर, एस्टोनिया, फिनलैंड, रोमानिया, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, आइसलैंड, आर्मेनिया, ऑस्ट्रेलिया, इजरायल, इटली, जापान, लिकटेंस्टीन, लिथुआनिया, साइप्रस, लक्जमबर्ग, मैक्सिको, नीदरलैंड, न्यूजीलैंड, नाइजीरिया, पनामा, पेरू, पोलैंड, कोरिया गणराज्य, रवांडा, सऊदी अरब, सिंगापुर, स्लोवाकिया, स्लोवेनिया, स्पेन, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, थाईलैंड, यूक्रेन, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और उरुग्वे।
नासा की स्थापना 1958 में संयुक्त राज्य सरकार द्वारा की गई थी।
यह अंतरिक्ष अन्वेषण और अनुसंधान में लगी दुनिया की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी है।
नासा फ्लोरिडा में टैम्पा खाड़ी के पास स्थित केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन या कैनेडी स्पेस सेंटर से अपने अंतरिक्ष रॉकेट प्रक्षेपित करता है।
प्रशासक- जेनेट पेट्रो (कार्यवाहक)
मुख्यालय: वाशिंगटन, डी.सी.