11 अप्रैल 2024 को जारी एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अप्रैल 2024 के नवीनतम एशियाई विकास आउटलुक रिपोर्ट में 2024-25 (एफ़वाई 25) के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के विकास पूर्वानुमान को पहले के 6.7 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दिया है। एडीबी की रिपोर्ट के अनुसार 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.6% रही जबकि 2025-26 में इसकी विकास दर 7.2% होने की उम्मीद है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने अपनी हालिया द्विमासिक मौद्रिक नीति में, एफ़वाई 25 (2024-25) में भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 7% की विकास दर का अनुमान लगाया है।
एडीबी के अनुसार, वैश्विक आर्थिक समस्याओं के बावजूद, भारत अपनी मजबूत घरेलू मांग और सहायक सरकारी नीतियों के कारण वित्त वर्ष 2025 में दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई प्रमुख अर्थव्यवस्था होने की उम्मीद है। एडीबी की रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई है कि मजबूत निवेश, खपत में सुधार और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सेवा निर्यात में बढ़त के कारण भारत एशिया में एक प्रमुख विकास इंजन बनेगा।
एडीबी ने 2024-25 में भारतीय अर्थव्यवस्था की अनुमानित उच्च विकास दर होने के कई कारकों का उल्लेख किया है । इनमें से कुछ प्रमुख हैं:
सरकार द्वारा उच्च पूंजीगत व्यय
एडीबी के अनुसार, केंद्र सरकार का पूंजीगत व्यय 2023-24 की तुलना में 2024-25 में 17% बढ़ जाएगा। पूंजीगत व्यय के लिए केंद्र सरकार से राज्य सरकार को धन के हस्तांतरण से देश के बुनियादी ढांचे क्षेत्र को बढ़ावा मिलने की संभावना है। बुनियादी ढांचे के विकास का अर्थव्यवस्था पर मुख्य रूप से सकारात्मक प्रभाव पड़ता है जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास की गति को बल प्रदान करेगा।
आवास क्षेत्र को बढ़ावा
मध्यम आय वाले परिवारों के लिए शहरी आवास उपलब्ध कराने की केंद्र सरकार की नई पहल से आवास क्षेत्र के विकास को बढ़ावा मिलेगा। इससे भारतीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
स्थिर एवं निम्न मुद्रास्फीति
एडीबी की रिपोर्ट में वित्त वर्ष 25 में मध्यम मुद्रास्फीति दर 4.6% रहने की उम्मीद है, जिसके 2025-26 में गिरकर 4.5% होने की उम्मीद है। बैंक के अनुसार इससे आरबीआई उदार मौद्रिक नीति को अपनाएगा । इसके कारण भारत में ब्याज दर स्थिर या कम रहने की उम्मीद है, जिससे बैंकों द्वारा कंपनियों को अधिक ऋण देने में मदद मिलेगी। इससे अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्र के निवेश को बढ़ावा मिलेगा, उन्हें सस्ती दरों पर ऋण मिलेगा।
इससे विनिर्माण क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता को भी बढ़ावा मिलेगा और संबंधित क्षेत्र से निर्यात भी बढ़ेगा।
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए ख़तरा
एडीबी को उम्मीद है कि अप्रत्याशित वैश्विक उतार-चढ़ाव, जैसे कच्चे तेल बाजारों में आपूर्ति लाइन में व्यवधान और मौसम के झटके जो कृषि उत्पादन को प्रभावित करते हैं, भारत की आर्थिक वृद्धि के लिए प्रमुख जोखिम हैं।
एडीबी ने अनुमान लगाया है कि 2024 और 2025 (जनवरी से दिसंबर) में एशिया में वृद्धि दर 4.9% होने का अनुमान है। चीन की अर्थव्यवस्था की विकास दर 2023 में 5.2% से धीमी होकर 2024 में 4.8% और 2025 में 4.5% होने की उम्मीद है।
मजबूत निवेश, खपत में सुधार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सेवा निर्यात में बढ़त के कारण भारत को एशिया में एक प्रमुख विकास इंजन बनने की उम्मीद है।
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) एशिया प्रशांत क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करने वाला एक क्षेत्रीय बहुपक्षीय विकास बैंक है। इसे 1966 में स्थापित किया गया था।
मुख्यालय: मांडलुयॉन्ग शहर, मनीला, फिलीपींस
अध्यक्ष: मासात्सुगु असकावा (जापान)
सदस्य देश: 68
विभिन्न वैश्विक और भारतीय वित्तीय एजेंसियों के पूर्वानुमान निम्नलिखित हैं (12 अप्रैल 2024 तक)
एजेंसी/संगठन |
2023-24 के लिए सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर का अनुमान |
2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर का पूर्वानुमान |
2025-26 के लिए सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि दर का पूर्वानुमान |
भारतीय रिजर्व बैंक |
8% |
7% |
|
विश्व बैंक |
7.5% |
6.6% |
6.5% |
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष |
6.7% |
6.5% |
6.5% |
एशियाई विकास बैंक |
7.6% |
7% |
7.2 % |
मूडीज़ |
6.8%(जनवरी से दिसंबर 2024) |
6.4% (जनवरी से दिसंबर 2025) |
- |
मॉर्गन स्टेनली |
7.9% |
6.8% |
- |
एस एंड पी ग्लोबल |
7.4% |
6.8% |
7% |
संयुक्त राष्ट्र |
6.2%(जनवरी से दिसंबर 2024) |
6.6(जनवरी से दिसंबर2025) |
- |
ओ ई सी डी |
6.3% |
6.2 % |
6.5% |
फिच रेटिंग |
7.8% |
7.0% |
- |
क्रिसिल |
7.6% |
6.8% |
- |
सिटी बैंक |
6.8% |
||
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक |
7.0% |